पांच साल तक टैक्स मुक्त रहेंगे पालिका में शामिल गांव
मथुरा रोड पर करवन नदी तक होगी हाथरस नगर पालिका की सीमा विस्तार के बाद 60 के करीब हो जाएगी वार्डों की संख्या विस्तार पालिका के नए वार्डों के लिए अगले साल दिसंबर तक होगा उपचुनाव
संवाद सहयोगी, हाथरस : सीमा विस्तार पर मुहर लगने के बाद हाथरस नगर पालिका ने तैयारी शुरू कर दी है। वार्डों के विस्तार और लीगल कार्यवाही के लिए विशेषज्ञों से राय ली जा रही है। शहर की आबादी में करीब दो लाख की बढ़ोत्तरी के साथ ही करीब 35 वार्डों के बढ़ने की संभावना है। सीमा विस्तार के बाद नगर पालिका के कुल वार्डों की संख्या 60 तक पहुंच जाएगी।
सीमा विस्तार से पहले हाथरस नगर पालिका क्षेत्र की कुल आबादी करीब सवा दो लाख है। इतनी ही आबादी और बढ़ने की संभावना है। पालिका में आने के बाद गांवों का विकास कार्य तेजी से होगा। पांच साल तक गांव टैक्स मुक्त रहेंगे। विकास कार्य पूरे होते ही नए इलाकों से टैक्स लेने की प्रक्रिया शुरू होगी। शहर की तरह इन गांवों में भी जलकर, गृहकर आदि टैक्स वसूले जाएंगे। 500 मीटर तक की आबादी पालिका की सीमा में
प्रदेश कैबिनेट में मुहर लगने के बाद बुधवार को ईओ डॉ. विवेकानंद ने नए सीमा क्षेत्र का मुआयना किया। ईओ ने बताया कि मथुरा रोड पर नगर पालिका की सीमा में करवन नदी के आसपास तक रहेगी। इसके लिए बोर्ड और संकेतक लगाने की तैयारी हो रही है। हाथरस से मथुरा की ओर जाते समय करवन नदी तक बाईं ओर 500 मीटर तक का क्षेत्र पालिका की सीमा में आएगा।
नगला उम्मेद के केवल तीन गाटे शामिल
ईओ के अनुसार नगला उम्मेद के केवल तीन गाटे ही पालिका की सीमा में शामिल होंगे। बाइपास के इधर का हिस्सा ही पालिका की सीमा में रहेगा। इसी तरह नगला भुस का आबादी से पहले का हिस्सा पालिका की सीमा में शामिल किया गया है। दिसंबर 2020 तक हो जाएंगे सभासदों के उपचुनाव
2020 के मध्य में ग्राम प्रधानों का कार्यकाल पूरा हो जाएगा। नगर पालिका का कार्यकाल 2022 तक है। ऐसे में पालिका के सीमा में आने वाले गांवों में सभासदों के उपचुनाव कराए जाएंगे। ईओ के अनुसार तहसील से दाखिल खारिज होते ही सीमा विस्तार के बाद बढ़े हुए वार्डों के लिए सभासदों के उपचुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी। अगले साल दिसंबर तक उपचुनाव की प्रकिया पूरी करा ली जाएगी। दाखिल खारिज होते ही नगर पालिका के हो जाएंगे गांव
शासनादेश गुरुवार तक आने की संभावना जताई जा रही है। इसके आते ही नगर पालिका द्वारा जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी के माध्यम से दाखिल खारिज करने के लिए पत्र लिखा जाएगा। डीएम के आदेश पर तहसील द्वारा सीमा विस्तार वाले गांव के दाखिल खारिज होने के बाद पालिका को हस्तांतरित हो जाएंगे। नियमित हो जाएंगी दो दर्जन निर्माणाधीन कालोनियां
