संजय जाटव व शीतल का लखनऊ में होगा सम्मान
संसू, हाथरस : सदियों से चली आ रही परंपरा से लड़ाई लड़कर कासगंज के गाव निजामपुर में बरात ले ज
संसू, हाथरस : सदियों से चली आ रही परंपरा से लड़ाई लड़कर कासगंज के गाव निजामपुर में बरात ले जाने वाले अनुसूचित जाति के दूल्हा संजय जाटव व उनकी पत्नी शीतल को लखनऊ में भारत रत्न डॉ. आबेडकर सम्मान से नवाजा जाएगा। बाबा साहब के परिनिर्वाण दिवस पर छह दिसंबर को भारत रत्न डॉ. आबेडकर महासभा की ओर से होने वाले सम्मान समारोह के लिए महासभा के महामंत्री अमरनाथ प्रजापति ने संजय जाटव व उनकी पत्नी शीतल को बुलावा भेजा है। वे पांच दिसंबर को ही लखनऊ पहुंच जाएंगे। कार्यक्रम में प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व डॉ. दिनेश शर्मा मौजूद रहेंगे।
दरअसल, संजय जाटव की शादी ने खूब सुर्खियां बटोरीं थी। उनके अदम्य साहस और प्रबल इच्छा शक्ति के चलते ही ठाकुर बाहुल्य गांव में अनुसूचित जाति के दूल्हे की बरात धूमधाम से चढ़ पाई। हुआ यूं कि सिकंदराराऊ के गाव बसई के संजय जाटव की शादी कासगंज के गाव निजामपुर निवासी शीतल से हुई है। शादी से पहले संजय को जब अनुसूचित जाति के लोगों की बरात गांव में न चढ़ाने की परंपरा का पता चला तो उन्होंने पूरे गांव में बरात चढ़ाने का फैसला किया। इसके लिए संजय को दबंग लोगों के अलावा प्रशासनिक अड़चनों का सामना करना पड़ा। आखिरकार मामला हाईकोर्ट और लखनऊ तक पहुंचने के बाद पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में शादी हुई।
इधर, शादी के बाद संजय व शीतल को मैनपुरी में आबेडकर फाउंडेशन द्वारा सम्मानित किया गया। दिल्ली में भी भारत रत्न डॉ. आबेडकर अवार्ड 2018 से नवाजा जा चुका है। फिल्म निर्माता कैलाश मासूम संजय की शादी पर फिल्म बनाने की तैयारी में हैं।
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सुरक्षा वापस लेने से परेशान संजय जाटव
दैनिक जागरण से बातचीत में संजय जाटव ने कहा कि जातीय स्वाभिमान की लड़ाई लड़ने के कारण वे खास वर्ग के निशाने पर हैं। इसी वजह से उन्हें पुलिस-प्रशासन ने सुरक्षा प्रदान की थी। मगर, अब सुरक्षा वापस ले ली गई है, जबकि अभी भी खतरा बना हुआ है। संजय का कहना है कि भविष्य में समाज के शोषित एवं उपेक्षित लोगों की सहायता करने की योजना है। सामाजिक कुरीतियों व कुप्रथाओं पर रोक लगनी चाहिए। इसेक लिए वर्ष 2019 में एटा या हाथरस लोकसभा सीट से चुनाव लड़ सकता हूं। उन्होंने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि मेरी लड़ाई से समाज के अन्य लोगों को प्रेरणा मिलेगी।