प्रधान जी की सीख से बचा रहे पानी
गंगचौली के प्रधान ने लॉकडाउन में कराया रेन वाटर हारर्वेस्टिग प्लांट का निर्माण सजग प्रहरी गांव के करीब सौ लोगों को मनरेगा के तहत मिला लॉकडाउन में रोजगार पहल से गांव के लोगों को गलियों में होने वाले जलभराव से मिली निजात
प्रमोद सिंह, हाथरस : जिस समय पूरा देश कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन से जूझ रहा था। मजदूर रोजगार न होने के कारण परेशान थे, ऐसे समय में ग्राम प्रधान गौरव प्रताप सिंह ने गांव में पानी बचाने की अनूठी पहल शुरू की। गांव के मजदूर वर्ग व युवाओं को इकट्ठा किया और लग गए तालाब खुदवाने में। कुछ ही दिनों में गांव में एक बहुस्तरीय रेन वाटर हार्वेस्टिग प्लांट बनवाकर तैयार कर दिया। लोगो को न सिर्फ रोजगार मिला बल्कि गांव का निष्प्रयोज्य जल उसी में इकट्ठा होने लगा। ग्रामीणों के चेहरे खुशी से खिल उठे। प्रधान जी ने जिले के अन्य प्रधानों के लिए मिसाल पेश की है। लगातार हो रहा जलदोहन
लगातार जलदोहन होने की वजह से आने वाले समय में पानी के लिए यदि विश्व युद्ध हो जाए तो कोई बड़ी बात नहीं। लगातार पानी का स्तर गिरता जा रहा है। लोगों के घरों में लगे समर सेर्विलों की बोरिग खराब होती जा रही है। जल संरक्षण करने के लिए लगातार पूरे देश में जागरूकता अभियान सरकार के अलावा सामाजिक संगठनों के जरिए चलाए जा रहे हैं, लेकिन लोग सुधरने का नाम नहीं ले रहे। लगातार जल का दोहन कर जलस्तर लगातार कम किया जा रहा है। तो प्रधान ने बनवाया प्लांट
हाथरस ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले गांव गंगचौली में हर रोज नालियों में घरों का करीब हजार से लेकर पंद्रह सौ लीटर पानी बेवजह नालियों में बह जाता था। कोरोना संक्रमण फैलने के बाद पूरे देश में लॉकडाउन हुआ तो प्रधान गौरव सिंह ने गांव के बेरोजगार व युवकों को रोजगार देने के साथ गांव को बड़ी समस्या से निजात दिलाने का प्रयास किया। मनरेगा के जरिये रेनवाटर हारवेस्टिग की व्यवस्था कर दी। सात लेयर के मिनी तालाब में गांव की नालियों में बहने वाले पानी के अलावा बारिश का पानी भी जमा होगा। आसपास के प्रधान आ रहे देखने
ग्राम प्रधान गंगचौली की इस पहल को अधिकारियों के अलावा आसपास के ग्रामीणों ने सराहा। आसपास के गांवों में इसी तरह की व्यवस्था हो सके। इसके लिए लगातार दूसरी पंचायतों के प्रधान गांव में आ रहे हैं और ग्राम प्रधान से तरीका पूछ रहे हैं। अन्य पंचायतों के प्रधानों के आने से गौरव भी काफी खुश हैं। पहले पानी नालियों के जरिए कुंडी में जाता है, उसके बाद पाइप के जरिए प्लांट में जाता है। बोले ग्राम प्रधान
लॉकडाउन के दौरान गांव के लोगों के पास काम का अभाव था। गांव में रेन वाटर हारवेस्टिग प्लांट के जरिये सौ से अधिक लोगों को रोजगार मनरेगा के तहत मिला। प्लांट देखने के लिए आसपास के गांव के लोग आ रहे हैं। इससे काफी अच्छा महसूस हो रहा है।
-गौरव सिंह, ग्राम प्रधान गंगचौली (हाथरस ब्लॉक)।
ग्रामीणों के बोल
लॉकडाउन में पारिवारिक स्थिति ठीक नहीं थी। ग्राम प्रधान ने मनरेगा के तहत कार्य कराकर रुपये भी दिए। इसके साथ ही गांव में जल संचय की व्यवस्था भी हुई।
-दंगल सिंह, ग्रामीण लॉकडाउन में मनरेगा के अंतर्गत मिले कार्य से परिवार को बहुत सहारा मिला। गांव में जल संचय की व्यवस्था कर बेहतर कार्य प्रधान जी ने किया है।
लाखन सिंह, ग्रामीण।