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बारिश संग बरसे ओले, किसानों की फसल तबाह

सब हेड मुरसान व हसायन में ओलावृष्टि से आलू गेहूं व सरसों की फसलों को नुकसान मुसीबत -प्राकृतिक आपदा से मिले नुकसान पर 72 घंटे के अंदर देनी होगी सूचना -कृषि विभाग के अधिकारी नहीं मान रहे हैं नुकसान

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 Jan 2020 12:57 AM (IST)Updated: Wed, 15 Jan 2020 06:09 AM (IST)
बारिश संग बरसे ओले, किसानों की फसल तबाह
बारिश संग बरसे ओले, किसानों की फसल तबाह

संवाद सहयोगी, हाथरस : सोमवार देर रात हुई बारिश व ओलावृष्टि ने फसलों पर जमकर कहर ढहाया। आलू, सरसों व गेहूं की फसलें बर्बादी की कगार पर पहुंच गई हैं। सबसे अधिक हसायन व मुरसान क्षेत्र में नुकसान हुआ है, चूंकि यहां ओलावृष्टि हुई है। खेतों में पानी भरने से फसलों में नुकसान बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि कृषि विभाग के अधिकारी हल्की बारिश बताते हुए इससे फसलों को ज्यादा नुकसान नहीं मान रहे हैं।

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बारिश के साथ ओलावृष्टि से मुरसान व हसायन क्षेत्र में गेहूं की फसलों में काफी नुकसान हुआ है। हवा चलने से खेतों में खड़ी सरसों और गेहूं की फसलें बिछ गई हैं। हालांकि पिछैती गेहूं की फसल को इससे अधिक नुकसान नहीं है। मुरसान क्षेत्र के गांव कलुआ की नगरिया, खुटीपुरी जाटान, खुटीपुरी, नगला भाऊ, बर्धवारी आदि में आलू की फसल में सबसे ज्यादा क्षति हुई है। यहां भी ओलावृष्टि व तेज बारिश से आलू की फसल के पेड़ खेत में गिर गए। कई जगह आलू की फसल में पानी भरने के कारण भी फसल नष्ट होने की संभावना है।

----- 72 घंटे के अंदर दें नष्ट फसल की जानकारी

किसानों को बारिश व ओलावृष्टि से हुई फसल की क्षति पर मुआवजा मिलेगा। फसल बीमा का लाभ लेने के लिए किसान को प्राकृतिक आपदा के चलते फसल बर्बाद होने पर इसकी सूचना 72 घंटे के अंदर संबंधित बीमा कंपनी को देनी होगी। तभी इसका लाभ संबंधित किसान को समय से मिलेगा। किसान बोले कुदरत का कहर किसानों पर ही टूटता है। कभी बारिश के साथ ओलावृष्टि तो कभी सूृखा का असर। किसानों के लिए परेशानी का सबब बन जाता है। इस बार भी यही हुआ है।

- लालाराम, मुरसान

इस बारिश व ओलावृष्टि का असर सबसे अधिक छोटे किसानों पर पड़ा है। कर्ज लेकर फसल उगाने वाले तो इसके चलते बर्बाद हो गए हैं। अब फिर कर्ज लेने के लिए मजबूर है।

- रामवीर सिंह, मुरसान इस बार आलू की फसल की अच्छी पैदावार होने की उम्मीद थी। क्षेत्र में किसानों ने अन्य फसलों का मोह छोड़ते हुए आलू को तरजीह दी। उनकी उम्मीदों पर इस बारिश ने पानी फेर दिया है।

- गवेंद्र सिंह, हसायन बारिश के चलते गेहूं की फसल भी बर्बाद हुई है। अगैती फसल को सबसे अधिक नुकसान है। खेतों में यह फसल बिछ जाने से इसमें रोग लगने की संभावना बन गई है।

- भगवान सिंह, हसायन

-- जिले में बारिश बहुत ज्यादा नहीं हुई है। ओलावृष्टि से बहुत ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। यदि कहीं फसल प्रभावित हुई तो फसल बीमा का लाभ लेने के लिए इसकी जानकारी 72 घंटे के अंदर बीमा कंपनी को दें।

- डिपिन कुमार, प्रभारी उपनिदेशक कृषि

------ फोटो 41, 42, 43 दिनभर नहीं निकला सूरज, बढ़ी सर्दी मंगलवार को सुबह कोहरा छाया रहा। दोपहर में कोहरा हटते ही बादलों ने डेरा जमा लिया। दिनभर चली शीतलहरों के चलते मौसम ठिठुरन भरा रहा। देहात क्षेत्रों में भी शीतलहर के चलने से लोगों को दिक्कतें झेलनी। स्कूल जाने वाली बच्चों को भी सुबह-सुबह ठंड से परेशानी हुई।

मंगलवार को तापमान में अधिकतम तापमान 22 व न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस रहा। कोहरे के चलते सड़कों पर दिन में भी वाहन लाइट जलाकर धीमी गति से गुजरे। बादलों के चलते शाम चार बजे के बाद फिर बादलों के चलते दिन ढलता चला गया। दिनभर चली शीतलहर लोगों की कंपकंपी छुड़ाती रही। हालांकि इस बारिश से राहत जरूर मिली। सादाबाद, सहपऊ, मुरसान, सासनी में भी दिनभर चली शीतलहर के चलते जनजीवन प्रभावित रहा।


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