बूंदाबांदी संग शीतलहर ने छुड़ाई कंपकंपी
कोहरे के चलते वाहन चालकों को न राह सूझ रही थी न ठंड से हाथ काम कर रहा था।
संवाद सहयोगी, हाथरस : एक हफ्ते से सूर्यदेव छुट्टंी पर हैं। जबरदस्त शीतलहर ने मानो उन्हें बीमार बना दिया है। गलन बढ़ने से जनजीवन जमने लगा है। दिनचर्या के कामकाज में बार-बार पानी के प्रयोग से महिलाएं बीमार पड़ रही हैं। बच्चे और बूढ़े पूरे दिन रजाई से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। कामकाज की जरूरत के लिए ही लोग घरों से बाहर निकल रहे हैं। थोड़ी बहुत राहत अलाव दे तो रहा है, मगर ईंधन और बिजली इतनी महंगी हो चुकी है कि आम आदमी के बस में यह भी नहीं है।
कलेजा मजबूत कर लें, सर्दी से अभी निजात मिलती नहीं दिख रही है। सुबह से ही गलन से कंपकंपी छूटने लगती है। हाथ पैर ठीक से काम नहीं करते। गुरुवार को हल्की बूंदाबांदी ने तापमान और नीचे चला गया।
सर्दी से बचने के लिए घरों में रूम हीटर का प्रयोग बढ़ता जा रहा है। शहर से लेकर देहात तक लोग अलावों के सहारे जी रहे हैं। ठिठुरन के चलते लोगों का घरों से बाहर निकलना दूभर हो रहा है। विशेषरूप से बच्चों, बुजुर्गाें और रोगियों को घरों से बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा है। गुरुवार को सुबह अधिकतम तापमान 15 व न्यूनतम छह डिग्री सेल्सियस बताया जा रहा था मगर शाम को अधिकतम तापमान 17 व न्यूनतम सात डिग्री सेल्सियस रहा। देहात के सादाबाद, सिकंदराराऊ व सासनी क्षेत्र में बूंदाबांदी व हल्की बारिश ने लोगों की मुश्किलें और बढ़ा दी थीं। कोहरे से वाहनों की थमी रफ्तार
गुरुवार को सुबह के समय चारों ओर कोहरा छाया हुआ था। कोहरे के चलते ²श्यता कम होने से सड़कों पर वाहन चलाना भी चालकों के लिए मुश्किल हो रहा। कुछ वाहन सड़कों पर लाइट जलाकर आते-जाते दिख रहे थे। बादलों के छाए रहने से भी सुबह भी शाम की तरह दिख रही थी। कोहरे से बचने के लिए बहुत से वाहन ढाबों व पेट्रोल पंपों के सहारे खड़े दिख रहे थे। शाम को भी हुई हल्की बूंदाबांदी
दोपहर के समय हल्की धूप कुछ देर के लिए निकली मगर धूप पर शीत लहर भारी रही। शाम को भी बादलों के छाए रहने से हल्की बूंदाबांदी होती रही। कोहरा भी शाम ढलते ही शुरू हो गया था। मौसम को देखते हुए बाजार में सात बजे से ही दुकानों के शटर गिरने लगे थे। फसलों पर बढ़ा रोगों का खतरा
लगातार सर्दी पड़ने से फसलों पर पाले का खतरा बढ़ गया है। झुलसा, माहू व अन्य रोगों ने फसलों को अपनी चपेट में ले लिया है। कृषि वैज्ञानिक डा. रामपलट बताते हैं कि समय पर उपचार नहीं करने पर पैदावार घट सकती है।
अनुमानित तापमान डिग्री सेल्सियस में
दिन, तापमान अधि.-न्यून.
गुरुवार, 17-7
शुक्रवार, 21-12
शनिवार, 18-11
रविवार, 21-8
सोमवार, 18-7
स्रोत- इंटरनेट