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सेवानिवृत्ति मांगने वाली शिक्षिका का नियुक्ति पत्र शक के घेरे में

अनिवार्य सेवानिवृत्ति आदेश जारी होने के बाद उजागर हुआ मामला विडंबना पीलीभीत से अंतर जनपदीय तबादला कराकर हाथरस आई थी शिक्षिका पीलीभीत के बेसिक शिक्षा अधिकारी ने नियुक्ति आदेश को बताया फर्जी

By JagranEdited By: Published: Sat, 01 Jun 2019 08:07 AM (IST)Updated: Sat, 01 Jun 2019 08:07 AM (IST)
सेवानिवृत्ति मांगने वाली शिक्षिका का नियुक्ति पत्र शक के घेरे में
सेवानिवृत्ति मांगने वाली शिक्षिका का नियुक्ति पत्र शक के घेरे में

संवाद सहयोगी, हाथरस : जिले के एक प्राथमिक विद्यालय में तैनात शिक्षिका ने पारिवारिक कारणों से पिछले दिनों अनिवार्य सेवानिवृत्ति ली थी। उसका नियुक्ति पत्र शक के दायरे में आने पर सेवानिवृत्ति आदेश रद कर जांच की जा रही है। दरअसल पीलीभीत के बीएसए ने कथित शिक्षिका के नियुक्ति आदेश पर संशय जाहिर करते हुए अपनी रिपोर्ट बीएसए हाथरस को भेजी है।

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वर्ष 2002 में पीलीभीत से एक शिक्षिका अंतर जनपदीय तबादला कराकर हाथरस आई। 18 फरवरी को शिक्षिका ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए प्रार्थना पत्र शपथपत्र बीईओ सादाबाद को दी थी। बीएसए हरीशचंद्र ने शिक्षिका को अनिवार्य सेवानिवृत्ति भी दे दी थी, लेकिन इसी बीच खंड शिक्षा अधिकारी को जानकारी मिली कि शिक्षिका के प्रमाणपत्र शक के घेरे में हैं। इसपर उन्होंने सेवानिवृत्ति आदेश निरस्त कर शिक्षिका के खिलाफ कार्रवाई के लिए बीएसए को पत्र लिखा। 29 मार्च को बीएसए ने बीईओ सादाबाद की रिपोर्ट के आधार पर शिक्षिका की सेवानिवृत्ति का आदेश निरस्त कर वेतन रोकने की कार्रवाई की। शिक्षिका के प्रमाणपत्रों की जांच कराई जा रही है।

इस मामले में पीलीभीत के बीएसए ने भी अपनी रिपोर्ट भेजी है, जिसमें कहा है कि शिक्षिका का नियुक्ति पत्र संदिग्ध है। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद के यहां से इसकी जांच कराई जाए। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जिस विद्यालय में शिक्षिका ने अपनी प्रथम तैनाती दिखाई है, वहां वह चार्ज लेने गई ही नहीं थी। इनकी सुनो

बीएसए पीलीभीत की रिपोर्ट प्राप्त हो गई है। शिक्षिका को नोटिस जारी करके जवाब मांगा जा रहा है। इसके साथ ही सचिव बेसिक शिक्षा परिषद के यहां भी नियुक्ति पत्र की जांच कराई जाएगी।

-हरीशचंद्र, बीएसए, हाथरस। डीआइओएस ने दी

अंतिम की चेतावनी

संस, हाथरस : पिछले दिनों सूरत में एक बहुमंजिली इमारत में चल रहे कोचिग सेंटर में आग लगने से कई बच्चों की मौत हो गई थी। इसके बाद जिले के अधिकारी भी सक्रिय हो गए थे। जिला विद्यालय निरीक्षक ने कोचिग सेंटर संचालकों को अग्निशमन यंत्र लगाकर प्रमाणपत्र की प्रति जमा कराने के निर्देश दिए थे, लेकिन कोचिग सेंटर संचालकों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। अब अंतिम चेतावनी जिला विद्यालय निरीक्षक ने जारी की है। अग्निशमन विभाग ने पिछले दिनों बताया था कि उनके यहां एक भी कोचिग सेंटर ने अग्निशमन यंत्र लगाने का प्रमाण पत्र नहीं लिया है। इसके बाद जिला विद्यालय निरीक्षक सुनील कुमार ने निर्देश जारी किए कि जिन कोचिग सेंटर संचालकों के यहां उपकरण नहीं लगे हैं, वो तत्काल उपकरण लगवाकर कार्यालय को अवगत कराएं।

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