सीबीआइ छापे के बाद गांव में चर्चाओं का बाजार गर्म
सीर के एक व्यक्ति ने फर्जी प्रमाण पत्रों पर पाई थी नौकरी दिल्ली में रहता है फर्जीवाड़ा करने वाला व्यक्ति परिवार सहित।
संस, हाथरस : कोतवाली हाथरस गेट क्षेत्र के गांव सीर में सीबीआइ ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए सरकारी नौकरी व मकान हासिल करने वाले के यहां जाकर पड़ताल की थी। गांव में सीबीआइ के आने की खबर के बाद तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। आरोपित के भाई के बेटे का कहना है कि शिकायत झूठी है। वहीं ग्रामीणों की माने तो आरोपित का गांव में शादी समारोह में आना-जाना था। वह स्वजन के साथ दिल्ली में ही रहे हैं।
खबरों के मुताबिक गांव सीर निवासी रमेशचंद्र मीना की अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र बनवाकर नई दिल्ली स्थित महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड में नौकरी पाने का आरोप लगा। दो साल पहले एसडीओ के पद से वे रिटायर हो गए। 1987 में फर्जी प्रमाण के जरिए दिल्ली के विकास नगर में मकान आवंटित करने का आरोप लगा। शिकायत होने पर सीबीआइ टीम गांव पहुंची और वहां पर पड़ताल की। शुक्रवार को गांव में आरोपित के भाई भोला सिंह के स्वजन ने बताया कि सीबीआइ टीम ने आकर पड़ताल की थी। आरोपित के भतीजे केतन का कहना था कि उनके पूर्वज 120 साल पहले यहां रहने के लिए आए थे। सीबीआइ के आठ सदस्य आए थे। जिन्होंने उनसे व अन्य स्वजन से पूछताछ की। वहीं ग्रामीणों का कहना था कि आरोपित रमेशचंद्र मीना करीब दो माह पूर्व यहां से अपने घर दिल्ली चले गए। जब वे नौकरी में थे तब कभी-कभी गांव आते थे। शादी समारोह में आना-जाना का था। सीबीआइ गांव में आई थी, जिसने कुछ लोगों से पूछताछ की। करीब आधा घंटा तक सीबीआइ के सदस्य गांव में रुके थे। एक ग्रामीण का कहना था कि आरोपित ने हाथरस जंक्शन के एक स्कूल में शिक्षा ग्रहण की थी, लेकिन एमटीएनएल में नौकरी लगने के बाद वो दिल्ली जाकर बस गए। गांव में करीब पांच से दस बीघा जमीन है, जिसे बंटाई पर उठा देते थे।