रंग-बिरंगी साड़ियों से गुलजार हुए बाजार
हरियाली तीज पर हाथरस के बाजारों में सजीं तरह-तरह की साड़ियां ब्लर्ब- महिलाओं को भा रही सबसे अधिक सिल्क साड़ियां हरे रंग की साड़ियों व चादर की होती है खूब खरीदारी
संवाद सहयोगी, हाथरस : हरियाली तीज के आगमन में महज पांच दिन शेष रह गए हैं। बाजारों में हरियाली तीज की बहार छाने लगी है। सुहागिन महिलाएं त्योहार की खरीदारी करते समय फैशन का पूरा ध्यान रख रही हैं। बाजार में दुकानों पर नई-नई फैशन की साड़ियों की खरीदारी की जा रही है।
सावन में हरियाली और पर्व का विशेष महत्व है। इस बार हरियाली तीज त्योहार 23 जुलाई को मनाया जाएगा। महिलाएं सजने संवरने को लेकर उत्साहित हैं। पर्व की तैयारी के लिए दुकानदारों ने पहले से ही नई-नई डिजाइनों की साड़ियां मंगाकर अपनी दुकानों पर सजा रखी हैं। इनमें सिफोन, प्रिटेड हैंडवर्क, चंदेरी सिल्क, लहरिया, कॉटन सिल्क, लहंगा साड़ी, चुनरी, नेट, लहरिया की साड़ियां शामिल हैं। कंपनियों ने नए-नए रंग व डिजाइन से तैयार की गई साड़ियों को बाजार में उतारा है। इन आकर्षक साड़ियों को देखकर महिलाओं का मन भी लुभा रहा है। इस बार कैटलॉग सिल्क की साड़ी महिलाओं को काफी पसंद आ रही है। मैचिग पर माथा-पच्ची :
महिलाओं में साड़ियों का क्रेज सनातन धर्म में विशेष महत्व रखता है। पूजा के समय भी यही वस्त्र धारण किए जाते हैं। साड़ी के साथ ब्लाउज व पेटीकोट आदि की भी जरूरत पड़ती है। इनके मैच कर बनवाने के लिए साड़ियां पहले से ही खरीदी जाती हैं। वहीं साड़ियों में फॉल-पीको का कार्य भी पूरा अलग से कराना पड़ता है।
ये रही साड़ियों की रेंज
साड़ी की वेराइटी, कीमत
चंदेरी सिल्क जयपुर प्रिटेड, 600 से 1500
कैटलॉग सूरत जरी का कार्य, 600-2000
सिल्क बनारसी रेशम का कार्य, 1500-5000
कॉटन सिल्क जोधपुर धागों का कार्य, 300-1000
कांजीवरम सिल्क कोलकाता जरदारी का वर्क, 4000-30000
लहरिया जयपुर लहरिया का वर्क, 700-1400
चिनाय सिल्क अहमदाबाद सिल्क रेशम कार्य, 1200-2400
प्योर सिल्क कोलकाता बॉार्डर का कार्य, 1500-3000
मार्केट वियर सूरत प्रिटेड, 600-1000
बेंगलूरू सिल्क रेशम कार्य, 900-3500
इनका कहना है
सावन की बात ही कुछ अलग होती है। इसमें भी हरियाली तीज का त्योहार महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। इस दिन साड़ियां पहनकर ही पूजा-अर्चना की जाती है।
-निधि, ग्राहक सावन के त्योहार में हरियाली तीज के पांच दिन रह गए हैं। इसके लिए साड़ियों की नई-नई रेंज मंगाकर रखा गया है। इसमें कॉटन सिल्क, केटलॉग बहुत पंसद की जा रही है।
-उमेश कुमार, दुकानदार