इस बार हजार रुपये अधिक मिल रहा मंडी में धान का मूल्य
धान की आवक मंडियों में बढ़ गई है। फड़ों के घिरे होने से मंडी में सड़क पर कांटे लगाकर धान की तोलाई की जा रही है।
संवाद सहयोगी, हाथरस : धान की आवक मंडियों में बढ़ गई है। फड़ों के घिरे होने से मंडी में सड़क पर कांटे लगाकर धान की तोलाई की जा रही है। ट्रैक्टर ट्राली व लोडर वाहन के खड़े होने से मंडी में जाम लग रहा है। धान की कीमत अच्छी मिलने से किसानों के चेहरे खिले हुए हैं।
इस बार धान की बंपर पैदावार हुई है। मंडी धान से अटी पड़ी है। चारों ओर धान ही धान दिखाई दे रहा है। ट्रैक्टर ट्रालियों और लोडर में धान लादकर किसान सुबह ही मंडी में पहुंच जाते हैं। मंडी में धान के बाद कपास की फसल ही सर्वाधिक दिख रही है।
हजार रुपये अधिक कीमत
धान की फसलों में सबसे अधिक 1509 की फसल आ रही है। इसके अलावा पीटेन, सरबती, सुगंधा प्रजाति का धान मंडी में पहुंच रहा है। यह भी धान बासमती प्रजाति का है। इसमें 1509 की कीमत 2900-3000 रुपये प्रति कुंटल तक पहुंच गई है। पिछले वर्ष यही धान 2000 रुपये कुंटल में बिका था। पहुंच चुका 55 हजार एमटी धान
मंडी में 15 दिन में करीब 30 हजार मीट्रिक टन धान आ चुका है। इस सीजन में अब तक मंडी में करीब 55 हजार मीट्रिक टन धान पहुंच चुका है। कीमतें अच्छी मिलने से मंडी में अलीगढ़, मथुरा, एटा से धान पहुंच रहा है। ट्रैक्टर ट्राली व लोडरों के चलते मंडी में दिन में जाम लग रहा है। इस साल धान की कीमत
धान, कीमत
1509, 2800
पीटन, 3100
सरबती, 2200
सुगंधा, 2600
(कीमत रुपये प्रति कुंटल)
इनका कहना है-
मंडी में धान की फसल का मूल्य पिछली बार की अपेक्षा अधिक मिल रहा है। फिर भी यह किसानों की अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं हैं।
-अनूप सिंह, किसान किसानों की फसल का मूल्य किसान नहीं आढ़ती व व्यापारी तय करते हैं। मजबूरी में किसानों को उसी मूल्य पर धान बेचना पड़ रहा है।
-यादराम शर्मा, किसान मंडी में किसानों की मनमानी चल रही है। अधिक लागत आने के बाद भी किसानों को धान की फसल का वाजिब मूल्य नहीं मिल पा रहा है।
-अनोखे सिंह, किसान मंडी इस समय सबसे अधिक धान बासमती प्रजाति का आ रहा है। क्रय केंद्रों पर खरीदे जाने वाले मोटे धान की आवक अभी शुरू नहीं हुई है।
-यशपाल सिंह, मंडी सचिव