तीसरी लहर में आक्सीजन की नहीं खलेगी कमी
दूसरी लहर के दौरान कम सिलेंडर होने पर आक्सीजन की जमकर हुई थी कालाबाजारी।
जासं, हाथरस : कोरोना की दूसरी लहर का जिक्र आते ही भयावह तस्वीर सामने आ जाती है। आक्सीजन की कमी का माफिया ने जमकर फायदा उठाया। सामान्य दिनों में 400 रुपये में मिलने वाला आक्सीजन सिलेंडर 10-15 हजार रुपये तक में खरीदना पड़ा। 25 हजार रुपये में सिलेंडर बेचने का एक वीडियो भी वायरल हुआ था। इस स्थिति से निपटने के लिए जनपद में तीन आक्सीजन प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं। अस्पतालों को जरूरत के हिसाब से आक्सीजन की आपूर्ति की जाएगी। यह आपूर्ति प्रशासनिक अधिकारियों की निगरानी में की जाएगी। इससे अव्यवस्था पर लगाम लग सकेगी।
कम पड़ गए थे सिलेंडर : पिछले साल जिले में दो सरकारी और तीन प्राइवेट कोविड अस्पताल बनाए गए थे। प्रशासन की ओर से इन अस्पतालों के लिए 175 से 200 सिलेंडर रोजाना मंगाए जाते थे। ये सिलेंडर अलीगढ़ के अलावा दूसरे जनपदों से मंगाए जाते थे। इसके बावजूद सिलेंडरों की कमी रही। यहां पर आक्सीजन सप्लाई करने वाली दो एजेंसियां थीं। इनके पास भी आक्सीजन गैस उपलब्ध नहीं थी। एजेंसी वालों ने अपनी दुकान बंद कर रखी थीं। उद्योगों को आक्सीजन सप्लाई बंद करने के बावजूद आक्सीजन की किल्लत रही। हालात यहां तक पैदा हो गए थे कि आक्सीजन न तो सरकारी अस्पतालों को और न ही निजी कोविड अस्पतालों को मिल पा रही थी। आक्सीजन के अभाव में मरीजों को दूसरे जनपदों में इलाज कराने जाना पड़ा। कालाबाजारी ने बिगाड़े हालात :
कुछ लोग बाहर से आक्सीजन सिलेंडर मंगाकर कालाबाजारी कर मोटाफा मुनाफा कमा रहे थे। 10-15 हजार रुपये से कम का सिलेंडर नहीं मिल रहा था। शहर में निजी एंबुलेंस द्वारा 25 हजार रुपये आक्सीजन सिलेंडर के मांगने का वीडियो वायरल हुआ था। रोजाना 60-70 मरीज कोरोना संक्रमित निकल रहे थे। आक्सीजन के सिलिडर न मिलने पर निजी एंबुलेंस संचालकों ने मरीजों को लाना बंद कर दिया था।
आक्सीजन बैंक की स्थापना : आक्सीजन की कमी और कालाबाजारी को देखते हुए शहर के कुछ उद्यमी आगे आए थे। उन्होंने आक्सीजन बैंक की स्थापना की थी। इस आक्सीजन बैंक से मरीजों को उचित मूल्य पर आक्सीजन के सिलेंडर उपलब्ध कराए जा रहे थे। प्लांटों पर रहेगी निगरानी: आक्सीजन की कमी दूर करने के लिए मुरसान में 250 लीटर प्रति मिनट क्षमता का आक्सीजन प्लांट तैयार है। वहीं सिकंदराराऊ में 250 मिलीलीटर क्षमता का आक्सीजन प्लांट स्थापित किया जा रहा है। इसी महीने बागला जिला अस्पताल परिसर में 1000 लीटर प्रति मिनट क्षमता का आक्सीजन प्लांट भी चालू हो जाएगा। इन प्लांटों पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी प्रशासनिक अधिकारियों की मदद से पूरा नियंत्रण रखेंगे। यहां निजी कोविड अस्पतालों को भी आक्सीजन की आपूर्ति मांग के अनुसार जारी रहेगी। वर्जन ---
कोरोना की तीसरी लहर में आक्सीजन की कमी नहीं होने दी जाएगी। आक्सीजन प्लांट पर प्रशासनिक अधिकारियों की निगरानी रहेगी। हम खुद भी अस्पतालों को जरूरत के हिसाब से आक्सीजन की आपूर्ति करते रहेंगे।
डा. चंद्रमोहन चतुर्वेदी, सीएमओ हाथरस