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मिथाइल अल्कोहल व यूरिया से बना रहे थे जहरीली शराब

हाथरस जंक्शन पुलिस ने गांव मोहब्बतपुरा में नकली शराब की फैक्ट्री का किया पर्दाफाश भारी मात्रा में शराब बरामद शिकंजे में शातिर दो शातिर सहित पांच लोग गिरफ्तार मुठभेड़ में सिपाही भी हुआ घायल 34 पेटी देसी शराब तैयार मिली ड्रम में 150 लीटर कची शराब पड़ी थी

By JagranEdited By: Published: Wed, 04 Dec 2019 12:45 AM (IST)Updated: Wed, 04 Dec 2019 12:45 AM (IST)
मिथाइल अल्कोहल व यूरिया से बना रहे थे जहरीली शराब
मिथाइल अल्कोहल व यूरिया से बना रहे थे जहरीली शराब

जागरण संवाददाता, हाथरस : हाथरस जंक्शन के गांव मोहब्बतपुरा में मिथाइल अल्कोहल (मेथेनॉल) व यूरिया से जहरीली देसी शराब बनाई जा रही थी। शातिर सेंट्रो कार से तैयार शराब को सील पैक बोतलों में एटा, कासगंज व अलीगढ़ के गांवों में सप्लाई करते थे। पुलिस ने सोमवार शाम मुठभेड़ में पांच लोगों को गिरफ्तार किया। आरोपितों ने अपने बचाव में फायरिग भी की जिससे सिपाही के दाहिने हाथ से गोली छूकर निकल गई। पास से गोली चलने के कारण हाथ झुलस गया।

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एएसपी सिद्धार्थ वर्मा ने कोतवाली हाथरस जंक्शन पर प्रेस वार्ता कर घटनाक्रम की जानकारी दी। बताया कि एसएचओ हाथरस जंक्शन मनोज शर्मा व एसआइ विपिन यादव को सूचना मिली थी कि गांव मोहब्बतपुरा निवासी राजू उर्फ एमएलए उर्फ अवधेश अपने ट्यूबवेल पर देसी शराब बनाने का कार्य कर रहा है। उसके साथ भूरा उर्फ अरविद निवासी कुंडा, हाथरस जंक्शन भी शामिल है। भूरा शातिर अपराधी है तथा पिछले साल ही नकली शराब बनाने के मामले में जेल गया था। सोमवार शाम लगभग चार बजे पुलिस टीम ने मोहब्बतपुरा के जंगल व उससे लगे खेतों में घेराबंदी की। पांच लोग शराब बनाने के काम में जुटे थे तथा तैयार पेटियां उठाकर पुलिस की ओर ही आ रहे थे। पुलिस के करीब आने पर भूरा ने हाथ में लगे तमंचे से सीधे सिपाही अजय कुमार पर फायर किया। तमंचा तनते ही अजय झुक गए थे। जिससे गोली उनकी बाएं हाथ से पीछे की तरफ से छूकर निकली। गोली छू जाने से अजय घायल हो गए। जब तक भूरा दूसरी गोली लोड करता बाकी पुलिस कर्मियों ने उसे व उसके साथियों को दबोच लिया। भूरा व राजू के अलावा वहां काम कर रहे अजीत निवासी कुंडा, कीर्तिपाल निवासी मोहब्बतपुरा व राकेश निवासी नवलगढ़ी को भी गिरफ्तार किया।

पुलिस ने पांचों के खिलाफ नकली शराब बनाने तथा रैपर लगाकर बेचने पर धोखाधड़ी, एक्साइज एक्ट तथा पुलिस पर जानलेवा हमले की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। मंगलवार को इन्हें कोर्ट में पेश कर जेल भेजा गया। यह सामान हुआ बरामद

खेत से पुलिस को 34 पेटी देसी शराब तैयार मिली। इसके अलावा प्लास्टिक की कैन व ड्रम में 150 लीटर कच्ची शराब, एक ड्रम में 140 लीटर मेथेनॉल केमिकल, एक बोतल में तीन लीटर रंग, 3 किलो यूरिया खाद, छह हजार खाली प्लास्टिक की बोतलें, पांच सौ रैपर, 350 ढक्कन, 450 हेलो ग्राम, बोतल सील करने वाली मशीन, 70 खाली कार्टन, सेंट्रो कार, पैशन बाइक आदि सामान बरामद किया गया है।

