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35 मिनट में 48 किलोमीटर चली विद्युत इंजन वाली ट्रेन

मेंडू से मथुरा के बीच सीआरएस ने किया स्पीड का ट्रायल ट्रायल का हाल -रेलवे अफसर ने छोटी-छोटी तमाम अव्यवस्थाओं पर जताई नाराजगी -लटक सकती है विद्युत इंजन से ट्रेन संचालन की उम्मीद

By JagranEdited By: Published: Sat, 30 Mar 2019 01:29 AM (IST)Updated: Sat, 30 Mar 2019 01:29 AM (IST)
35 मिनट में 48 किलोमीटर  चली विद्युत इंजन वाली ट्रेन
35 मिनट में 48 किलोमीटर चली विद्युत इंजन वाली ट्रेन

जासं, हाथरस : रेल संरक्षा आयुक्त मध्य एवं पूर्वोत्तर परिमंडल अरविद कुमार जैन ने शुक्रवार को डीआरएम दिनेश कुमार सिंह के साथ मथुरा से मेंडू तक इरकॉन द्वारा किए गए विद्युतीकरण का सेफ्टी निरीक्षण किया। मेंडू से मथुरा के बीच 115 किलोमीटर की स्पीड से विद्युत इंजन का ट्रायल लिया गया। 48 किलोमीटर का यह ट्रायल महज 35 मिनट में पूरा किया गया। मेंडू स्टेशन से यह स्पेशल ट्रेन 05:45 बजे रवाना हुई। मथुरा यह ट्रेन 06:20 बजे पहुंची। ट्रायल के समय सीआरएस ने तमाम अव्यवस्थाएं भी देखीं। सीआरएस के असंतुष्ट होने पर रेल अफसर पसीने-पसीने हो गए। सूत्रों के मुताबिक सीआरएस ने इरकॉन के स्थानीय इंजीनियरों के कार्य को भी कटघरे में खड़ा किया। रेलवे ट्रैक पर ओएचई का लेवल भी उन्होंने नपवाया। अव्यवस्थाओं के चलते हाल फिलहाल इस ट्रैक पर विद्युत इंजन से ट्रेन दौड़ाने की उम्मीद लटकती दिख रही है। निरीक्षण में यह भी सवाल उठा कि जब कासगंज से मथुरा तक ट्रायल होना था तो फिर मेंडू से मथुरा तक महज 48 किलोमीटर का ट्रायल ही क्यों हुआ? जब काम पूरा नहीं था तो सीआरएस निरीक्षण क्यों कराया? दैनिक जागरण ने भी डीआरएम से यह सवाल किया तो वह कुछ नहीं बोले। बस इतना बताया कि सीआरएस की हरी झंडी मिलते ही मेंडू से मथुरा के बीच विद्युत इंजन से ट्रेनें दौड़ने लगेंगी।

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सीआरएस जैन दोपहर करीब चार बजे मेंडू स्टेशन पहुंचे। वह मथुरा से निरीक्षण करते हुए डीजल इंजन से मेंडू तक पहुंचे थे। उन्होंने निरीक्षण के दौरान मथुरा जंक्शन, मथुरा छावनी, यमुना ब्रिज, मध्यवर्ती समपार संख्या 327 तथा मेंडू स्टेशन पर स्थित ओएचई डिपो एवं इंजीनियरिग गैंग का निरीक्षण किया। सीआरएस जब मेंडू स्टेशन के नजदीक बने विद्युत सब स्टेशन पहुंचे तो यहां भी सुरक्षा से जुड़ी तमाम अव्यवस्थाएं दिखीं। सब स्टेशन पर लगे फायर उपकरण की जांच को डीआरएम को कहा। उन्होंने विद्युत सब स्टेशन पर सेफ्टी से जुड़े कई काम अधूरे होने व अव्यवस्थाओं पर सवाल खड़े किए। इस पर संबंधित अफसर चुप्पी साध गए। करीब 05:45 बजे वह मेंडू स्टेशन से स्पेशल ट्रेन में सीआरएस टीम के साथ सवार हुए और 06:20 बजे वह मथुरा स्टेशन पहुंच गए। स्पीड ट्रायल तो सफल माना जा रहा है, लेकिन छोटी-छोटी तकनीकी कमियां हैं, जिन्हें उन्होंने 15 अप्रैल तक दूर करने के निर्देश दिए। डीआरएम ने बताया कि कासगंज-कल्याणपुर रेलखंड 338 किमी के विद्युतीकरण कार्य की स्वीकृति वर्ष 2016-17 के बजट में 432.99 करोड़ की अनुमानित लागत से प्राप्त हुई थी। इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड के द्वारा यह कार्य पूरा किया जा रहा है।

ये रहे मौजूद :

सेफ्टी निरीक्षण में विद्युत इंजीनियर बेचू राय, मुख्य सिग्नल इंजीनियर एसएन शाह, मुख्य पुल इंजीनियर पीके गुप्ता, मुख्य महाप्रबधंक इरकॉन आशुतोष पंत, आशुतोष कुमार मिश्रा, एके सिंह, दूरसंचार इंजीनियर रितेश गुप्ता, मंडल वाणिज्य प्रबंधक एनके जोशी, मंडल सुरक्षा आयुक्त अमिताभ आदि मौजूद रहे।

पांच घंटे रोका, पंडित को

दक्षिणा में दिए 300 रुपये

हाथरस से करीब छह किलोमीटर दूर विद्युत इंजन के ट्रायल के लिए बुलाए गए पुरोहित लक्ष्मीनारायण ने विद्युत इंजन के ट्रायल से पूर्व नारियल फोड़वाकर पूजा कराई। सीआरएस समेत अन्य अफसरों ने पूजा-पाठ किया। निरीक्षण का समय दोपहर दो बजे था, लेकिन यह पांच बजे शुरू हो पाया। पुरोहित के पांच घंटे इंतजार करने के बाद इंजन व रेल पटरी के पूजा-पाठ का क्रम शुरू हुआ। पंडित ने 300 रुपये की दक्षिणा पर असंतोष जताया।


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