बीमार पड़ी सस्ती दवा की दुकान
जिला अस्पताल में खोले गए जन औषधि केंद्र में जरूरी दवाओं का टोटा विडंबना -केंद्र पर जरूरी दवाओं की किल्लत होने से निराश होकर लौट रहे मरीज -जन औषधि केंद्र पर बाजार से 80 फीसद तक सस्ती मिलती हैं दवाएं
संवाद सहयोगी, हाथरस : लोगों को सस्ती दर पर सभी तरह की दवाएं उपलब्ध कराने का दावा करने वाले प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र को खुद उपचार की जरूरत है। कई महीने से औषधि केंद्र पर जीवन रक्षक दवाओं का टोटा है। दवाएं न होने के कारण मरीजों को निराश होकर लौटना पड़ता है। सस्ती दवा की चाह में उन्हें कई बार केंद्र के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। केंद्र संचालक के मुताबिक डिमांड भेजने के बावजूद सप्लाई में 10 से 15 दिन का समय लग रहा है। जितनी दवाओं की डिमांड निगम को भेजी जा रही है, उससे कम सप्लाई दी जा रही है।
बागला जिला अस्पताल में पिछले साल नौ सितंबर को प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र की स्थापना की गई थी। उस समय केंद्र पर करीब 150 तरह की दवाएं थीं। लगभग हर मर्ज की दवा यहां मौजूद थी। बाजार से 80 फीसद तक सस्ती होने के कारण मरीजों की यहां भारी भीड़ जुटने लगी। केंद्र के संचालकों ने दवाओं की बढ़ती डिमांड को देखते हुए सरकार द्वारा तय किए गए निगम को डिमांड भेजना शुरू कर दिया। शुरू में तो तय समय पर दवाओं की सप्लाई हुई, लेकिन बाद में ऑर्डर पूरा करने में देरी होने लगी। भेजी गई डिमांड के सापेक्ष सप्लाई आधी रह गई। खांसी के सीरप, बच्चों
के डायपर तक नहीं
औषधि केंद्र पर जरूरी दवाओं की भारी कमी है। संचालक प्रवींद्र कुमार सेंगर के मुताबिक ब्लड प्रेशर और दिल के रोगों से संबंधित दवाओं की ज्यादा मांग है। हार्ट, बीपी के अलावा लिवर रोगों की भी दवा नहीं है। सभी तरह के सीरप, बच्चों के डायपर, सभी तरह के इंजेक्शन, दर्द वाला स्प्रे, आई ड्रॉप भी केंद्र पर नहीं मिल रहा। शहर के चिकित्सकों के पर्चे लेकर पहुंच रहे लोगों को निराशा हाथ लग रही है। प्रवींद्र कुमार का कहना है कि डिमांड भेजी गई है। सप्लाई में अब ज्यादा समय लग रहा है। सप्लाई पूरी नहीं आ रही। रिमाइंडर भेजे जा रहे हैं। हर सीएचसी पर खुलने थे केंद्र
सरकार ने हर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर जन औषधि केंद्र खोलने का एलान किया था, लेकिन ऐसा हो न सका। सीएचसी तो दूर हर तहसील में भी जन औषधि केंद्र नहीं खुल पाया। यही वजह है कि बागला जिला अस्पताल में मौजूद जन औषधि केंद्र पर जिलेभर से लोग सस्ती दवा खरीदने पहुंच रहे हैं। मरीजों की ज्यादा भीड़ होने के कारण केंद्र पर दवाओं का टोटा बना रहता है। अगर हर सीएचसी पर औषधि केंद्र खुल जाते तो दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित हो सकती थी। इन बीमारियों की दवा नहीं
लिवर, हार्ट, ब्लड प्रेशर, पेन किलर स्प्रे, आइ ड्रॉप, सीरप, डायपर, कई इंजेक्शन। वर्जन-
मैं कई बार दवा लेने यहां आ चुका हूं। कुछ दवाएं मिल जाती हैं। शहर के डॉक्टर जो दवाएं लिखते हैं, उनमें से कई दवाएं यहां नहीं हैं।
-राजेश कुमार, महौ यहां दवाएं काफी सस्ती हैं लेकिन बहुत सी दवाएं नहीं मिलतीं। उन दवाओं को बाजार से खरीदना होता है। सब दवाएं मिलें तो काफी बचत हो सकती है।
-कालीचरन, नवीपुर