जीटी रोड के गढ्डों से कराह रहे वाहन
सिकंदराराऊ से अलीगढ़ तक एक घंटे का सफर है, लगते हैं तीन घंटे सुन लो सरकार गढ्डों में फंसकर रोज क्षतिग्रस्त व खराब होते हैं दर्जनों वाहन गढ्डों की वजह से कई दुपहिया चालक धो चुके हैं जिंदगी से हाथ
विनय चतुर्वेदी, हाथरस : सिकंदराराऊ से अलीगढ़ तक जीटी रोड पर एक नजर डालें तो भाजपा सरकार का गढ्डामुक्त सड़क का नारा हवाहवाई साबित हो रहा है। इसे देखकर पता नहीं चलता है कि सड़क में गढ्डे हैं या गढ्डों में सड़क। एक घंटे का सफर तय करने में तीन घंटे लगते हैं। इन गढ्डों में फंसकर रोज दर्जनों वाहन क्षतिग्रस्त व खराब होते रहते हैं। गढ्डों की वजह से अब तक कई दुपहिया चालक जिंदगी से भी हाथ धो चुके हैं।
प्रदेश में भाजपा सरकार बनते ही सीएम योगी ने प्रदेश की सड़कें गढ्डा मुक्त करने के निर्देश दिए थे, लेकिन वर्तमान में कानपुर दिल्ली नेशनल हाईवे 91 की हालत बद से बदतर है। अक्सर वाहन चालक कहते हैं कि इस रूट पर चलने में पता नहीं चलता कि सड़क में गढ्डे हैं या गढ्डों में सड़क है। इसी बदहाली की वजह से दिल्ली कानपुर के बीच चलने वाले ज्यादातर वाहनों ने यहां से निकलना छोड़ दिया हैं। वे एक्सप्रेस वे का प्रयोग कर रहे हैं। वहीं बदायूं से अलीगढ़ जाने वाली रोडवेज बसें भी कासगंज से गंगीरी व पनेठी होते हुए अलीगढ़ पहुंच रही हैं। इस सड़क पर चलने वालों की दिक्कतें कम होने का नाम नहीं ले रही है। यदि रास्ते में कोई वाहन खराब हो जाए तो कई किमी लंबा जाम लग जाता है। प्रदेश सरकार एनएचएआइ अथॉरिर्टी पर जिम्मेदारी डाल कर अपना पल्ला झाड़ लेती है। एनएचएआइ जल्द काम फोरलेन बनाने का काम शुरू होने का दावा करती रही है, लेकिन न तो सड़क की मरम्मत हो रही है और न नई सडक बन पा रही है। देश में लंबी दूरी तक माल की ढुलाई के लिए अब तक इसी सड़क का सर्वाधिक प्रयोग होता आया है। पिछले दो दशक से सड़क का चौड़ीकरण होने की बात चल रही है। लेकिन सत्ता में कोई मजबूत पैरवी न करने के कारण यह सड़क उपेक्षित रह जाती है। जबकि यमुना एक्सप्रेस वे, लखनऊ आगरा एक्सप्रेस वे बनाए गए लेकिन जीटी रोड का नंबर नहीं आया।
पब्लिक पीड़ा
सड़क बहुत खराब है। इस पर गाड़ी चलाना मुश्किल हो गया है। सरकारें बात तो बड़ी-बड़ी करती हैं लेकिन जनता की परेशानियों को कोई नहीं समझता। सरकार रोड टैक्स भी लेती है और पेट्रोल डीजल पर भी टैक्स लेती है। फिर भी खस्ता हाल है।
डा. रामकुमार शर्मा
रोजाना अलीगढ आता जाता हूं। आने जाने में तीन गुना समय लग रहा है। सड़क में इतने गढ्डे हो रहे हैं कि लगता ही नहीं यहा सड़क है।
इंद्रदेव पालीवाल
अब तो जीटी रोड की हालत कुछ ज्यादा ही खराब है। जनता की परेशानी को देखते हुए जनप्रतिनिधियों को इसके लिए प्रयास करने चाहिए।
अतुल चौहान सिस्टम की सुनो
सड़क को फोरलेन बनाने का काम अक्टूबर में शुरू हो जाएगा। अलीगढ से मैनपुरी तक जीटी रोड में गढ्डों को भरवाने के लिए चार सितंबर को टेंडर निकलवाया गया है, जिसकी प्रक्रिया पूरी की जा रही है। तब तक ज्यादा गढ्डे होने के कारण जेसीबी से सड़क चौकस करा दी गई है।
-पीपी सिंह, प्रोजेक्ट डायरेक्टर एनएचएआइ