पालिका में आने के बाद शहर की सीमा से सटीं करीब दो दर्जन से अधिक कालोनियां भी शहरी सीमा में आ जाएंगी। इनमें वसुंधरा, ग्रीन सिटी, आशीर्वाद गार्डन, गोकुलधाम, प्रगतिपुरम, रत्नगर्भा, विनोद विहार, रावत कॉलोनी आदि का नियमितीकरण हो जाएगा। यहां सीवर, पानी आदि की सुविधाएं सुचारु हो सकेंगी। कालोनियों में भी वर्षों से रुके हुए कार्य गति पकड़ने लगेंगे। फिजिकल व फाइनेंसियल रूप से हैंडओवर होंगे गांव
दाखिल खारिज होने के बाद संबंधित सभी गांव पालिका के हो जाएंगे। इसके लिए फिजिकल रूप में जो भी संसाधन मशीन, उपकरण व अन्य संयंत्र, भवन व जमीन आदि पर पालिका का स्वामित्व हो जाएगा। इसके अलावा फायनेंसियल रूप से संबंधित ग्रामों के विकास के लिए आई धनराशि व उसके जीरो बैलेंस सहित सभी खाते भी पालिका को हैंडओवर करने होंगे। अमृत योजना के पांच जोन बढ़ेंगे
पालिका में आने के बाद इन ग्रामों में विकास कार्य होने लगेंगे। इनमें पेयजल आपूíत के कार्य अमृत योजना के तहत कराए जाएंगे। यह नए वार्ड पांच जोन में विभाजित होंगे। इनमें में प्रत्येक वार्ड में ट्यूबवेल, ओवरहेड टैंक, एक बड़ा पार्क, स्ट्रीट लाइट, शॉपिग कॉम्पलेक्स आदि की सुविधा भी दी जाएगी। पालिकाध्यक्ष का किया स्वागत
नगर पालिका के सीमा विस्तार की जानकारी होते ही बुधवार सुबह तमनागढ़ी, कलवारी, जोगिया आदि गांवों के लोग नगर पालिका अध्यक्ष आशीष शर्मा से मिलने पहुंचे। ग्रामीणों ने इस कार्य की सराहना करते हुए चेयरमैन को फूलमाला पहनाकर स्वागत किया। लोगों ने कहा कि नगर पालिका के सीमा विस्तार से गांव के लोगों को भी अब शहर जैसी सुविधाएं मिल सकेंगी। इनका कहना है
गांव के शहर में आने से खुशी है। अब हमें भी शहर की तरह सुविधाएं मिलने लगेंगी। विकास कार्य भी तेजी से होने लगेंगे। बच्चों को शिक्षा आदि की बेहतर सुविधाएं मिलने लगेंगी।
-आशीष उपाध्याय, ढकपुरा अब शहरों से जुड़ने का लाभ तो मिलेगा पर इसके साथ विभिन्न तरह के टैक्स भी बढ़ जाएंगे। इसका सबसे अधिक लाभ अमीरों को ही होगा। फिर भी शहर में जाने की खुशी तो होगी।
नईम, गिजरौली गांव के शहर में जाने की खुशी है। पर अगली बार यह गांव ग्राम पंचायत से बाहर हो जाएंगे। इससे थोड़ी हताशा भी हो रही है। शहर में आने के बाद गांव के लोगों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
-सर्वेश देवी, ग्राम प्रधान हाथरस देहात गांवों के शहर में शामिल होने से खुशी है। अब इन्हे शहरों की तरह सुविधाएं मिलने लगेंगी। गांव का हिस्सा चले जाने से ग्राम पंचायत क्षेत्र का दायरा कम हो जाएगा।
राज कुमार पौनियां, ग्राम प्रधान कलवारी
वर्जन -
30 गांव शामिल होने के बाद नगर पालिका के वार्डों की संख्या करीब 60 हो जाएगी। दाखिल खारिज होते ही पालिका इसकी कार्यवाही शुरू कर देगी। इन ग्रामों में विकास कार्य तेजी से कराए जाएंगे। विकास कार्य पूर्ण होने में करीब पांच साल लगेगा। इसके बाद ही पालिका कर लगाना शुरू करेगी।
-डॉ. विवेकानंद गंगवार, अधिशासी अधिकारी, नपा. हाथरस