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समाज में बदलाव के लिए बना रही युवतियों को आत्मनिर्भर

सामाजिक संस्था के माध्यम से उन्हें दिला रही काम शहर की अन्य महिलाओं के साथ मिलकर कर र

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 01:38 AM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 01:38 AM (IST)
समाज में बदलाव के लिए बना रही युवतियों को आत्मनिर्भर
समाज में बदलाव के लिए बना रही युवतियों को आत्मनिर्भर

सामाजिक संस्था के माध्यम से उन्हें दिला रही काम, शहर की अन्य महिलाओं के साथ मिलकर कर रहीं ऐसा

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जासं, हाथरस : समाज में मलिन बस्तियों में युवतियों को आत्मनिर्भर बनाना एक बड़ी चुनौती है। इस अनूठे काम को आज भी कुछ महिलाएं अंजाम दे रही हैं। ऐसी एक महिला समाजसेवी पारुल बंसल का नाम जुड़ा हुआ है। वे शहर की प्रतिष्ठित परिवारों की महिलाओं के साथ 'प्रयास-एक कोशिश' संस्था के माध्यम से अब तक वे सैकड़ों लड़कियों को प्रशिक्षित कर चुकी हैं तथा उन्हें काम भी दिलाया है।

परिचय : शहर के इंडस्ट्रियल एरिया की रहने वाली पारुल बंसल शादी तक समाजसेवा के क्षेत्र से अनभिज्ञ थीं। शादी के बाद समाज हित में किए जाने वाले कार्यों से उन्हें प्रेरणा मिली। बकौल पारुल, सामाजिक कार्यों में शामिल हो गई। शादी के दो साल बाद से ही क्लब व अन्य महिला संगठनों के माध्यम से जनहित में काम शुरू किए। व्यापारिक पृष्ठभूमि होने के कारण वे स्वरोजगार की अहमियत बखूबी जानती थीं। इसलिए नौकरी पेशा की बजाय युवाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए जनवरी 2017 में 'प्रयास-एक कोशिश' संस्था की शुरुआत की, जिसमें शहर के प्रतिष्ठित परिवारों की लगभग 40 महिलाओं को सहयोग के लिए शामिल किया।

युवतियों को दी नहीं दिशा

पारुल बंसल ने सैकड़ों युवतियों को सही राह दिखाई। उन्हें नई दिशा देकर भविष्य को उज्ज्वल किया है। इनमें मेहंदी, सिलाई, ब्यूटीशियन व आर्ट एंड क्राफ्ट के प्रशिक्षण दिए गए हैं। इनमें अधिकतर युवतियां विष्णुपुरी, खंदारी गढ़ी, तमना गढ़ी, रमनपुर, श्रीनगर, कैलाश नगर, सिद्धार्थ नगर आदि इलाकों की रहने वाली हैं। यहां से प्रशिक्षण प्राप्त कर लड़कियां अपने घरों पर प्रशिक्षण दे रही हैं। वहीं कई ने इसके जरिए रोजगार भी स्थापित किया है।

किताबी ज्ञान भी : बढ़ती जनसंख्या को नियोजित करने के लिए लोगों को शिक्षित करना जरूरी है। शिक्षित व्यक्ति को रोजगार के तमाम अवसर मिलते हैं। इसलिए पारुल संस्था के माध्यम से मलिन बस्ती व झोपड़ी में रहने वाले बच्चों को भी शिक्षित करने का काम किया है।

आज भी जारी है प्रयास : पारुल बंसल ने बताया कि संस्था लगातार युवतियों को प्रशिक्षित करने का काम कर रही है। उनके काम में सपना शर्मा, जूही बंसल, मंजरी खेतान, दीप्ती अग्रवाल आदि महिलाएं सहयोग कर रही हैं। उन्होंने बताया कि युवतियों को स्वरोजगार के लिए उन्हें प्रशिक्षित करने का क्रम जारी रहेगा।


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