ढोला गाकर ही माननीय बन गए टीकाराम पुजारी
87 वर्षीय सेवानिवृत्त रेलवे कर्मी नत्थीलाल वर्मा ने किया चुनाव प्रचार के पुराने तरीकों को साझा।
सुशील शर्मा, हाथरस : आजादी के बाद हुए पहले चुनाव से लेकर 75 वर्ष के अमृत महोत्सव में हो रहे विधानसभा चुनाव में प्रचार का स्वरूप बदल गया है। तब चंद लोगों के साथ प्रत्याशी गलियों में घूमकर और चारपाई पर बैठकर मतदाताओं से मिला करते थे। वहीं उनसे बातचीत कर उनके मन की बात सुनते और अपने मन की बात कह लेते थे। बीच-बीच में नारे और ढोला ही मतदाताओं को आकर्षित करते थे। न धनबल का ज्यादा प्रयोग होता था और न ही भीड़ जुटाने के लिए कई दिन पहले इंतजाम किया जाता था। गांव में इस तरीके के चुनाव प्रचार से जीत-हार हो जाती थी।
सहपऊ के गांव नगला बिहारी निवासी नत्थीलाल (86) जो सेवानिवृत्त रेलवे कर्मी हैं। उनके जेहन में पुरानी बातें जिदा हैं। 1952 में जब पहला चुनाव हुआ था, तब इनकी आयु 16 वर्ष थी। उस समय आम आदमी की तरह नेता घर पहुंचते थे। अपनी पार्टी के प्रत्याशियों के लिए वोट मांगते थे। उस दौर में कांग्रेस के नेता हर गांव में नहीं पहुंच पाते थे। क्षेत्र के संभ्रांत व्यक्ति ही गांवों में जाकर किसे वोट देना है, यह बता देते थे। लोग उनकी बातों पर ही वोट डालते थे। अब समय बदल गया है। हाईटेक का जमाना है। अब चुनाव प्रचार ने मतदाताओं के पास जाने का तरीका ही बदल दिया है। सादाबाद विधानसभा क्षेत्र से पहले कुंवर अशरफ अली खां विधायक बने थे। क्षेत्र में उनकी काफी अच्छी छवि थी। जातिवाद का नाम नहीं था।
दूसरा चुनाव ढोला गाकर ही जीत गए
दूसरा चुनाव 1957 में निर्दलीय प्रत्याशी टीकाराम पुजारी ने ढोला गाकर कुंवर अशरफ अली खां को मात देकर विधायक बने थे। उनके लिए लोगों ने ही चुनावी चंदा भी एकत्रित किया था। तब कोई भी प्रत्याशी जब किसी गांव में पहुंचता था तो उसके साथ कम ही लोग होते थे। ग्रामीण उन्हें दूध व छाछ पिलाते थे। चारपाइयों पर बैठक कर ही बातचीत हुआ करती थी। प्रत्याशियों का चुनावों में अधिक पैसा खर्च नहीं होता था। केवल झंडा व बिल्ला से प्रचार हो जाता था। ट्रैक्टर ट्राली से होता था चुनाव प्रचार
वर्ष 1970 के बाद चुनाव प्रचार का तरीका बदल गया और अब भी बदल रहा है। पहले टोली बनाकर ट्रैक्टर-ट्राली में भरकर चुनाव प्रचार किया जाता था। जीतने के बाद कोई भी विधायक किसी से शिकायत नहीं करता था कि उन्हें वोट नहीं दिया। हर किसी का काम करते थे।