धान में कंडुआ बीमारी से गिरी चावल की गुणवत्ता
दिल्ली से आई टीम ने मिट्टी व पानी के लिए नमूने -आज सिकंदराराऊ में जांच कर नमूने लेगी टीम
संस, हाथरस : चावल की गुणवत्ता सुधारने को लेकर दिल्ली से आई वैज्ञानिकों की टीम ने बुधवार को हसायन क्षेत्र का निरीक्षण किया। खेतों में जाकर मिट्टी आदि के नमूने लेते हुए उन्हे जांच के लिए भेजा है। गुरुवार को टीम सिकंदराराऊ क्षेत्र में जांच करेगी।
वैज्ञानिकों ने प्राथमिक जांच में पाया है कि धान की गुणवत्ता में कमी कंडुआ आदि रोग के कारण आ रही है। इसलिए जनपद में 1509 प्रजाति का धान अधिक किया जा रहा है। इसके अलावा यहां सरबती, पीटेन आदि धान की प्रजाति उगाई जाती है।
चावल की गुणवत्ता में आ रही कमी को सरकार ने गंभीरता से लिया है। सरकार के निर्देश पर भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली की टीम ने जनपद में डेरा डाल रखा है। इस टीम में वैज्ञानिक एमसी मीणा व तकनीकी अधिकारी सोनू सिंह शामिल हैं। बुधवार को इस टीम को लेकर जनपद के किसान विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. एसआर सिंह व डॉ. एसके रावत हसायन क्षेत्र के गांवों में गए। इसमें सलेमपुर, गोपालपुर, नगला तजना, नत्थू का नगला, बहटा, जाऊ इनायतपुर आदि शामिल हैं। टीम ने इन गांवों के खेतों में जाकर धान की फसल के साथ मिट्टी व पानी की भी जांच करते हुए उसके नमूने भी लिए। इन नमूनों को जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा जाएगा।