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तेज आवाज वाले पटाखों से तौबा

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सक्रिय हुआ स्थानीय प्रशासन त्योहारी तैयारी -एसडीएम, सीओ व सीएफओ ने लाइसेंस धारकों के यहां की चे¨कग रिहायशी इलाकों में डिस्प्ले के लिए भी नहीं रखे जाएंगे पटाखे

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Oct 2018 01:24 AM (IST)Updated: Thu, 25 Oct 2018 01:24 AM (IST)
तेज आवाज वाले पटाखों से तौबा
तेज आवाज वाले पटाखों से तौबा

जागरण संवाददाता, हाथरस : आतिशबाजी के लिए समय सीमा व पटाखों की क्षमता सुप्रीम कोर्ट ने तय कर दी है। वायु व ध्वनि प्रदूषण पर रोक के लिए यह कदम उठाया गया है। इसके मद्देनजर बुधवार को एसडीएम सदर ने सीओ सिटी व चीफ फायर ऑफिसर के साथ शहर में आतिशबाजी विक्रेताओं के यहां चे¨कग की। उन्हें नए नियमों के बारे में बताया तथा उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी। अधिकारियों ने साफ कर दिया है कि रिहायशी इलाकों में पटाखों की बिक्री नहीं होगी।

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अधिकारियों ने तेज आवाज वाले पटाखों से तौबा करने की हिदायत दी और कहा कि सुप्रीम कोर्ट के नए आदेशों में कम धुएं व कम आवाज वाले पटाखों से ही आतिशबाजी की अनुमति है। इन पटाखों को ग्रीन पटाखा नाम दिया गया है। ग्रीन का मतलब यहां सुतली बम नहीं, बल्कि इसका ताल्लुक पर्यावरण से है। एसडीएम सदर एके ¨सह व सीओ सिटी सुमन कनौजिया ने बताया कि अब तक 160 डेसिबल तक के पटाखों की धड़ल्ले से बिक्री होती थी। ये आवाज काफी तेज होती है तथा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। बच्चे व वृद्ध लोगों की सुनने की क्षमता भी छीन सकते हैं। इसलिए पटाखों की आवाज की सीमा घटाई गई है। कितने डेसिबल की गई है, इसपर मंथन चल रहा है, जल्द ही फैसले की जानकारी दे दी जाएगी।

नए नियमों की जानकारी देने के लिए अधिकारी शाम को शहर में निकले। सीएफओ अर¨वद कुमार भी साथ थे। टीम सबसे पहले बुर्जवाला कुआं पर पहुंची। इसके बाद घंटाघर पर लाइसेंस धारकों की दुकानों को चेक किया गया। लाइसेंस धारकों को समझाया कि वे पटाखों का डिस्प्ले भी नहीं कर सकते। कुछ दुकानों पर अधिकारियों को पटाखे मिले, जिसपर नाराजगी जताई गई। लाइसेंस धारकों ने सफाई दी कि वे यहां केवल फुलझड़ी जैसे बच्चों से संबंधित पटाखे रखते हैं। अधिकारियों ने हर तरह की आतिशबाजी रिहायशी इलाके से हटाने के निर्देश दिए। ऐसा न करने पर अगली बार चे¨कग में कार्रवाई की चेतावनी दी। लाइसेंस धारकों ने पटाखे हटाने का आश्वासन दिया।

इसके बाद अधिकारी नवीपुर स्थित दारूकूटा गली भी पहुंचे। इस साल यहां आतिशबाजी निर्माण के दौरान धमाका हो गया था। अंगूरी देवी का लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं हुआ था, फिर भी वहां पटाखे बनाए जा रहे थे। हादसे में अंगूरी देवी के बेटे की मौत हो गई थी। पुलिस ने अंगूरी देवी के घर में छानबीन की, लेकिन यहां आतिशबाजी से संबंधित कोई सामान नहीं मिला। इसके अलावा इसी मोहल्ले के लाइसेंस धारक विनोद व लोकेश के यहां भी चे¨कग की गई। इन लोगों को हिदायत दी गई कि लाइसेंस में नियत जगह पर ही निर्माण किया जाएगा तथा तेज आवाज वाले पटाखे न बनाए जाएं। सीओ सिटी ने बताया कि अब लगातार चे¨कग की जाएगी।


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