मंडप से 50 मीटर दूर से लौटीं शहीद की बेटी की खुशियां
हादसे के बाद घर लौट गए दूल्हा-दुल्हन घायलों के उपचार में जुटे स्वजन। योगेश कौशिक इगलास मनुष्य के हाथ की लकीरों में जीवन का हर पड़ाव नियत होता है। क
योगेश कौशिक, इगलास : मनुष्य के हाथ की लकीरों में जीवन का हर पड़ाव नियत होता है। कोई नहीं जानता कि पलभर में क्या हो जाए। इसी तरह इगलास में सीआइएसएफ के शहीद जवान होशियार सिंह की बेटी की शादी में भी किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। एक तरफ नवयुगल नए जीवन के सपने संजो रहे थे, वहीं दोनों परिवार के लोग शादी के दिन को यादगार बनाने में लगे थे। महिलाएं मंगल गीत गाते हुए बारौटी के लिए बरात का इंतजार रही थीं। बरात में दूल्हे के भाई व दोस्त नाच रहे थे, लेकिन मंडप से महज 50 मीटर दूर से ही खुशियां लौट गईं। बरात में एक अनियंत्रित कार यमदूत बनकर आई और खुशियों को मातम में बदल गई। बरात चढ़त के दौरान हुए हादसे में दोनों परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। दोनों के स्वजन का रो-रोकर बुरा हाल है। शालू का जन्म से है दुखों से नाता
गांव गहलऊ के माजरा देव नगला निवासी होशियार सिंह सीआइएसएफ में थे। 1999 में उनकी संगीता संग शादी हुई थी। कुछ साल बाद एक बेटा दीपक व इसके एक साल बाद बेटी शालू का जन्म हुआ। परिवार में उस समय सब कुछ अच्छा चल रहा था कि 2006 में पत्नी संगीता की बीमारी से मौत हो गई। इसके बाद 2007 में झारखंड में ड्यूटी के दौरान होशियार सिंह भी शहीद हो गए। इनके बाद दोनों बच्चों की परवरिश चाचा-चाची कर रहे थे। दीपक बीकाम का छात्र है। शालू बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा है। चाचा-चाची ने शालू का रिश्ता नगला गरीबा के रोहिताश से तय किया था। रोहिताश नेवी में सेवारत हैं। शादी तय होते ही ऐसा लगा कि बचपन में मां-बाप को खोने वाली शालू की जिदगी में खुशियां लौट आई हैं, लेकिन कुदरत को कुछ और ही करना था। एक साल पहले हुई थी धर्मवीर की शादी
इस हादसे ने दूल्हे के परिवार का मानो सब कुछ छीन लिया। एक बेटे रोहिताश की शादी रुक गई, जबकि दूसरे बेटे धर्मवीर की मौत हो गई। उसकी शादी भी एक साल पहले ही हुई थी। नगला गरीबा निवासी थान सिंह के पांच बेटे भूरी सिंह, राकेश कुमार, अजीत सिंह, धर्मवीर सिंह व रोहिताश में से अजीत व रोहिताश नेवी में हैं। धर्मवीर गांव में खेती करते थे। एक वर्ष पहले उनकी शादी प्रीति के साथ हुई थी। इनकी पांच माह की बेटी आयुषी है।