श्रवण कुमार के पिता ने दशरथ को दिया पुत्र वियोग में मरने का श्राप
आयोजन -श्रवण कुमार लीला का मंचन देख भावुक हुए श्रद्धालु -बाजीदपुर में रामलीला के दौरान अयोध्या में जले खुशी के दीप
संसू, हाथरस : सिकंदराराऊ के गांव बाजीदपुर में रामलीला के तीसरे दिन राम जन्म की लीला के साथ श्रवण कुमार की लीला का मंचन किया गया। दर्शकों ने देर रात तक लीला का आनंद लिया।
लीला के दौरान श्रवण कुमार अपने नेत्रहीन माता-पिता को चारधाम की यात्रा के लिए ले जाते हैं। यात्रा के दौरान उनके माता-पिता को प्यास लगती है। तब उन्हें अयोध्या नगरी में एक वृक्ष के नीचे बैठाकर उनके लिए नदी से जल लेने के लिए चले जाते हैं। इसी दौरान अयोध्या के राजा दशरथ वहा शिकार के लिए पहुंच जाते हैं। राजा दशरथ नदी पर जंगली जानवर समझकर श्रवण कुमार को तीर मार देते हैं, जिससे श्रवण कुमार तड़पने लगते हैं।
श्रवण कुमार की तड़पने की आवाज सुनकर राजा दशरथ वहा पहुंचते हैं और अपनी गलती का पाश्चाताप करते हुए श्रवण कुमार से क्षमा मागते हैं। श्रवण कुमार अंतिम सासे लेते हुए अपने नेत्रहीन माता-पिता को राजा दशरथ से उन तक जल पहुंचाने की विनती करते हैं, जिसे स्वीकारते हुए राजा दशरथ श्रवण कुमार के माता-पिता के पास जाते हैं। वह सारे घटनाक्रम को हिचकिचाते हुए बताते हैं। गुस्से में आकर श्रवण कुमार के नेत्रहीन माता-पिता राजा दशरथ को पुत्र वियोग में तड़पने का श्राप देते हुए स्वर्गलोक को सिधार जाते हैं। इसी बीच रामजन्म की लीला भी हुई। जिसमें राजा दशरथ के यहां चार पुत्र रत्न की प्राप्ति पर पूरी अयोध्या नगरी में खुशी के दीप जलते हैं और मिठाइया बाटी जाती हैं। राजतिलक के साथ हुआ रामलीला का समापन
संसू, पुरदिलनगर : कस्बा में चल रही रामलीला का श्रीराम के राजतिलक के साथ समापन हो गया। श्रीराम के वन से लौटने पर पूर्व चेयरमैन गंगाराम कुशवाह ने पत्नी रामवती कुशवाह के साथ राम लक्ष्मण व सीता जी को तिलक कर राजगद्दी पर बैठाया तथा आरती उतारकर पूजा-अर्चना की। श्रीराम का राज तिलक होते ही पूरा पंडाल जय श्रीराम के जयकारों से गुंजायमान हो गया। श्रृद्धालुओं ने पुष्पवर्षा कर भव्य स्वागत किया। इस मौके पर देवेंद्र कुमार कुशवाह, मुन्नालाल, महेश, लोकेश, सोविल गुप्ता, उमेश, जितेंद्र कुमार, कन्हैया, रामू, टीटू, शिव, भूपेंद्र बॉबी, शालू ,कैलाशी, ब्रजेश, आशीष, भगवान सिंह कुशवाह, राधेश्याम कुशवाह आदि मौजूद रहे।