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मनमाने फड़ न मिले तो दुकानदारों ने किया हंगामा

ढकपुरा रोड पर लगा संडे बाजार, सादाबाद व अलीगढ़ के दुकानदारों ने लगाया मनमानी का आरोप

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 Feb 2019 06:30 AM (IST)Updated: Mon, 11 Feb 2019 06:30 AM (IST)
मनमाने फड़ न मिले तो दुकानदारों ने किया हंगामा
मनमाने फड़ न मिले तो दुकानदारों ने किया हंगामा

संवाद सहयोगी, हाथरस : ढकपुरा रोड पर पहली बार लगाए गए संडे बाजार में करीब 150 दुकानदारों ने फड़ न मिलने पर हंगामा खड़ा कर दिया। नगर पालिकाकर्मियों और दुकानदारों में जमकर नोकझोंक हुई। दुकानदारों का आरोप था कि नगर पालिका कर्मचारियों ने ही फड़ों के आवंटन में मनमानी की है। पालिकाध्यक्ष से शिकायत करेंगे।

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संडे बाजार में जिले के अलावा आगरा, फीरोजाबाद, कासगंज, एटा, अलीगढ़ के दुकानदार भी फड़ लगाते हैं। अलीगढ़ और सादाबाद के दुकानदारों के मुताबिक नगर पालिका परिसर में उनकी बड़ी दुकान लगती थी। उन्हें आगे की ओर के फड़ आवंटित थे, लेकिन ढकपुरा रोड पर नगर पालिका कर्मचारियों ने वाटर व‌र्क्स टंकी के पास पीछे के फड़ आवंटित कर दिए हैं। कर्मचारी आवंटन में मनमानी कर रहे हैं, जिसके कारण बड़ी संख्या में दुकानदारों ने विरोध जताते हुए फड़ नहीं लगाए। नगर पालिका कर्मचारियों का कहना है कि सभी के लिए समान जगह और समान शुल्क की व्यवस्था है। बड़े दुकानदार ढकपुरा रोड पर दुकान नहीं लगाना चाहते। वह यहां संडे बाजार को फेल साबित करने पर लगे हैं। छोटे दुकानदार सुबह जल्दी पहुंच गए और उन्होंने अपने मुताबिक फड़ लगा ली। बाजार में भीड़ जुटने की खबर पर बड़े दुकानदार भी ढकपुरा रोड पर पहुंच गए। बाद में इन्हें आगे के फड़ नहीं मिले तो विरोध शुरू कर दिया। पहली बार ढकपुरा रोड पर संडे बाजार लगा है। अगली बार से सभी दुकानदारों को नियमों के मुताबिक ही फड़ों का आवंटन किया जाएगा।

नई जगह पर भी खूब जुटी भीड़

संडे बाजार ढकपुरा रोड पर ले जाने से दुकानदार आशंकित थे। उन्हें लगता था कि ढकपुरा रोड पर उनकी दुकानदारी चौपट हो जाएगी मगर उनका अनुमान गलत साबित हुआ। ढकपुरा रोड पर संडे बाजार में खरीदारी को भारी भीड़ पहुंची। जमकर खरीदारी हुई। दो गुनी होगी आमदनी :

ढकपुरा रोड पर संडे बाजार शिफ्ट होने से नगर पालिका कर्मचारी बेहद उत्साहित हैं। पहले नगर पालिका में अंदर और बाहर करीब 300 फड़ लगते थे। नगर पालिका परिसर के अंदर करीब 200 दुकानदारों से सौ-सौ रुपये वसूलती थी। परिसर के बाहर की ओर लगने वाली दुकानों की रसीद नहीं कटती थी। नगर पालिका को पहले हर सप्ताह 20 से 25 हजार रुपये की आमदनी होती थी। महीने में एक लाख रुपये की कमाई संडे बाजार से हो जाती थी। अब ढकपुरा रोड पर बाजार पहुंचने से यहां लगने वाले फड़ों की संख्या 500 तक पहुंच सकती है। इसमें नगर पालिका परिसर के बाहर वाले दुकानदार, रामलीला मैदान और बागला मार्ग वाले दुकानदार भी शामिल रहेंगे। इस तरह आमदनी का आंकड़ा अब हर महीने दो से ढाई लाख रुपये तक पहुंच सकता है।

खत्म हुआ फुटपाथ

का काला कारोबार

नगर पालिका के आसपास, रामलीला मैदान, बागला मार्ग और कमला बाजार में लगने वाले फड़ से कोई रसीद नहीं कटाते थे। संडे को बाजार बंद होने से यहां के दुकानदार फड़ लगाने वाले दुकानदारों को फुटपाथ किराए पर देते थे। इसके बदले में हर फड़ वाला 200 से 250 रुपये तक चुकाता था। रामलीला मैदान में तो एक-एक फड़ का किराया 400 रुपये तक था। ढकपुरा रोड पर बाजार शिफ्ट हो जाने से फुटपाथ बेचने का काला कारोबार भी खत्म हो गया।

नगर पालिका में

तैनात रहा फोर्स

संडे बाजार को शिफ्ट करने के पीछे पुलिस प्रशासन की बड़ी भूमिका है। बाजार के कारण लगने वाले जाम से परेशान अधिकारियों ने चेयरमैन आशीष शर्मा से शिकायत कर बाजार को शिफ्ट कराने की बात कही थी। बाजार शिफ्ट होने पर दुकानदारों के जबरन फड़ लगाने की आशंका थी। रविवार को नगर पालिका में पुलिस बल मौजूद रहा, ताकि वहां कोई दुकान न लग सके। इसके अलावा शहर के बागला मार्ग, कमला बाजार और रामलीला मैदान में भी पुलिस ने फड़ नहीं लगने दिए। ढकपुरा रोड पर भी अव्यवस्था रोकने के लिए पुलिस मौजूद रही। यहां बड़े व भारी वाहनों को अंदर नहीं आने दिया गया।

प्रतिक्रिया

हमें फड़ नहीं लगाने दिया गया। आगे की ओर के सभी फड़ पहले ही घिर गए। कोई नीति नहीं है। पहले आओ, पहले पाओ पर काम चला है।

-अकील, दुकानदार नगर पालिका कर्मचारियों ने सीरियल नंबर के अनुसार फड़ नहीं दिए। जब हमें पहले आगे के फड़ मिलते थे तो अब हम पीछे के फड़ क्यों लें।

-बंटी, दुकानदार यहां संडे बाजार के आने से हमें कोई परेशानी नहीं है। भीड़ भी खूब आ रही है। बाजार में दिक्कत होती थी। बार-बार जाम लग जाता था।

-इकबाल, दुकानदार यहां खूब जगह है। जाम भी नहीं लगता। दुकानदारों को भी राहत है और ग्राहकों को भी परेशानी नहीं हो रही। हमें यहां आने से कोई परेशानी नहीं है।

-एहसान, दुकानदार सिस्टम की सुनो

पहली बार जब कोई काम करते हैं तो छोटी-मोटी दिक्कतें आती ही हैं। फड़ आवंटन में सभी का ध्यान रखा गया है। फिर भी जिन लोगों की आपत्ति है, उनपर विचार किया जाएगा।

-स्वदेश आर्य, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका हाथरस।


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