ब्लॉक प्रमुखी के लिए छह सदस्यों ने किए नामांकन
सासनी ब्लॉक प्रमुख का उपचुनाव दिलचस्प होने के आसार ब्लर्ब- मंगलवार को नाम वापसी के बाद तय होगी चुनाव की तस्वीर कड़ी सुरक्षा के बीच पूरी की गई नामांकन प्रकिया
संसू, हाथरस : सासनी ब्लॉक प्रमुख पद के प्रतिष्ठापूर्ण उप चुनाव के लिए सोमवार को नामांकन प्रक्रिया पूरी हुई। कड़ी सुरक्षा के बीच छह प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल किए। अब मंगलवार को नाम वापसी की प्रक्रिया के बाद तय हो पाएगा कि कौन-कौन मैदान में रहेंगे।
सासनी ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी के लिए जंग दिलचस्प होने पूरे आसार हैं। निवर्तमान ब्लॉक प्रमुख राजकुमारी के इस्तीफे के कई माह बाद चुनाव की अधिसूचना जारी होते ही राजकुमारी का खेमा काफी सक्रिय नजर आ रहा है।
नामांकन के लिए छह सदस्यों ने पर्चे खरीदे थे। सोमवार को सुबह 11 बजे से दोपहर तीन बजे तक नामांकन प्रकिया हुई। अपने समर्थकों की भीड़ के साथ छह प्रत्याशी नामांकन को पहुंचे। सबसे पहले अर्जुन सिंह की पुत्रवधू नीलम चौधरी पत्नी सौरभ चौधरी नामांकन को पहुंचीं। उनके बाद अर्जुन के भाई नाहर सिंह की पुत्रवधु पूनम सिंह पत्नी पवन कुमार ने नामांकन किया। दोपहर करीब साढ़े 12 बजे हेम सिंह ठेनुआ की पत्नी राजवाला ने पर्चा भरा। इसके तुरंत बाद हेम सिंह ठेनुआ के भाई हरेंद्र सिंह की पत्नी रूपेश ने भी नामांकन पत्र दाखिल किया। फिर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह कुशवाह की पुत्रवधू अंजू सिंह पत्नी जयपाल सिंह ने पर्चा भरा। एक बजे डिपल चौधरी पत्नी तरुण चौधरी ने सहायक निर्वाचन अधिकारी हरीशंकर यादव को नामांकन सौंपा। ओसी कलक्ट्रेट राजकुमार सिंह, सीओ रामशब्द यादव, एसआइ मनोज कुमार आदि सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभाले हुए थे।
आपत्तियां खारिज : निवर्तमान ब्लॉक प्रमुख राजकुमारी ने नामांकन के बाद आपत्ति दाखिल की। कहा कि यदि किसी जिला, क्षेत्र पंचायत का कोई भाग-वार्ड नगरीय निकाय क्षेत्र में शामिल हुआ है और वहां का कोई मतदाता निर्वाचित सदस्य रहा है तो ऐसे सदस्यों का नाम मतदाता सूची से विलोपित किया जाए। दरअसल दयानतपुर व नगला उम्मेद का परिक्षेत्र नगर पालिका हाथरस में सम्मिलित किया जा चुका है। इस परिप्रेक्ष्य में राज्य निर्वाचन आयोग लखनऊ के 14 फरवरी के आदेश में स्पष्ट उल्लेख है कि राजस्व गांव नगला उम्मेद, ग्राम पंचायत दयानतपुर के क्षेत्र पंचायत सदस्यों के नाम मतदाता सूची-प्रमुख उप चुनाव-2020 से विलोपित होने हैं। ब्लॉक प्रमुख पद के दो प्रत्याशी राजस्व गांव नगला उम्मेद, ग्राम पंचायत दयानतपुर के मूल निवासी हैं। उन्होंने मांग उठाई है कि शासनादेशों के क्रम में उक्त सदस्यों के नामांकन निरस्त किए जाएं। उच्चाधिकारियों से वार्ता के बाद उनकी आपत्तियों को खारिज कर दिया गया। वर्जन-
कुल छह सदस्यों ने नामांकन दाखिल किए हैं। सभी के नामांकन सही पाए गए हैं। आपत्तियों के क्रम में उच्चाधिकारियों से वार्ता की गई। पंचायत राज विभाग के डी-नोटिफिकेशन के बाद ही सीमा विस्तार वाले गांवों को लेकर स्थिति साफ होगी। फिलहाल आपत्तियां निरस्त कर दी गईं हैं।
-हरीशंकर यादव, एआरओ ----------------------
दो बीडीसी की सदस्यता पर संशय
चुनावी चकल्लस
दयानतपुर ग्राम पंचायत नगर पालिका में आने से फंस सकता है पेच
पंचायतराज विभाग से डी-नोटिफिकेशन जारी होते ही दिलचस्प होगा नजारा जासं, हाथरस : सासनी ब्लॉक प्रमुखी के लिए उप चुनाव से पहले ही राजनीति गरमा गई। मैदान में उतरे दोनों ही गुट कुर्सी के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। नगर पालिका के सीमा विस्तार के कारण हेम सिंह ठेनुआ की पत्नी राजवाला और भाई की पुत्रवधू रूपेश की सदस्यता पर खतरा मंडरा रहा है।
सासनी की निवर्तमान ब्लॉक प्रमुख राजकुमारी पत्नी अर्जुन सिंह के खिलाफ जुलाई 2019 में हेम सिंह ठेनुआ की अगुवाई में कुल 105 में से 65 से अधिक सदस्य जिलाधिकारी से मिले थे और अविश्वास जताया था। अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले ही राजकुमारी ने इस्तीफा दे दिया था। सात महीने बाद चुनावी प्रकिया आई है।
सदस्यता पर पेच : हेम सिंह ठेनुआ की पत्नी राजवाला वार्ड नंबर 3 नगला उम्मेद से क्षेत्र पंचायत सदस्य हैं। वहीं उनके भाई हरेंद्र सिंह की पत्नी रूपेश वार्ड संख्या 44 अखईपुर से क्षेत्र पंचायत सदस्य हैं। दोनों के वोट नगला उम्मेद की मतदाता सूची में हैं। ढाई महीने पहले ही नगर पालिका हाथरस का सीमा विस्तार हुआ था जिसमें दयानतपुर न्याय पंचायत के कई गांव हाथरस पालिका में शामिल हुए हैं। इनमें नगला उम्मेद समेत कई और गांव हैं। दो हजार की आबादी
पर बनते हैं सदस्य
उत्तर प्रदेश क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत अधिनियम 1961 के तहत क्षेत्र पंचायत सदस्य के चुनाव के लिए कम से कम दो हजार की आबादी होनी जरूरी है। वार्ड 3 नगला उम्मेद में बीडीसी के लिए दयानतपुर और नगला उम्मेद दोनों के लोग मतदान करते हैं। पालिका की सीमा विस्तार के बाद इस क्षेत्र की आबादी प्रभावित होगी। इससे बीडीसी की सदस्यता पर खतरा पैदा हो सकता है। इनका कहना है
नगर विकास विभाग ने सीमा विस्तार में गांव शामिल किए हैं। पंचायत राज विभाग विभाग से इस संबंध में अभी तक कोई अधिसूचना नहीं आई है। अगर पंचायत राज विभाग डी-नोटिफकेशन जारी करता है तभी ये गांव क्षेत्र पंचायत से अलग माने जाएंगे। इस संबंध में शासन के दिशा-निर्देश के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा।
-प्रवीण कुमार लक्षकार, जिलाधिकारी।