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क्रिकेटर धौनी के नाम फर्जी कंपनी बनाकर ठगने वाले तीन गिरफ्तार

लोन देने के नाम देशभर में ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, मास्टरमाइंड समेत तीन फरार शिकंजे में हैदराबाद की महिला की शिकायत के बाद पुलिस को मिली कामयाबी हाथरस के दो और बुलंदशहर का एक शातिर आया पुलिस की गिरफ्त में

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Dec 2018 05:20 AM (IST)Updated: Wed, 19 Dec 2018 05:20 AM (IST)
क्रिकेटर धौनी के नाम फर्जी कंपनी बनाकर ठगने वाले तीन गिरफ्तार
क्रिकेटर धौनी के नाम फर्जी कंपनी बनाकर ठगने वाले तीन गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, हाथरस : चर्चित क्रिकेटर एमएस धौनी के नाम पर फर्जी फाइनेंस कंपनी बनाकर लोन दिलाने के बहाने ठगी करने वाले तीन शातिरों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इनमें से एक बुलंदशहर व दो हाथरस के हैं। यह गिरोह देशभर में ठगी कर रहा था। फर्जी 'धौनी फाइनेंस कंपनी' का भांडा तब फूटा, जब ठगी का शिकार हुई हैदराबाद की महिला की शिकायत पर हाथरस पुलिस ने जांच शुरू हुई। बुलंदशहर निवासी गैंग का मास्टरमाइंड और हाथरस में रहने वाले उसके दो साथी अभी फरार हैं।

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एएसपी सिद्धार्थ वर्मा ने मंगलवार देर शाम कोतवाली हाथरस गेट पर घटना का पर्दाफाश किया। एएसपी ने बताया कि 10 दिसंबर को हैदराबाद (तेलंगाना) के हिमगिरि नगर निवासी शालिनी पड़सला ने उनके वाट्सएप नंबर पर ठगी की पूरी कहानी बताई। शालिनी ने बताया कि इंडिया बुल्स धौनी फाइनेंस कंपनी का कर्मचारी बताते हुए उन्हें कॉल आई। फोन कर्ता ने उनकी जरूरतें पूछीं और 15 लाख रुपये का लोन दिलाने का भरोसा दिया। शातिरों ने लोन मंजूरी का फर्जी लेटर भी भेज दिया। इसमें धोनी की जगह धानी दर्ज था। फिर, महिला से ऑफर लेटर के नाम पर 5,500, सैंक्शन लेटर के नाम पर 10,500, इंश्योरेंस के नाम पर 20,500 व आरटीजीएस के लिए 10,500 रुपये बैंक खाते में डलवा लिए। लोन न मिलने पर शालिनी ने इंडिया बुल से संपर्क किया। वहां से पता चला कि कॉल करने वाले फर्जी हैं। तब, हाथरस पुलिस तक शिकायत हुई और धोखाधड़ी व आइटी एक्ट में रिपोर्ट लिखी गई।

पुलिस ने बताए बैंक खाते व दो मोबाइल नंबरों की छानबीन शुरू की। पता लगा कि पंजाब नेशनल बैंक की मधुगढ़ी शाखा में अमित कुमार पुत्र भगवान ¨सह निवासी गांव ऐंहन, हाथरस जंक्शन के खाते में पैसे डाले गए हैं। जिन नंबर से कॉल किया गया था, वह नंबर भी इसी खाते में दर्ज था। पुलिस ने अमित को उठाया। फिर, अरुण पुत्र अमृत ¨सह निवासी गांव डेहर खेरिया, चंदपा (हाथरस) व देवेंद्र पुत्र जयप्रकाश ¨सह निवासी भोजगढ़ी, अरनियां (बुलंदशहर) भी पकड़ में आ गए। तीनों के पकड़ते ही कहानी साफ हो गई। मंगलवार को हाथरस गेट इंस्पेक्टर योगेश सिरोही व सर्विलांस प्रभारी सुधीर राघव ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया। बुधवार को कोर्ट में पेश करेंगे। एएसपी के मुताबिक गैंग का सरगना पप्पू पुत्र सुरेश निवासी ग्वारौली, अरनिया (बुलंदशहर), गौरव सिसौदिया व अंकुर सिसौदिया निवासी भिलोकरी, हाथरस जंक्शन अभी फरार हैं।

बुलंदशहर का पप्पू है मास्टर माइंड

धोनी के नाम पर फर्जी फाइनेंस कंपनी बनाकर शातिरों ने देशभर के लोगों को ठगा है खुली कलई

