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सपा का तनाव बढ़ा सकता है सेक्युलर मोर्चा

सेक्युलर मोर्चा ने डॉ. विद्याराम यादव को सौंपी हाथरस जिले की कमान सियासी सरगर्मी -पितृपक्ष के बाद होनी है मोर्चा की कार्यकारिणी की घोषणा -सपा में उपेक्षित सीनियर नेताओं को जोड़ने की कोशिश

By JagranEdited By: Published: Mon, 08 Oct 2018 12:42 AM (IST)Updated: Mon, 08 Oct 2018 12:42 AM (IST)
सपा का तनाव बढ़ा सकता है सेक्युलर मोर्चा
सपा का तनाव बढ़ा सकता है सेक्युलर मोर्चा

जागरण संवाददाता, हाथरस : समाजवादी पार्टी से अलग हुए शिवपाल ¨सह यादव के संगठन सेक्युलर मोर्चा ने हाथरस में भी अपने पैर जमाने शुरू कर दिए हैं। मोर्चा ने यहां जिलाध्यक्ष की घोषणा कर दी है। सिकंदराराऊ के रहने वाले और एएमयू के रिटायर प्रोफेसर डॉ. विद्याराम यादव को जिले की कमान सौंपी है। अब मोर्चा ने जिले के पुराने, अनुभवी और अखिलेश से खफा कार्यकर्ताओं और नेताओं पर डोरे डालने शुरू कर दिए हैं। लोकसभा परिसीमन के हिसाब से मुस्लिम-यादव गठजोड़ हाथरस की राजनीति में बड़ा हस्तक्षेप रखता है। राजनीतिकों की मानें तो सेक्युलर मोर्चा सपा के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर सकता है।

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डॉ. विद्याराम यादव सपा से हाथरस के जिलाध्यक्ष रह चुके हैं। वर्ष 2006 से 2009 तक उन पर हाथरस जिले की कमान रही थी। वे एएमयू में रेडियोलॉजी विभाग में प्रोफेसर थे। वहां डिप्टी प्रॉक्टर के साथ-साथ एनआरएससी क्लब और हादी हसन हॉल के प्रोवोस्ट भी रहे हैं। सिकंदराराऊ में कोल्ड स्टोरेज संचालक डॉ. विद्याराम की साफ छवि सपा के लिए चुनौती साबित हो सकती है। अखिलेश से नाराज लोगों पर नजर

शिवपाल ¨सह और अखिलेश यादव के विवाद के बाद सपा समर्थक भी दो भागों में बंट गए हैं। डॉ. विद्याराम की मानें तो हाथरस में पुराने और अनुभवी लोगों को मोर्चा से जोड़ा जाएगा, क्योंकि यह लोग अखिलेश यादव से खफा हैं। अखिलेश की राजनीति को मुगलिया राजनीति बताते हुए डॉ. विद्याराम ने कहा कि जिस प्रकार उन्होंने नेताजी (मुलायम ¨सह यादव) से कुर्सी हथियाई है, इससे सपा का बड़ा धड़ा नाराज है। खासकर पार्टी के पुराने कार्यकर्ता इससे बेहद खफा हैं। मोर्चा ऐसे कार्यकर्ताओं को सम्मान देगा। जल्द ही कार्यकारिणी की घोषणा होते ही इसकी तस्वीर साफ होगी। मोर्चा के मंडल प्रभारी डॉ. रक्षपाल ¨सह से इस संबंध में मंथन चल रहा है।

सपा-बसपा गठजोड़ से होगा लाभ :

डॉ. विद्याराम की मानें तो मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के विस चुनावों में सपा के कांग्रेस से अलग होने के बाद यूपी में सपा-बसपा गठजोड़ की संभावना तेज हो गई है। अगर ऐसा होता है तो सेक्युलर मोर्चा को इसका फायदा मिलेगा, क्योंकि दोनों पार्टियां एक हो सकती हैं, लेकिन उनके वोटर और सपोर्टर नहीं। इससे सपा के सपोर्टर नाराज होंगे जिन्हें मोर्चा पूरा सम्मान देगा।

मुस्लिम-यादव गठजोड़ :

हाथरस लोकसभा क्षेत्र में अलीगढ़ की दो विधानसभाएं इगलास और छर्रा भी शामिल हैं। हाथरस की सिकंदराराऊ और अलीगढ़ की छर्रा विधानसभा क्षेत्र यादव और मुस्लिम बाहुल्य है। इन दोनों विधानसभा क्षेत्रों में करीब एक लाख यादव वोटर हैं। हाथरस के पूरे लोकसभा क्षेत्र में डेढ़ लाख से ज्यादा मुस्लिम वोटर हैं। सेक्युलर मोर्चा अगर इसमें सेंध लगाने में कामयाब रहा तो निश्चित ही सपा को नुकसान होगा।


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