बूलगढ़ी कांड में मृतका की बरसी आज, प्रशासन अलर्ट
हमले के 14 दिन बाद युवती ने दिल्ली में तोड़ा था दम गांव में आने जाने वालों पर रहेगी पुलिस की नजर।
जासं, हाथरस : चंदपा थाना क्षेत्र का गांव बूलगढ़ी एक साल पहले ही देशभर में चर्चाओं में आया था। जानलेवा हमले के बाद यहां की युवती ने 29 सितंबर 2020 को ही सुबह दिल्ली में दम तोड़ा था। रात में शव पहुंचने पर गांव में बखेड़ा हुआ, फिर पुलिस-प्रशासन ने देर रात जबरन उसका दाह संस्कार करा दिया था।
इस घटना के बाद एक साल गुजर गया। तब से बहुत कुछ बदल चुका है। अब गांव के हालात सामान्य हैं। चारों आरोपित जेल में हैं। सुनवाई कोर्ट में चल रही है। मृतका के परिवार की सुरक्षा में सीआरपीएफ मुस्तैद है। बुधवार को गांव की बेटी की बरसी के चलते पुलिस-प्रशासन अलर्ट है, क्योंकि बीच-बीच में कुछ संगठन शांति व्यवस्था में व्यवधान पैदा करते रहते हैं। हालांकि, किसी संगठन द्वारा कोई कार्यक्रम की बात समाने नहीं आई है, लेकिन स्थानीय पुलिस एहतियातन गांव में आने-जाने वालों पर कड़ी नजर रखेगी।
पिछले साल 14 सितंबर को बूलगढ़ी में अनुसूचित जाति की युवती पर हमला हुआ था। तब युवती के भाई ने गांव के ही संदीप के खिलाफ जानलेवा हमले में मुकदमा दर्ज कराया था। बाद में युवती के बयानों के आधार पर रवि, रामू और लवकुश के नाम और धाराएं बढ़ाई गईं। युवती का इलाज अलीगढ़ के मेडिकल कालेज में चला। वहां से 28 सितंबर को युवती को दिल्ली रेफर किया गया जहां सफदरजंग अस्पताल में 29 सितंबर की सुबह उसकी मौत हो गई थी।
सियासत के दखल के बाद यह प्रकरण सुर्खियों में आ गया। देशभर के नेता, संगठनों से जुड़े लोग बूलगढ़ी पहुंचने लगे थे। एसआइटी की जांच के बाद एसपी समेत पांच पुलिसकर्मियों पर निलंबन की कार्रवाई हुई जिन्हें अब बहाल किया जा चुका है। इसकी जांच सीबीआइ ने की और चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की। सीबीआइ ने 104 लोगों को गवाह बनाया है जिसमें से 16 लोगों की गवाही हो चुकी है। अब तक 29 तारीखें पड़ चुकी हैं। दोनों पक्षों को कोर्ट के फैसले का बेसब्री से इंतजार है। एक साल से घर में रखी हैं अस्थियां
29 सितंबर को युवती की मौत के बाद देर रात दो बजे बवाल के बीच अंतिम संस्कार पास के ही खेत में किया गया था। स्वजन ने पहले अस्थियां उठाने से इन्कार कर दिया था। बाद में डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी और अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी गांव पहुंचे और समझाया तब स्वजन ने अस्थियां एकत्रित कीं, लेकिन विसर्जन अभी तक नहीं किया है। मृतका के भाई और पिता ने बताया कि वे कोर्ट के निर्णय का इंतजार कर रहे हैं। आरोपितों को सजा मिलने के बाद ही अस्थियों का विसर्जन करेंगे। पंचायतों को लेकर
सतर्क है प्रशासन
भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर के 23 सितंबर को बूलगढ़ी आने के दौरान दो कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट के मामले में राष्ट्रीय सवर्ण परिषद के अध्यक्ष पंकज धवरैया समेत 40-50 लोगों के खिलाफ मुकदमे के विरोध में बघना गांव में पंचायत हो चुकी है। पंचायतों को लेकर भी पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी अलर्ट हैं। बूलगढ़ी गांव में अब सब कुछ सामान्य है। सीआरपीएफ परिवार की सुरक्षा में लगी है। बुधवार को मृतका की बरसी है। इसको लेकर सतर्कता रखी जा रही है।
-विनय जायसवाल, एसपी हाथरस