30 प्रधानों ने खुद को बताया श्रेष्ठ
परफारमेंस ग्रांट पाने को सरकार ने तय की थी विकास कार्यो की कसौटी कवायद -अब जनपदीय कमेटी तय करेगी इनकी श्रेष्ठता की कसौटी तय -खरा उतरने पर ही ग्राम पंचायत क्षेत्र के विकास के लिए धन जारी होगा
संवाद सहयोगी, हाथरस : गांवों की 30 सरकारों ने विकास कार्यों की कसौटी पर खुद को श्रेष्ठ बताते हुए परफारमेंस ग्रांट पाने की दावेदारी की है। अब देखना यह है जिला स्तरीय कमेटी के मानकों पर कितनी ग्राम पंचायतें खरा उतर पाएंगी।
निजी श्रोतों से आय बढ़ाने वाली ग्राम पंचायतों से शासन स्तर पर 15 सितंबर तक आनलाइन आवेदन मांगे गए थे, ताकि उन्हें शासन स्तर पर रोकी जाने वाली 10 फीसद ग्रांट जारी की जा सके। इसके लिए सभी पंचायतों की निजी आय का लेखा जोखा शासन ने मांगा था। गांवों के चहुंमुखी विकास के लिए यह जरूरी है कि केंद्र व राज्य सरकारों के साथ गांव की सरकार भी विकास के कार्यों में समान रूप से शामिल हो। विकास कार्यों में परिस्थितियों के विश्लेषण से लेकर उनमें विकास के लिए योजना बनाना, उन्हें क्रियान्वित करने के लिए संसाधन (आय) को जुटाना, क्रियान्वयन के दौरान समुचित देख-रेख, योजना के व्यय और उससे संबंधित खातों का प्रबंधन तथा योजना से होने वाले लाभ के मूल्यांकन के आधार पर नई परिस्थितियों का विश्लेषण करना गांव की सरकार की जिम्मेदारी है। पिछले अनुभवों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि गांव की सरकारों द्वारा अभी तक सबसे कम ध्यान स्वयं की आय को बढ़ाने पर दिया गया है, जबकि संविधान के 73वें संशोधन द्वारा स्थापित धारा 243(जी) में कहा गया है कि राज्य सरकारों द्वारा इस प्रकार के उपाय किए जाएंगे कि गांव की सरकार अपने क्षेत्र में रहने वाले लोगों के आर्थिक विकास के साथ सामाजिक न्याय को सुनिश्चित करने वाली योजना बनाए। इसके लिए गांव की सरकार अपनी स्वयं की आय बढ़ाने के लिए कर, फीस या शुल्क लगाकर इस कर को इकठ्ठा करें। पंचायतों को वित्तीय अधिकार दिलाने के लिए राज्य स्तर पर इसी उद्देश्य से राज्य वित्त आयोग का गठन किया गया है। भारत सरकार के 14वें वित्त आयोग द्वारा दी गई अनुशंसाओं में ग्राम पंचायतों द्वारा स्वयं की आय को बढ़ाने की बात पर जोर देते हुये 10 फीसद परफॉर्मेंस ग्रांट को इसी से जोड़ा गया है। जिसमें यह धनराशि शासन स्तर पर ही रोकी जाती है, ताकि गांव की सरकार की आय का आकलन कर उसे उसी के अनुरूप आवंटित किया जा सके। पहले शासन ने दो साल का खुद का आय का बढ़ोत्तरी सहित विवरण मांगा था, लेकिन अब इसे शिथिल करते हुए वित्तीय वर्ष 2016-17 में आय दर्शाने वाली पंचायतों को परफारमेंस ग्रांट के लिए योग्य माना है, जिसके तहत 30 पंचायतों ने इस कसौटी पर खरा उतरते हुए ग्रांट मांगी है। यह पंचायतें हैं दावेदार
बरामई नगला विजन, फुलरई मुगलगढ़ी, हरीनगर, जनसोई, जिरौली कलां, महेबा, मथुरापुर, नगला आल, जरेरा, बर्द्धवारी, नगला दया, बिसावर, धानौटी, गीगला, कंजौली, मई, नगला कली, बिर्रा, छौंड़ा गढ़ौआ, दरकौली, दयानतपुर, गढ़ी नंदराम, जिरौली, खेड़ा फिरोजपुर, समामई रूहल, तिलौठी, आरती, बढार, बहरदोई, भिसी मिर्जापुर। इनका कहना है.
निर्धारित तिथि तक 474 पंचायतों में 30 पंचायतों ने खुद को कसौटी पर खरा बताते हुए आनलाइन आवेदन किया है। अब मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता वाली समिति इनकी कसौटी की परख करेगी। इसके बाद जो भी ग्राम पंचायत पात्रता की श्रेणी को पूरा करेंगी। उनकी सूची फाइनल कर शासन को भेजी जाएगी, ताकि उन्हें परफारमेंस ग्रांट मिल सके।
-शहनाज अंसारी, जिला पंचायतराज अधिकारी