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धरती की कोख भरने के लिए लगा रहे रेन वाटर हार्वेस्टिग

बड़े घरों की छत स्कूल व फैक्ट्री परिसर में वर्षा जल संचय है आसान।

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Jun 2021 06:02 AM (IST)Updated: Mon, 21 Jun 2021 06:02 AM (IST)
धरती की कोख भरने के लिए लगा रहे रेन वाटर हार्वेस्टिग
धरती की कोख भरने के लिए लगा रहे रेन वाटर हार्वेस्टिग

जासं, हाथरस : प्राकृतिक जल स्त्रोत कम होते जा रहे हैं और भूगर्भ जल का दोहन लगातार हो रहा है। इससे धरती की कोख सूख रही है। इसे वर्षा जल संचय से ही भरा जा सकता है। भूगर्भ जल स्तर कम होते देख लोगों में जागरूकता बढ़ी है। सरकारी आदेशों को लेकर प्राइवेट भवन स्वामी भी गंभीर नजर आ रहे हैं। उन्होंने आदेशों का पालन करते हुए परिसर में रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगवाए हैं और लगवा रहे हैं। उनका मानना है कि भूगर्भ जल संचय के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिग से बढि़या कोई उपाय नहीं है।

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जनपद में लगातार सरकारी भवन के साथ रिहायशी भवन बनते जा रहे हैं। इससे जमीन की ऊपरी परत पक्की होती जा रही है। हर साल बारिश होती है। यह पानी पक्के नाले और नालियों से यू हीं बेकार बह जाता है। 100 से 300 वर्ग मीटर में बने भवन या उससे अधिक के फैक्ट्री या स्कूल परिसरों में वर्षा जल को रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगाकर संचय किया जा सकता है, क्योंकि इनकी छतें बड़ी होती हैं और परिसर में भी पानी काफी इकट्ठा होता है। इंजीनियर अजय उपाध्याय बताते हैं कि बारिश के पानी को फिल्टरेशन टैंक के माध्यम से जमीन के अंदर पाइप से भेज सकते हैं। जिन घरों के हैंडपंप या सबमर्सिबल के बोर खराब हो गए हैं, वे उस बोरिग को इस्तेमाल कर सकते हैं। इस पर खर्च अधिक नहीं होता है। वर्जन --

हमारे कालेज में दो रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगे हुए हैं। इनसे हर साल वर्षा जल संचय होता है। जिस स्थान पर यह लगाए जाते हैं, वहां के आसपास की जगह का भूगर्भ स्तर गिरने पर रोक लगती है। आसपास का जो प्राकृतिक जल स्त्रोत है, वह भी रिचार्ज होता है।

निखिल स्वामी पवन, मैनेजर, जेपीएस इंटर कालेज, सिकंदराराऊ भूगर्भ जल स्तर बढ़ाने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम से बढि़या कोई उपाय नहीं है। हम अपनी फैक्ट्री में इसे लगवाने की तैयारी कर रहे हैं। इससे फैक्ट्री परिसर के अलावा आसपास का जल स्तर कम नहीं होगा। अन्य लोगों को भी यह सिस्टम जरूर लगवाना चाहिए, ताकि हम एक-एक बूंद पानी की सहेज सकें।

नितिन अग्रवाल, उद्यमी, सलेमपुर औद्योगिक आस्थान भूगर्भ जल का दोहन बढ़ता जा रहा है। वर्षा जल संचय नहीं हो पा रहा है। यूं ही बहकर नाला और नालियों के द्वारा बह जाता है। जहां हम लोग रह रहे हैं वहां बारिश का पानी संचय कर भूगर्भ जल का स्तर बढ़ा सकते हैं। इसके लिए रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम एक बढि़या तकनीक है।

देवेंद्र मोहता, अध्यक्ष, औद्योगिक आस्थान सहकारी समिति, हाथरस वर्तमान जल संकट दूर करने के लिए वर्षा जल संचय ही एकमात्र विकल्प है। इससे भूजल रिचार्ज हो सकेगा। रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम इस कार्य के लिए सबसे उपयोगी माध्यम है। भूगर्भ जल संरक्षण के लिए किसी प्रकार के संस्थान जैसे व्यापारिक हो या शैक्षणिक हो या फिर अन्य कोई जगह हो, वहां पर यह सिस्टम जरूर लगवाएं।

विपिन वाष्र्णेय, अध्यक्ष, उद्योग व्यापार मंडल, सिकंदराराऊ इनका कहना है

300 वर्ग मीटर से अधिक में यदि कोई व्यावसायिक इमारत बनाता है तो उसमें रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम होना जरूरी है। ये बात इमारत का नक्शा बनाने के दौरान उल्लिखित की जाती है। शासन के इस संबंध में साफ-दिशा निर्देश भी हैं। नक्शा पास तभी होता है जब नगर पालिका से एनओसी मिलेगी। वैसे तो लोग पहले से ही जागरूक हैं। जानते भी हैं कि भूगर्भ जल स्तर बढ़ाने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम से बढि़या कोई उपाय नहीं है।

डॉ.विवेकानंद गंगवार, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका हाथरस।


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