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अपनों के छिटकने से कमजोर हुए रामवीर!

भाई की बगावत से बढ़ी जिले की सियासी सरगर्मी बसपा पर भी पड़ा फर्क, कई नेताओं का हो चुका निष्कासन

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Nov 2018 01:32 AM (IST)Updated: Sat, 10 Nov 2018 01:32 AM (IST)
अपनों के छिटकने से कमजोर हुए रामवीर!
अपनों के छिटकने से कमजोर हुए रामवीर!

जासं, हाथरस : विधानसभा चुनाव से पहले और उसके बाद कई नेताओं का बसपा छोड़ना या निष्कासित किया जाना, अंतत: पार्टी को कमजोर कर रहा है। कई नेता दूसरी पार्टी में जा चुके हैं, कुछ तैयारी में हैं। इस बीच निष्कासित मुकुल का यूं रामवीर के खिलाफ ही ताल ठोंक देना बताता है कि बड़े भाई कितने असहाय हो चले हैं।

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विधानसभा चुनाव-2017 से कुछ पहले बसपा का बड़ा कुनबा था। चुनाव से कुछ माह पहले तत्कालीन विधायक गेंदालाल चौधरी ने बसपा छोड़कर रालोद का दामन थाम लिया। विधानसभा चुनाव भी लड़े। विधानसभा चुनाव के बाद आशीष शर्मा भी बसपा छोड़कर भाजपा चले गए और हाथरस नगर पालिका अध्यक्ष के लिए चुनाव भी लड़े। रामवीर ने मुकुल की पत्नी को उतारा, पर आशीष भारी पड़े और अध्यक्ष बन गए।

इसी बीच, ब्रज मोहन राही, दिनेश देशमुख, लल्लन बाबू एडवोकेट, आरसी गोला भी बसपा से निकाले जा चुके हैं। मुकुल समेत इनके निष्कासन से न सिर्फ रामवीर बल्कि बसपा भी कमजोर हो रही है। ये नेता रामवीर के खिलाफ एकजुट भी हो सकते हैं। सियासी बोल

यह राजनीतिक स्टंट है, ड्रामा है। रामवीर व मुकुल चर्चाओं में आने के लिए यह सब कर रहे हैं। पर्दे के पीछे सब एक हैं।

आशीष शर्मा, नगर पालिका अध्यक्ष हाथरस

-- रामवीर उपाध्याय राजनीति के धृतराष्ट्र हैं। वह भाइयों पर अटूट विश्वास करते हैं। मुकुल को ऐसे आरोप नहीं लगाने चाहिए।

गेंदालाल चौधरी, पूर्व विधायक, जिलाध्यक्ष रालोद

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रामवीर ने ही सारा नाटक कराया है। भाई दूसरी पार्टी में जाना चाहता है। ऐसा नाटक करके वे बसपा अध्यक्ष को गुमराह कर रहे हैं।

देवेंद्र अग्रवाल, पूर्व विधायक सपा

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