नामकरण से दो दिन पहले ही बेटा हो गया अनाथ
बेरोजगारी से परेशान युवक की आत्महत्या से पूरा परिवार सदमे में पत्नी का बुरा हाल फोटो- 38
संसू, हाथरस : उच्च शिक्षित होने के बाद भी रोजगार न मिलने की स्थिति में अभिषेक प्राइवेट विद्यालयों में अध्यापन कार्य करते-करते ऊब चुके थे। उच्च शिक्षा प्राप्त कर महाविद्यालय में नौकरी मिलने की उम्मीद कर रखी थी, मगर ऐसा न हो पाया। अभिषेक ने एमफिल करने के उपरांत पीएचडी की पढ़ाई शुरू की।
पिताजी कुरसंडा इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्य रहे थे, इसलिए अभिषेक में भी शिक्षक बनने की चाह थी। हाईस्कूल, इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद वर्ष 2007 में बीएससी और 2009 में अभिषेक ने एमएससी की परीक्षा पास की। इंटर कॉलेज में प्रवक्ता बनने के लिए 2012 में एमफिल भी किया। जब उन्हें सफलता नहीं मिली, तब अभिषेक ने डिग्री कॉलेज में प्रोफेसर बनने की खातिर पीएचडी करने की ठानी थी। अभी उनकी पीएचडी पूरी नहीं हुई थी। इस बीच तीन भाइयों में सबसे छोटे अभिषेक की शादी भी हो गई। उनका छह साल का एक पुत्र है। दूसरा पुत्र आठ दिन पहले हुआ था, जिसका दो दिन बाद नामकरण संस्कार होना था, लेकिन बेरोजगारी के तनाव में अभिषेक ऐसा कुछ कर लेंगे किसी को इस बात का एहसास तक नहीं था। परिवारी जनों की मानें तो शिक्षित होते हुए भी अभिषेक काफी दिनों से मानसिक रूप से परेशान चल रहे थे, लेकिन किसी को अपनी परेशानी उन्होंने शेयर नहीं की।