न्यायालयों में सुनवाई के दिन निर्धारित, अधिकारी नामित
जनपद न्यायाधीश ने कोर्ट के कार्य दिवस के संबंध में जारी की सूची कोरोना संक्रमण को देखते हुए अलग-अलग दिनों में होगी सुनवाई।
जासं, हाथरस : बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए न्यायालयों में सुनवाई के लिए दिन और अधिकारी नियत किए गए हैं। उच्च न्यायालय के निर्देश पर जनपद न्यायाधीश ने न्यायालयों में सुनवाई के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए हैं।
फौजदारी कार्य सोमवार से शनिवार जनपद न्यायाधीश सुनील कुमार सिंह प्रथम सुनेंगे। सोमवार एवं मंगलवार को फौजदारी कार्य मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/एसीजेएम सुशील कुमार सिंह सुनेंगे। बुधवार एवं गुरुवार को फौजदारी कार्य न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं अपर सिविल जज जूनियर डिवीजन कोर्ट संख्या दो में दीपिका अत्री सुनेंगीं। शुक्रवार एवं शनिवार को फौजदारी कार्य मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/अपर सिविल जज जूनियर डिवीजन कोर्ट संख्या तीन में अपर सिविल जज मोहम्मद आरिफ मुकदमों को सुनेंगे।
दीवानी कार्य सोमवार से शनिवार जनपद न्यायाधीश सुनील कुमार सिंह प्रथम सुनेंगे। सोमवार, मंगलवार व बुधवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट में सिविल जज नम्रता शर्मा सुनेंगी। गुरुवार, शुक्रवार व शनिवार को न्यायालय सिविल जज सीनियर डिवीजन/सिविल जज सीनियर डिवीजन एफटीसी में न्यायाधीश प्रतिमा मुकदमों को सुनेंगीं। सोमवार व मंगलवार को सिविल जज जूनियर डिवीजन कोर्ट में न्यायाधीश योगेश जैन मुकदमे सुनेंगे। बुधवार को न्यायालय सिविल जज जूनियर डिवीजन/अपर सिविल जज जूनियर डिवीजन में जीशान मेहंदी मुकदमे सुनेंगे। गुरुवार को सिविल जज जूनियर डिवीजन/अपर सिविल जज कोर्ट संख्या पांच में भावना शर्मा मुकदमे सुनेंगीं। शुक्रवार को सिविल जज जूनियर डिवीजन/अपर सिविल जज नेगी चौधरी मुकदमे सुनेंगीं। शनिवार को सिविल जज जूनियर डिवीजन/अपर सिविल जज जू.डि. न्यायालय में अपर सिविल जज गौरव दीप सिंह मुकदमे सुनेंगे।
वाह्य न्यायालय सादाबाद में सोमवार से बुधवार तक दीवानी एवं फौजदारी के समस्त मामलों की सुनवाई डॉ. लकी अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट करेंगे। गुरुवार से शनिवार समस्त दीवानी एवं फौजदारी न्यायालय में सिविल जज जूनियर डिवीजन सौरभ कुमार गौतम सुनेंगे। सेशन कोर्ट से संबधित विचाराधीन बंदियों के रिमांड का कार्य एडीजे एफटीसी कोर्ट संख्या प्रथम के न्यायाधीश सतेन्द्र सिंह वीरवान वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से सुनेंगे। सीजेएम द्वारा नामांकित न्यायिक मजिस्ट्रेट रिमांड कार्य वीडियो कान्फ्रेंसिग के माध्यम से किया जाएगा। न्यायालय परिसर में न्यूनतम प्रवेश सुनिश्चत करने के लिए पीठासीन अधिकारी कार्यरत कर्मचारियों की 50 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य रखेंगे। जिनके वाद नियत हों केवल वही अधिवक्ता एवं वादकारी न्यायालय परिसर में उपस्थित रहेंगे।