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आश्रयहीनों की पीड़ा का साहब को नहीं अहसास

ठंड से ठिठुर रहे गरीबों पर जरा भी तरस नहीं दिखा रहे प्रशासनिक अफसर रहम करो सरकार एक महीने पहले तहसीलों से मांगा ब्योरा तक नहीं दे सके अधिकारी रैन बसेरे पर पड़ा ताला न अलाव जले और न कंबल बांटे गए

By JagranEdited By: Published: Mon, 09 Dec 2019 01:26 AM (IST)Updated: Mon, 09 Dec 2019 01:26 AM (IST)
आश्रयहीनों की पीड़ा का साहब को नहीं अहसास
आश्रयहीनों की पीड़ा का साहब को नहीं अहसास

जागरण संवाददाता, हाथरस : रजाई में चैन की नींद सोने वाले अफसरों को क्या पता कि खुले आसमान के नीचे रात गुजारना कितना दुष्कर होता है। दिन पर दिन सर्दी का सितम बढ़ रहा है, लेकिन अफसरों को न तो रैन बसेरे की चिंता है और न ही अलावों की। तहसील के अफसरों की बेपरवाही का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एडीएम ने एक माह पूर्व ही कंबलों की जरूरत और अलाव स्थलों की जानकारी मांगी थी लेकिन अभी तक जवाब नहीं दिया गया।

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सर्दी का मौसम नवंबर में शुरू जाता है। भले ही दिन में अभी भी मौसम सामान्य हो, मगर सुबह और रात भर सर्दी खूब ठिठुरा रही है। ठंड का अहसास उन बेसहारा गरीबों से पूछिए जिनके पास रहने का ठिकाना नहीं है। दो वक्त की रोटी की जुगाड़ में दिन बीत जाता है और रात कहीं फुटपाथ पर बीतती है। ऐसे ही असहाय गरीबों के लिए सरकार की ओर से हर साल कंबल वितरण और अलाव जलाने के साथ रैन बसेरों के लिए करोड़ों रुपये खर्च किया जाता है, लेकिन ये लाभ गरीबों को अभी तक नहीं मिला है। यही कारण है कि ठंड से ठिठुरकर गरीब की मौत हो जाती है। विडंबना देखिए गरीब की ठंड से मौत को प्रशासन सामान्य मौत बताकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेता है। ऐसा इसलिए क्योंकि सीएम कह चुके हैं कि यदि कोई गरीब ठंड से मरेगा तो उसके लिए सीधे प्रशासन जिम्मेदार होगा। फाइलों में फंसा एडीएम का पत्र

शासन के निर्देशानुसार एडीएम वित्त एवं राजस्व जेपी सिंह ने आठ नवंबर 2019 जिले के सभी उपजिलाधिकारी एवं अधिशासी अधिकारी नगर पालिका, नगर पंचायत को कंबलों एवं अलाव की व्यवस्था के संबंध में पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया था कि तीन दिन में निराश्रित एवं असहाय और कमजोर वर्ग के लिए कंबल वितरण के लिए आवश्यकतानुसार गांव वार सूची, अलाव जलाने वाले स्थान की सूची और रैन बसेरा वाले स्थानों की सूची कार्यालय भिजवाना सुनिश्चित करें। मगर एक महीना बीतने के बाद भी तहसील प्रशासन अभी तक बेपरवाह बना हुआ है। वर्जन-

जिले के सभी तहसीलदारों से इस बारे में तीन दिन के अंदर जानी मांगी गई थी जो अभी तक नहीं मिली है। इस संबंध में एक और चिठ्ठी सभी उपजिलाधिकारियों एवं अधिशासी अधिकारियों को भेजी जाएगी ताकि शासन से दिशा-निर्देश लिए जा सकें।

जेपी सिंह, एडीएम वित्त एवं राजस्व हर बार की तरह इस बार भी रैन बसेरा तैयार कराया जाएगा। अलाव और तेज ठंड पड़ने पर जलवाए जाएंगे। इसके लिए शहर में स्थान पहले से ही निश्चित हैं। शासन स्तर से निर्देश मिल चुके हैं। एडीएम साहब के पत्र के बारे में जानकारी करके बताएंगे।

-डॉ.विवेकानंद गंगवार, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका हाथरस


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