सरसों के तेल में भी मिलावट का खेल
पाम आयल मिलाकर तैयार किया जाता है नकली सरसों का तेल प्रतिबंधित होने के बाद भी बेचा जा रहा नकली तेलविभाग मौन।
प्रमोद सिंह, हाथरस : मिलावट खोरों ने सरसों के तेल को भी नहीं बख्शा। इसमें भी मिलावट कर सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं। मिलावटी तेल के सेवन से लोग भयंकर बीमारी के शिकार हो जाते हैं। पाम आयल मिलाकर नकली सरसों का तेल तैयार किया जाता है। प्रतिबंधित होने के बाद भी जिले के तमाम स्थानों पर नकली सरसों का तेल बेचा जा रहा है। इस तरह तैयार होता है नकली तेल
40-50 रुपये किलो की दर पर मिलने वाले कच्चे पामऑयल से नकली सरसों का तेल बनाया जा रहा है। इसमें स्पेलर से सरसों का तेल निकालने के बाद पामऑयल मिलाया जाता है। मिश्रण 50 फीसद तक का होता है। फिर सिथेटिक कलर, एसेंस डालकर फेंटा जाता है। जिसके बाद नकली तेल बनकर तैयार हो जाता है।
तीन गुना कीमत : मिलावटी व नकली सरसों का तेल तैयार करने के बाद 15 किलो की टिन में इसे पैक कर दिया जाता है। एक टिन नकली सरसों का तेल करीब साढ़े पांच सौ रुपये की लागत से तैयार होता है। टिन पर नामचीन कंपनियों के रैपर चिपकाकर उस टीन को करीब 1500 रुपये के करीब बेच दिया जाता है। चोरी छिपे टैक्स बचाकर मिलावट खोर इस तेल को दूसरे जिलों में बेच देते हैं और कम लागत में अधिक मुनाफा कमाते हैं। ब्लेंडेड तेल की बिक्री पर सख्ती
सरसों के तेल में मिलावट रोकने व लोगों को अच्छी क्वालिटी मिल सके, इसके लिए एक अक्टूबर 2020 से भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने ब्लेंडेड इडेबल ऑयल की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी की। इसे बेचने वाले के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं।
सेहत पर बुरा असर : गावर नर्सिंग होम के डॉ. एसके राजू के मुताबिक पॉमऑयल में सिथेटिक कलर और एसेंस की मिलावट वाला सरसों तेल शरीर पर बुरा असर डालता है। यह शरीर में आक्सीडेंट का कार्य करता है। जिससे कई बीमारी होती हैं। लीवर और किडनी डैमेज होते हैं। कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी का खतरा भी बढ़ जाता है। आर्जीमोनयुक्त सरसों तेल खाने से शरीर के कई अंग काम करना बंद कर देते हैं।
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मिलावटी तेल के खिलाफ समय-समय पर चेकिग कर नमूने लिए जाते हैं। अधोमानक पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाती है। मिलावटी खाद्य पदार्थों के खिलाफ अभियान लगातार चल रहा है।
हरींद्र सिंह, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी। नकली दूध बनाने के लिए आया था पाउडर, 2.17 लाख वसूले
जासं, हाथरस : दीपावली पर मिठाई बनाने के लिए दूध की खपत बढ़ गई है। ऐसे में मुनाफाखोर दूध की जरूरत पूरी करने के लिए नकली दूध से मिठाई बना रहे हैं। वाणिज्य कर विभाग की सचल दल इकाई ने मंगलवार को एक ऐसा ट्रक पकड़ा, जिसमें सूखे दूध के पैकेट आ रहे थे। टीम ने बिलों में गड़बड़ी पर 2.17 लाख का जुर्माना वसूला। ट्रक में सूखे दूध के पैकेट बुलंदशहर से हाथरस आ रहे थे। असिस्टेंट कमिश्नर राजीव कुमार यादव ने बताया कि इससे पहले अलीगढ़ से बेंगलुरु जा रहे हार्डवेयर के ट्रक से 1.12 लाख रुपये का जुर्माना वसूलकर छोड़ा गया। इसमें परचून का माल लदा हुआ था।