लैब की जांच रिपोर्ट में चतुरा से बरामद नशीला पदार्थ स्मैक
संवाद सहयोगी, हाथरस : कथित सट्टा माफिया चतुर्भुज गुप्ता उर्फ चतुरा से चार महीने पहले बरामद
संवाद सहयोगी, हाथरस : कथित सट्टा माफिया चतुर्भुज गुप्ता उर्फ चतुरा से चार महीने पहले बरामद नशीला पदार्थ फोरेंसिक लैब की जांच में 'स्मैक' ही निकला है। पुलिस का दावा है कि जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। एनडीपीएस एक्ट में चतुरा के खिलाफ कार्रवाई की थी। कुछ दिनों बाद उसे जमानत मिल गई थी।
18 जुलाई को हाथरस गेट पुलिस ने चतुरा को एक किलो नशीले पदार्थ के साथ वाटर वर्क्स कॉलोनी के पास से गिरफ्तार किया था। पुलिस का दावा था कि बरामद नशीला पदार्थ स्मैक है। पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट की धारा 8/22 के तहत चतुरा के खिलाफ कार्रवाई की थी। स्मैक के दो पैकेट बनाए गए थे। एक 900 ग्राम व दूसरा 100 ग्राम का। 900 ग्राम वाला पैकेट जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा गया था। चतुरा के अधिवक्ता ने पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए 900 ग्राम वाले पैकेट को लैब भिजवाने के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था, जिसे मंजूर कर लिया गया था। दोनों ही पैकेट जांच के लिए भेजे गए थे। लैब से जांच रिपोर्ट विस्तार में मांगी गई थी। पाउडर में हर तरह के पदार्थ के बारे में पूछा गया था, इसलिए वैज्ञानिकों को रिपोर्ट तैयार करने में समय लगा। शहर कोतवाल जसपाल ¨सह पंवार के अनुसार इस बीच चतुरा को जिला न्यायालय से ही जमानत मिल गई। जसपाल ¨सह पंवार के अनुसार लैब से रिपोर्ट आ चुकी है, जो कि पॉजिटिव है। पुलिस का दावा है कि रिपोर्ट से भी यह बात साबित हो गई है कि चतुरा से बरामद किया गया नशीला पदार्थ स्मैक ही है। एसएचओ ने बताया कि इस स्मैक की अंतरराष्ट्रीय कीमत एक करोड़ रुपये है। जसपाल ¨सह पंवार ने कहा कि आगे की कार्रवाई के लिए हाईकोर्ट में अपील की जाएगी।
दो साल पहले आधा
किलो में हुई कार्रवाई
वर्ष 2015 में सासनी कोतवाली के तत्कालीन एसओ केपी ¨सह ने स्मैक बरामद होने पर आरोपी बंटी निवासी सासनी को जेल भेजा था। पुलिस ने तब इससे आधा किलो स्मैक बरामद की थी, जिसकी अंतरराष्ट्रीय कीमत 45 से 50 लाख रुपये थी। एक किलो स्मैक में जिले की यह पहली कार्रवाई रही है।
अफीम से तैयार होती है स्मैक
पुलिस सूत्रों के मुताबिक स्मैक कारोबार का नेटवर्क काफी बड़ा है। स्मैक बनाने से लेकर इसके थोक व रिटेल विक्रेता हैं। जिले में तो इसका निर्माण नहीं हो रहा, लेकिन प्रदेश में ऐसे कई जिले हैं जहां यह कच्चे माल व केमिकल से तैयार की जा रही है। जानकारी के अनुसार एक किलो अफीम से 30 ग्राम स्मैक बनती है, जिसमें खास तरह के केमिकल का प्रयोग होता है। इसलिए यह इतनी महंगी होती है। बताते हैं कि अफीम की कमी के चलते पैरासिटामॉल व अल्प्राजोलम टेबलेट तथा गन पाउडर के मिश्रण से भी इसे तैयार किया जाता है।
इनका कहना है
जांच रिपोर्ट आने की जानकारी मिली है, जो कि पॉजिटिव है। आगे की कार्रवाई के लिए विधिक राय ली जाएगी। अपराधियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई कराना पुलिस का उद्देश्य है।
सुशील घुले, एसपी