-हाथरस के युवकों को लालच देकर किया गिरोह में शामिल

-सदस्यों को सिर्फ कमीशन देता था, सारी रकम खुद हजम करता था जागरण संवाददाता, हाथरस : क्रिकेटर महेंद्र ¨सह धौनी के नाम पर फर्जी फाइनेंस कंपनी व वेबसाइट बनाकर ठगी करने वाले गिरोह का सरगना बुलंदशहर के ग्वारौली निवासी पप्पू पुत्र सुरेश है। एएसपी सिद्धार्थ वर्मा के मुताबिक पप्पू से ही इस खेल की शुरुआत हुई। उसी ने युवकों को अच्छी कमाई का लालच दिया और बैंक खाते व फोन नंबर की खातिर उन्हें अपने गिरोह में शामिल कर लिया। दो साल से ठगी का खेल :

बुलंदशहर से यह ठगी का खेल दो साल से चल रहा है। पप्पू फोन पर लोगों को ठगने काम करता था, जिसमें बुलंदशहर का देवेंद्र भी शामिल था। गांव आसपास होने के कारण दोनों एक-दूसरे को जानते थे। देवेंद्र के गांव में अरुण निवासी खेरिया, चंदपा की बहन की शादी हुई है। बहन के यहां आने-जाने के दौरान एक साल पहले देवेंद्र व अरुण की मुलाकात हुई। देवेंद्र ने रुपये का लालच देकर गिरोह में उसको शामिल किया तथा पप्पू से भी मिलवाया। देवेंद्र व पप्पू ने अरुण पर जरूरतमंद नवयुवकों को गिरोह से जोड़ने का दबाव डाला। अरुण व गौरव पहले से ही एक-दूसरे के दोस्त थे। अरुण ने गौरव सिसौदिया निवासी भिलोकरी को 15 हजार रुपये प्रत्येक क्लाइंट को मिलने का लालच दिया और पीएनबी, हाथरस में उसका खाता खुलवा दिया। भिलोकरी व ऐंहन गांव आमने-सामने हैं। इसलिए गौरव की दोस्ती अमित से थी। अमित इंटर में पढ़ रहा है। लालच में वह भी शामिल हो गया। अमित को 5 हजार रुपये प्रति क्लाइंट का लालच देकर उसका भी खाता खुलवा लिया। अमित व गौरव ने खाते खुलवाकर अपने एटीएम कार्ड अरुण को दे दिए तथा अरुण ने कार्ड बुलंदशहर में पप्पू तक पहुंचा दिए। हाथरस का बताकर पप्पू ही कॉ¨लग कराता था तथा रकम यहां ट्रांसफर होती थी। रुपये आते ही एटीएम से वह निकाल लेता था तथा हाथरस के युवकों को उनके खातों का प्रयोग करने का कमीशन मिल जाता था। धानी के नाम से देते

थे सैंक्शन लेटर

एएसपी के अनुसार ये लोग पिछले दो साल में देश भर के सैकड़ों लोगों से ठगी कर चुके हैं। फोन पर नाम इंडिया बुल व धौनी का लेकर लोगों को विश्वास में लेते थे। इसके बाद फर्जी कंपनी 'धानी फाइनेंस' के लेटर हेड पर लोन सैंक्शन लेटर तैयार कर ई-मेल से भेजते थे। लेटरहेड पर इस कंपनी का पता जयपुर, राजस्थान दिया गया है। इससे क्लाइंट आसानी से फंस जाता था। पुलिस पप्पू को गिरफ्तार करने में लगी है। वह गांव से फरार है। इसलिए अभी तक कितने लोगों को ठगा तथा कितने रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ, इसकी जानकारी पुलिस को नहीं मिल सकी है। पकड़े गए युवक जुड़ने के बाद एक साल में लगभग दो-दो लाख रुपये ही कमा सके हैं।

सिपाही भर्ती परीक्षा पास कर चुका है अरुण

हाथरस : जल्दी धनवान बनने के लालच में युवा पीढ़ी धोखाधड़ी के ट्रैक पर दौड़ रही है। इस गिरोह को चलाने वाले युवक पढ़े-लिखे हैं। अमित कुमार गांव के पास ही एक स्कूल से इंटर कर रहा है। पिता किसान हैं। वहीं, अरुण कुमार इंटर कर चुका है। इस बार हुई सिपाही भर्ती परीक्षा भी उसने पास कर ली है। पुलिस के अनुसार अरुण परिवार में इकलौता लड़का है। उसकी पांच बहनें हैं। उधर, देवेंद्र केवल हाईस्कूल तक पढ़ा है। खेतीबाड़ी के अलावा यह ठगी का काम करता है। देशभर में ठगी का जाल रचने वाले युवकों की गतिविधियों से घर वाले भी अनजान थे।


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