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गरीबों के निवाले से मालामाल हुए माफिया

(जागरण पड़ताल) 2.91 लाख हैं जिले में कुल राशन कार्ड धारक 3500 प्रवासी भी राशन कार्ड धारक बनाए गए 20 किलो गेहूं प्रतिमाह मिलता है अंत्योदय कार्ड पर 15 किलो चावल प्रतिमाह मिलता है अंत्योदय कार्ड पर 02 किलो गेहूं प्रति यूनिट मिलता है

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Jun 2020 12:39 AM (IST)Updated: Tue, 23 Jun 2020 06:01 AM (IST)
गरीबों के निवाले से मालामाल हुए माफिया
गरीबों के निवाले से मालामाल हुए माफिया

हिमांशु गुप्ता, हाथरस :

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कोरोना काल में गरीबों के पेट भरने के लिए दिए जा रहे राशन से माफिया का पेट भर रहा है। इस राशन से माफिया मोटा मुनाफा कमाकर मालामाल हो रहे हैं। विभाग से बचने के लिए बेहद चतुराई से इस काम को अंजाम दिया जा रहा है। माफिया पिछले तीन महीने में लाखों का माल पचा चुके हैं। हाथरस गेट क्षेत्र में पकड़े गए राशन से इस कालाबाजारी के 'खेल' की एक ही परत हटी है। पुलिस और विभाग अगर सख्ती करें तो बड़ा घपला सामने आएगा।

यह है नियम

जनपद में कुल 2 लाख 91 हजार कार्ड धारक हैं। इसमें शामिल अंत्योदय कार्ड धारकों को माह के पहले सप्ताह में 20 किलो गेहूं और 15 किलो चावल मुफ्त में दिया जाता है। वहीं पात्र गृहस्थी कार्ड धारकों को प्रति यूनिट दो किलो गेहूं, तीन किलो चावल दिए जाते हैं। इसके अलावा माह के बीच में प्रधानमंत्री गरीब अन्न कल्याण योजना के तहत सभी कार्ड धारकों को एक किलो चना और प्रति यूनिट पांच किलो चावल दिए जा रहे हैं। उदाहरण के लिए अगर कोई अंत्योदय कार्ड धारक परिवार पांच सदस्यों का है, तो उसे 20 किलो गेहूं, 40 किलो चावल, एक किलो दाल प्रतिमाह मिल रही है। ऐसे लोगों से ही माफिया अपने लोगों के जरिये राशन खरीद लेते हैं।

ऐसे चल रहा खेल

सरकारी राशन से लाखों रुपये कमाने के लिए माफिया ने नया तरीका निकाला। माफिया ने कुछ ई-रिक्शा वालों से संपर्क कर रखा है। यह ई-रिक्शा शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जाते हैं। घर-घर जाकर राशन के चावल की बिक्री के लिए प्रलोभन देते हैं। लोग इनके प्रलोभन में फंसकर चावल बेच रहे हैं। ये लोग 10 रुपये किलो तक इस चावल को खरीद लेते हैं। चूंकि यह चावल सरकारी कट्टों में नहीं होता तो उसे पकड़े जाने का खतरा भी कम हो जाता है। ई-रिक्शा में चावल होने के कारण कोई शक भी नहीं करता। फिर इस चावल को बाजार में 20 से 22 रुपये प्रतिकिलो में बिक्री की जाती है। नगला अलगर्जी, जलेसर रोड, तरफरा रोड समेत शहर के एक दर्जन इलाकों में यह धंधा जोरों से चल रहा है। माफिया के लोग गेहूं भी खरीदते हैं मगर ज्यादातर लोग गेहूं बेचना पसंद नहीं करते। संरक्षण में चल रहा खेल

हाथरस जनपद में चल रहे इस धंधे में पुलिस के साथ-साथ कई पत्रकार भी जुड़े हुए हैं। पूरे संरक्षण से यह काम कराया जा रहा है। कई विभागीय लोगों से भी माफिया की सेटिग है। बड़ी सफाई से इस काम को अंजाम दिया जाता है। 10 रुपये प्रतिकिलो चावल पर बचत कर यह लोग लाखों का खेल कर रहे हैं। इनसेट--

राशन पकड़े जाने के

मामले में मुकदमा दर्ज

रविवार को क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी ने सूचना के आधार पर नगला अलगर्जी के पास से एक लोडर को पकड़ा था। इसमें 65 कट्टों में 25 क्विटल चावल था। इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी लालजी की तहरीर के अनुसार जिस लोडर में चावल पकड़ा गया उसके ड्राइवर अनिल कुमार से पूछताछ की गई। उसने बताया था कि चावल संजय कुमार पुत्र संतोष कुमार निवासी खातीखाना चौराहे का है। पूर्ति विभाग के अधिकारी के सामने संजय ने लिखित में बयान दिया था कि यह चावल उसने राशन उपभोक्ताओं से खरीदा है और इसे बिक्री के लिए मंडी लेकर जा रहा था। इस चावल को क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी ने नगला अलगर्जी के राशन डीलर की सुपुर्दगी में दे दिया। संजय ने अपने तीन भाइयों, पांच अज्ञात लोगों के साथ राशन डीलर के साथ मारपीट कर चावल को ले जाने का प्रयास किया। पुलिस ने इस मामले में भी मुकदमा दर्ज कर लिया है।


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