हिस्ट्रीशीटर की हत्या के बाद अब बेटी को खतरा
हत्या कर शव बिटोरे में जलाने का मामला, हड्डियों से लिया सैंपल पड़ताल -पूरा गांव एक तरफ होने के बाद युवती भाई को लेकर रिश्तेदारी में गई -पूरा गांव एक तरफ और बीमारी से मौत की बात पर ही अडिग
जागरण संवाददाता, हाथरस : हिस्ट्रीशीटर प्रताप चौधरी की हत्या के बाद अब उसकी बेटी सपना को जान का खतरा है। मुकदमा दर्ज कराने के बाद युवती अपने भाई को लेकर रिश्तेदारी में चली गई है। मृतक के परिवार के लोग ही घटना में शामिल हैं तथा पूरा गांव उनके पक्ष में है। इसलिए पुलिस ने भी उसे सुरक्षित जगह जाने की सलाह दी थी। पुलिस की तफ्तीश काफी हद तक अब डीएनए रिपोर्ट पर निर्भर करती है।
मुरसान थाने में 30ए संख्या पर हिस्ट्रीशीटर प्रताप चौधरी की गोवर्धन वाले दिन गोली मारकर हत्या कर दी गई। उसे तीन गोली मारी गई। इसके बाद उसे बिटोरे में ही जला दिया गया। चूंकि पूरे गांव में उसका आतंक था तथा वह सभी को धमकाता रहता था, इसलिए कोई इस घटना के विरोध में आगे नहीं आया। पुलिस को कोई चश्मदीद नहीं मिला। सिवाय मृतक की बेटी सपना के। सपना भी डर की वजह से शिकायत करने थाने नहीं पहुंची थी। चर्चाओं के आधार पर पुलिस गांव पहुंची थी। जब सपना से पूछताछ की तो उसने पूरी घटना की जानकारी दी। इसके बाद भी गांव वाले यही कहते रहे कि हत्या नहीं, बीमारी से प्रताप चौधरी की मौत हुई है। पुलिस से यह भी कहा गया कि उसकी मौत से गांव में शांति ही आएगी, इसलिए तफ्तीश न की जाए। ग्रामीणों की इस तरह की बातें व घटना स्थल को देखने के बाद पुलिस पीछे नहीं हटी तथा सपना को कोतवाली लेकर पहुंची। यहां सीओ सादाबाद योगेश कुमार ने लड़की से पूछताछ की तथा उसकी शिकायत पर मुकदमा भी दर्ज किया। मृतक के तयेरे भाई दिगंबर उर्फ मसना व मान¨सह पुत्रगण साहब ¨सह तथा दिगंबर के बेटे नरेश के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। घटना के बाद से ही आरोपित फरार हैं। उनकी तलाश में शुक्रवार और शनिवार रात को को भी दबिश दी गई, लेकिन वे हाथ नहीं आए।
लिया गया सैंपल :
बिटोरे की राख से कुछ मानव हड्डियां एकत्रित की गई हैं। शनिवार को इन हड्डियों के पोस्टमार्टम की औपचारिकता पूर्ण की गई। इसमें कुछ साबित तो नहीं हुआ, लेकिन हड्डियों से डीएनए सैंपल लिया गया है। इस डीएनए सैंपल को सौतेली बेटी सपना के छोटे भाई के डीएनए से मैच किया जाएगा। पुलिस के अनुसार मृतक प्रताप का बेटा दूसरी पत्नी से है। जबकि लड़की को दूसरी पत्नी साथ लाई थी। पुलिस को नहीं मिल रहा गवाह
प्रताप चौधरी हत्याकांड की विवेचना जितनी सीधी दिखती है, उतनी है नहीं। पुलिस को इस मुकदमे में एक भी गवाह नहीं मिल रहा है। उल्टा लोग इसके विपरीत बोल रहे हैं। उनका कहना है कि बीमारी से मौत हुई और बिटोरे में ही अंतिम संस्कार कर दिया गया। केवल सपना ही है जो हत्या की बात कह रही है। शव जल जाने के कारण गोली लगने की भी पुष्टि नहीं हो पाई है। पुलिस ने राख से बुलेट तलाशने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली।