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पुलिस ने रोका क्यों नहीं अवैध पटाखा बाजार

प्रशासन ने पटाखा बाजार के लिए परमीशन न देकर कर्तव्य पूरा कर लिया

By JagranEdited By: Published: Sun, 27 Oct 2019 12:28 AM (IST)Updated: Sun, 27 Oct 2019 12:28 AM (IST)
पुलिस ने रोका क्यों नहीं अवैध पटाखा बाजार
पुलिस ने रोका क्यों नहीं अवैध पटाखा बाजार

संसू, हाथरस : सिकंदराराऊ क्षेत्र के कस्बा कचौरा में बिना परमीशन के आतिशबाजी का बाजार सज गया और पटाखों की बिक्री शुरू हो गई, मगर पुलिस प्रशासन ने यह जानने की जहमत भी नहीं उठाई कि बाजार किसकी अनुमति से सजा है। यह प्रशासन की लापरवाही का जीता जागता उदाहरण है। दूसरी ओर आरोप यह लग रहे हैं कि चौकी पुलिस ने पैसे लेकर पटाखा बाजार लगवाए थे।

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कचौरा में करीब तीन दर्जन दुकानें, ढकेल, ठेल, चारपाई एवं तख्त-मेजों पर सजी हुई थीं। जिस जगह पर आतिशबाजी बेची जा रही थी, वह जगह कस्बे से बिल्कुल सटी हुई है। चौकी पुलिस ने आतिशबाजी के बाजार की अनदेखी की, जिससे बड़ा हादसा हो गया। गनीमत यह रही कि किसी की जान नहीं गई, मगर धमाके से आसपास की बिल्डिंगों को नुकसान जरूर पहुंचा है।

स्थानीय लोग चौकी पुलिस पर आतिशबाजी बेचने वालों से साठगाठ कर दुकाने लगवाने का आरोप लगाया है मगर पुलिस इससे साफ इन्कार कर रही है।

अवैध पटाखा बाजार की भूमि

पर चल रहा दो पक्षों में विवाद

जिस जगह पर पटाखा बाजार लगा था उस जगह को लेकर पर पहले से दो पक्षों के बीच विवाद चल रहा है। इसमें तीन वर्ष पूर्व हुए फैसले के तहत यह जमीन वक्फ बोर्ड को दे दी गई थी। हादसे के बाद मुस्लिम समाज के लोग पुलिस चौकी पहुंचे और पुलिस पर गंभीर आरोप लगाने शुरू कर दिए। पुलिस ने बल प्रयोग किया तब भीड़ हटी। लोगों ने चौकी पुलिस पर रुपये लेकर इस जमीन पर अवैध तरीके से पटाखे की दुकानें लगवाने का आरोप लगाया।

पास का नाला काम आया :

लोगों ने आग बुझाने के लिए मैदान के पास से गुजर रहे नाले के पानी का इस्तेमाल किया, जिससे आग पर जल्दी ही काबू पा लिया गया। सिस्टम की सुनो -

जमीन को लेकर किसी प्रकार का कोई विवाद नहीं है। तीन वर्ष पूर्व यह जमीन वक्फ बोर्ड को दे दी गई थी। पांच लोगों को चिह्नित कर लिया गया है। अन्य लोगों की पहचान की जा रही है। कार्रवाई की जाएगी। चौकी पर हंगामे व घेरने जैसी कोई बात नहीं थी।

-विजय कुमार शर्मा, उप जिलाधिकारी सिकंदराराऊ गाव में पटाखे की दुकानों के लिए किसी प्रकार की कोई अनुमति नहीं ली गई थी। सभी दुकानें अवैध रूप से लगाई गई थीं। कोई भी व्यक्ति रिपोर्ट लिखाने के लिए सामने नहीं आया है और न ही किसी के घायल होने की जानकारी है। पुलिस अपनी ओर से रिपोर्ट दर्ज कराएगी।

-डीके सिसौदिया, कोतवाल सिकंदराराऊ


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