आरोपितों के टेस्ट पर टिकी नजर, सीबीआइ जांच जारी
बूलगढ़ी मामले में सीबीआइ जांच पड़ताल कर सच जानने में लगी हुई है। बार-बार सीबीआइ गांव जाकर छानबीन कर रही है।
संवाद सहयोगी, हाथरस : बूलगढ़ी मामले में सीबीआइ जांच पड़ताल कर सच जानने में लगी हुई है। बार-बार सीबीआइ गांव जाकर छानबीन कर रही है। इधर आरोपितों के पॉलीग्राफ और बीईओएस टेस्ट की प्रक्रिया गुजरात के गांधीनगर में चल रही है। अब उनके टेस्ट रिपोर्ट पर नजरें टिकी हैं।
सीबीआइ हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में स्टेटस रिपोर्ट पेश कर चुकी है। 10 दिसंबर तक जांच पूरी करने की बात कही है। इधर चारों आरोपितों के पॉलीग्राफ और बीईओएस टेस्ट रिपोर्ट पर दोनों पक्षों की नजरें टिकी हैं। 21 नवंबर को अलीगढ़ जेल से चारों को गुजरात ले जाया गया था। एक सप्ताह से अधिक समय होने के बाद अब चारों की जल्द वापसी की उम्मीद है। माना जा रहा है कि यह जांच रिपोर्ट इस प्रकरण में महत्वपूर्ण साबित होगी। उधर आरोपितों के स्वजन ने कहा कि कई दिन से बच्चों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल रही है। फिर गांव पहुंची सीबीआइ
बूलगढ़ी कांड में सीबीआइ 50 से अधिक लोगों से पूछताछ कर चुकी है। सोमवार को भी सुबह 10 बजे करीब सीबीआइ टीम कुछ देर के लिए बूलगढ़ी गई। यहां आरोपितों के स्वजन से कुछ देर पूछताछ की और फिर टीम कैंप कार्यालय लौट आई।
आरोपितों के स्वजन का मेड़ काटने को लेकर पड़ोसी से हुआ विवाद
संस, हाथरस : बूलगढ़ी कांड में आरोपित दो युवकों के स्वजन का खेत के पड़ोसी से ही मेड़ काटने को लेकर विवाद हो गया। पुलिस ने दोनों पक्षों के तीन लोगों का शांतिभंग में चालान कर दिया।
बूलगढ़ी कांड में नामजद चारों आरोपी जेल में हैं। इनमें संदीप, रामू, रवि एक ही परिवार के हैं। सोमवार को रामू के पिता राकेश व रवि के पिता अतर सिंह का गांव के ही चित्तर सिंह से खेत की मेड़ काटने को लेकर विवाद हो गया। दोनों पक्षों में काफी देर तक कहासुनी होती रही। कोतवाली चंदपा के एसएसआइ रामनरेश पुलिस बल के साथ गांव पहुंच गए। शांतिभंग के आरोप में एक पक्ष से राकेश व अतर सिंह तथा दूसरे पक्ष से चित्तर सिंह को पकड़कर थाने ले आए। पुलिस ने तीनों आरोपितों का 151 में चालान कर उप-जिलाधिकारी न्यायालय में पेश किया, जहां से तीनों को जमानत मिल गई। इंस्पेक्टर लक्ष्मण सिंह का कहना है खेत की मेड़ काटने को लेकर दोनों पक्षों में विवाद हुआ था। तीन लोगों का चालान शांतिभंग में किया गया है। जवान कर रहे चौकसी
गांव में मृतका के घर तथा बाहर सीआरपीएफ के जवानों का डेरा है। मृतका के घर आने वाले हर व्यक्ति का लेखाजोखा रजिस्टर में अंकित किया जाता है। सोमवार को कोई व्यक्ति बाहर से मृतका के स्वजन से मिलने के लिए नहीं पहुंचा। एलआइयू की टीम भी नजर बनाए हुए हैं।