टीबी रोगियों के लिए आशा की किरण बने टीबी चैंपियन
मुरसान गेट क्षेत्र के रहने वाले गोपाल गुप्ता के पुत्र को दो साल पहले हुई थी टीबी जागरूकता -बेटे के स्वस्थ होने पर स्वास्थ्य विभाग के अभियान में कर रहे मदद -अब तक उनसे प्रेरित होकर 21 रोग
संवाद सहयोगी, हाथरस : कहते हैं कि जिस इंसान पर बीतती है, उसका दर्द भी वही जानता है और दुआ करता है कि जैसी उस पर बीती है और दूसरे पर न बीते। जनपद में एक ऐसा शख्स है जो चाहता है कि जो उस पर बीती है वह किसी दूसरे पर न बीते। शहर के मुरसान गेट क्षेत्र के रहने वाले गोपाल गुप्ता अपने पुत्र के टीबी की बीमारी से स्वस्थ होने के बाद अब वह दूसरों को स्वास्थ्य विभाग के साथ सहयोग कर जागरूक करने का बीड़ा उठाए हुए है। वे ऐसे टीबी रोगियों में आशा की किरण लाते हैं जो इलाज कराते-कराते निराश हो चुके हैं।
बेटे को हुई थी टीबी की बीमारी : मुरसान गेट क्षेत्र के निवासी गोपाल गुप्ता की छोटी सी परचून की दुकान है। उनके 21 वर्षीय बेटे विवेक गुप्ता को दो साल पहले टीबी हो गई थी। आर्थिक तंगी के चलते वे भी बेटे का इलाज कराकर निराश हो चुके थे। किसी ने उन्हें बताया कि सरकारी अस्पताल में इसका मुफ्त और बढि़या इलाज होता है। वह वहां बेटे को लेकर गए और पूरा इलाज कराया। आज उनका बेटा पूरी तरह स्वस्थ है।
ऐसे की शुरुआत : बच्चे की बीमारी ने उनके मन को ऐसा झकझोरा कि वे तभी से दूसरों को इस बीमारी से बचाने में लग लग गए हैं। अब उन्होंने खुद टीबी के प्रति जागरूकता अभियान शुरू कर दिया है। वह जगह-जगह जाकर लोगों को इसके प्रति जागरूक करते हैं। गोपाल गुप्ता को विभाग ने टीबी चैंपियन से नवाजा है। अब तक उनसे प्रेरित होकर 21 लोग उनसे इलाज करा रहे हैं। वर्जन
उनकी टीम को फील्ड में जब भी जागरूकता कार्यक्रम के दौरान दिक्कत आती है तो वह गोपाल गुप्ता की मदद लेते हैं।
मोहम्मद अशफाक, वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक