'घर- घर में रावण बैठा एक राम क्या कर पाएंगे'
महादेव कालोनी में राष्ट्रीय कवि संगम की मासिक गोष्ठी कवियों ने आज की राजनीति पर खुलकर किया प्रहार
संस, हाथरस : राष्ट्रीय कवि संगम की मासिक काव्य गोष्ठी मैंडू रोड स्थित महादेव कॉलोनी में संस्था के सह जिला संयोजक कवि देवेश सिसौदिया के आवास पर हुई, जिसकी अध्यक्षता सादाबाद से पधारे कवि एवं शायर नूर मोहम्मद नूर ने तथा संचालन देवेश ने किया। ओज कवि राणा मुनी प्रताप ने सरस्वती वन्दना की। हरिभान ¨सह ने सुनाया, 'असली गहना माने जिसमें बरछी, भाले, तीरों को। सौ-सौ बार नमन है मेरा राणा जैसे वीरों को।' कवयित्री मनु दीक्षित मनु ने सुनाया, 'देश की डूबती नैया को कौन बचाएंगे, घर-घर में रावण बैठा है एक राम क्या कर पाएंगे।' डा. नितिन मिश्रा ने पढ़ा, 'करे जो प्यार की बातें वही दिलदार हो जाये, मोहब्बत में निखरते रूप से श्रृंगार हो जाये।' जिला संयोजक अनिल बौहरे ने पढ़ा, 'गोवर्धन पूजन गिरिराज महाराज सबको बता गये, धनतेरस में जो धन आगे था गोवर्धन में पीछे करा गये।' राणा मुनी प्रताप ने पढ़ा, 'मतदाताओं अपनी भारत माता को चोट नहीं देना, जिनका इतिहास कलंकित हो ऐसों को वोट नहीं देना।' बाबा देवी ¨सह निडर ने पढ़ा, 'दीपक तले अंधेरा साथ हमने देखा, हर पथ पर खुशहाल लुटेरा हमने देखा।' देवेश सिसौदिया आंसू ने पढ़ा, 'सजदे में सर अदब से झुका कर तो देखिये, चराग अमनो अमन के जलाकर तो देखिये।' डा.उपेन्द्र झा ने पढ़ा, 'प्यार को हमने समझा नहीं गौर से, क्योंकि गुजरे नहीं हम उस दौर से।' नूर मोहम्मद नूर ने पढ़ा, 'हमें तो फूल भी कांटे भी प्यार करते हैं, वह जख्म खाये जो कलियां शिकार करते हैं।' डा.सुरेश ठाकुर, श्यामबाबू ¨चतन, गणपति गणेश, पूनम ठाकुर, ऋषि प्रताप, ज्ञानी, जय प्रकाश पचौरी, अतुल चौहान आदि भी मौजूद थे।