कायाकल्प से बदला मां भद्रकाली मंदिर का स्वरूप
ब्रज की देहरी हाथरस में पर्यटन की संभावना को देखते हुए ऐतिहासिक धर्म स्थलों को सजाया-संवारा जा रहा है।
संसू, हाथरस : ब्रज की देहरी हाथरस में पर्यटन की संभावना को देखते हुए ऐतिहासिक धर्म स्थलों को सजाया-संवारा जा रहा है। जलेसर से सादाबाद मार्ग पर पड़ने वाले महरारा चौराहा से सहपऊ की ओर जाने वाले लिक मार्ग पर लगभग एक किमी दूरी पर मां भद्रकाली महाशक्ति पीठ मंदिर का कायाकल्प किया जा रहा है। यहां हर सोमवार को मेला लगता है। नवरात्रि में श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगती है।
मंदिर का इतिहास
यह एक प्राचीन मंदिर है। इसका उल्लेख महाभारत व श्रीमद्भागवत पुराण में भी मिलता है। वर्तमान में विराजमान प्रतिमा जमीन से निकली बताई जाती है, जिसका सपना एक पुजारी को दिया था। बजुर्ग बताते हैं कि यहां एक बरात आई थी। बरातियों द्वारा धृष्टता करने पर पूरी बरात पत्थर की बन गई थी, जिसके अवशेष आज भी मंदिर परिसर में मौजूद हैं। मुगल सम्राट शाहजहां ने इस मंदिर को तुड़वा दिया था। बाद में श्रद्धालुओं ने पुन: निर्माण किया। आज उस स्थान पर भव्य मंदिर बना हुआ है।
विशेषता
यह मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का बड़ा केंद्र है। मां की असीम शक्ति का ऐसा प्रताप है कि दूर-दूर से श्रद्धालु उनके दर्शन करने आते हैं। जिनकी मनोकामना पूर्ण हो जाती वे यहां आकर भंडारा करते हैं। कायाकल्प
मु्ख्यमंत्री पर्यटन संवर्द्धन योजना के तहत पर्यटन विभाग से 44.28 लाख रुपये से कार्य कराया जा रहा है, जिसमें मंदिर परिसर में ग्रेनाइट पत्थर से फर्श, पत्थर की बेंच व सोलर लाइट की भी व्यवस्था की गई है। वर्जन
मां की असीम शक्ति का प्रभाव सर्वविदित है। जो भक्त सच्चे मन से मां की शरण में आता है, उसकी मनोकामना पूर्ण होती है। मंदिर में पर्यटन विभाग की ओर से विकास कार्य कराए जा रहे हैं।
-अमित शुक्ला, पुजारी