अनुपात बिगड़ते ही जानलेवा हो जाती है यह शराब

हाथरस : साल की शुरुआत में ही उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड में जहरीली शराब के कारण कई लोगों की मौत हुई थी। इन मौतों के बाद सरकार गंभीर हुई तथा सभी जिलों में सख्ती हुई। इसके बाद भी हाथरस जंक्शन के गांव में चोरी छिपे नकली शराब बनाने का काम चल रहा था। पकड़े गए भूरा को पुलिस ने पिछले साल ही नकली शराब बनाने के मामले में दबोचकर जेल भेजा था। बाहर आने के बाद वह फिर इसी काम में जुट गया।

मेथेनॉल का हो रहा इस्तमाल

देसी शराब में इथेनॉल केमिकल का प्रयोग किया जाता है। इथेनॉल गन्ने के रस, ग्लूकोज, शीरा, महुए का फूल, आलू, चावल, जौ, मकई जैसे किसी स्टार्च वाली चीजों से निकाला जाता है। इसके प्रयोग से निर्मित शराब को ही बिक्री की अनुमति होती है। प्राकृतिक चीजों से बनने के कारण यह महंगा होता है। इसलिए अवैध रूप से शराब बनाने वाले इथेनॉल की जगह मेथेनॉल यानी मिथाइल अल्कोहल का प्रयोग करते हैं। पीबीएएस इंटर कॉलेज के रसायन विज्ञान के प्रवक्ता मनोज शर्मा ने बताया कि मेथेनॉल इंडस्ट्रियल प्रोसेस से तैयार होता है। इसमें कार्बन मोनोऑक्साइड, कार्बन डाईऑक्साइड व हाइड्रोजन का इस्तेमाल होता है। इसी वजह से यह जहरीला होता है। इसके सेवन से मनुष्य के अंग काम करने बंद कर देते हैं तथा उसकी मौत हो जाती है।

अनुपात में गड़बड़ी ले लेती है जान

भूरा, राजू व उनके साथी देसी शराब में मिलावट नहीं कर रहे थे, बल्कि नकली शराब बना रहे थे, जिसमें मेथेनॉल, यूरिया व ऑक्सीटोसिन का प्रयोग किया जा रहा था। मेथेनॉल व यूरिया के अनुपात में गड़बड़ी पीने वाले की तत्काल जान ले लेता है या धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुंचता है। एक-एक अंग प्रभावित होना शुरू हो जाते हैं। पिछले साल जेल गया था भूरा

भूरा उर्फ अरविद को हाथरस जंक्शन पुलिस ने दो सितंबर 2018 को जेल भेजा था। उसके चचेरे भाई जीतू व पांच अन्य लोगों को भी जेल भेजा गया था। भूरा तब गांव कुंडा में अपने ही ट्यूबवेल पर नकली शराब बनाने का काम कर रहा था। कुछ महीने बाद जेल से बाहर आने के बाद ठिकाना बदलकर वह फिर से इसी काम में जुट गया। ये लोग एटा, कासगंज, अलीगढ़ के गांवों में देसी शराब सप्लाई करते रहे हैं। ठेके पर काम करने वाले कर्मियों से भी इनके लिक हैं। ढाबों पर भी सप्लाई जाती है। अब खुलेगी हिस्ट्रीशीट

एएसपी सिद्धार्थ वर्मा ने बताया कि भूरा शातिर अपराधी है। हत्या व जानलेवा हमले में जेल जा चुका है। जानलेवा हमले के मामले में दस साल कैद की सजा भी हो चुकी है। यही वजह रही कि वह पुलिस पर फायर करने में बिल्कुल नहीं झिझका। उन्होंने बताया कि थाने पर इसकी हिस्ट्रीशीट खोली जाएगी। इन पर गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई होगी। पुलिस टीम को 20 हजार रुपये इनाम देने की घोषणा की गई है।


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