अचानक पानी छोड़ने से टूटी रजबहा की पटरी, फसल डूबी
सिचाई विभाग द्वारा अचानक पानी छोड़ दिए जाने से रजबहा की पटरियां टूट गई इससे फसल क्षतिग्रस्त हो गई।
संवाद सूत्र, हाथरस : सिचाई विभाग द्वारा अचानक पानी छोड़ दिए जाने से रजबहा की पटरियां टूट गईं। इससे आसपास के खेतों में खड़ी फसल जलमग्न हो गईं। सबसे अधिक नुकसान आलू, गेहूं, सरसों व हरी सब्जियों की फसलों को हुआ है। विभागीय अधिकारियों के प्रति किसानों में आक्रोश व्याप्त है।
अन्नदाता पर कब संकटों का पहाड़ टूट पड़े, कोई पता नहीं चलता। इस बार सिचाई विभाग की लापरवाही किसानों को महंगी पड़ रही है। सोमवार की सुबह विभाग द्वारा सहपऊ रजबहा में अचानक पानी छोड़ दिया गया। एक साथ तेज पानी आ जाने से रजबहा की पटरी सहपऊ गांव ढकपुरा और सैदरिया पुलिस चौकी के सामने सहित दो जगह से टूट गई। उसके रास्ते सारा पानी आसपास खेतों में खड़ी फसलों में भर गया। यह पानी सुबह करीब तीन बजे छोड़े जाने से किसानों को इसकी जानकारी सुबह हुई। तब तक फसलें जलमग्न हो गई थीं।
आलू व गेहूं की फसल का सबसे अधिक नुकसान
रजबहा का पानी करीब 100 बीघा से अधिक फसल में भर गया है। इस समय खेतों में खड़ी हुई हैं। खेतों में पानी भरने से सबसे अधिक नुकसान आलू व गेहूं की फसलों को हुआ है। इसके अलावा सरसों, मटर व हरी सब्जियों की फसलों को भी नुकसान हुआ है। आक्रोशित किसान बर्बाद हुई फसलों का सर्वे कराकर मुआवजा दिलाने की मांग प्रशासन से कर रहे हैं। पटरी कटने से किसान वीरी सिंह, ओम प्रकाश, रामखिलाड़ी, नवीन शुक्ला, प्रवीन शुक्ला, देवेंद्र शुक्ला, भूरी सिंह, रमेश कुमार, कालीचरन आदि किसानों की फसल को नुकसान पहुंचा है।
इनका कहना है-
दिनरात मेहनत कर किसान फसलों को उगाता है। उसे कभी मौसम तो कभी विभागीय अधिकारियों की लापरवाही का शिकार होना पड़ता है। इसमें सैकड़ों बीघा फसल बर्बाद हो गई है।
- विशाल शुक्ला, किसान
सिचाई विभाग द्वारा रजबहा में पानी छोड़ने से पूर्व किसानों को सूचित करना चाहिए। इससे वह अपना इंतजाम कर लें। अचानक पानी छोड़कर किसानों को बर्बाद किया जा रहा है।
- दीपू, किसान