प्रदूषण विभाग की छापेमारी, दो कारखाने सीज
संवाद सहयोगी, हाथरस : पर्यावरण को लेकर ¨चतित प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, ग्रीन ट्रिब्यूनल व प्रशा
संवाद सहयोगी, हाथरस : पर्यावरण को लेकर ¨चतित प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, ग्रीन ट्रिब्यूनल व प्रशासनिक सहयोग से नगर की कई फर्मों पर छापेमारी की गई। दो कारखानों को मानक का पालन न करने पर सीज किया गया। छापेमारी से बिना सहमति के चल रहे उद्योग स्वामियों में खलबली मच गई और वे अपने प्रतिष्ठानों पर ताले लगाकर भाग गए। टीम ने एक कारखाना स्वामी को नोटिस जारी किया है।
जनसामान्य के स्वास्थ्य को लेकर भारत सरकार, राज्य सरकार, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल बोर्ड बेहद ¨चतित है। इसी को ध्यान में रखते हुए अंधाधुंध धुआं छोड़ने वाले, भूजल को दूषित करने वाले, बिना सहमति से संचालित उद्योगों को बंद कराने के प्रति सक्रियता दिखाई जा रही है। एनजीटी का मानना है कि शुद्ध जलवायु न मिलने से विभिन्न बीमारियां जकड़ रही हैं। ऐसा उन लोगों के कारण हो रहा है, जो स्वयं की जिम्मेदारी को न समझकर वातावरण में प्रदूषण का जहर घोल रहे हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तभी सहमति जारी करता है, जब उद्योग स्थल पर प्रदूषण नियंत्रक यंत्र लग जाते हैं।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अलीगढ़ के क्षेत्रीय अधिकारी रामगोपाल एवं उनके सहायक पर्यावरण अभियंता वी.डी शर्मा, अवर अभियंता दीपक मेहरा लगातार क्षेत्रों में निरीक्षण कर ऐसे उद्योग जो विभाग की बिना सहमति के संचालित हैं, के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं। बुधवार को जिलाधिकारी रमाशंकर मौर्य के निर्देशन में प्रदूषण विभाग के सहायक पर्यावरण अभियंता वी.डी शर्मा ने उप जिलाधिकारी सदर अरुण कुमार ¨सह के सहयोग से गुड़िया वाला पेच, चामणगेट पर संचालित आनंद एग्रो एवं जीएम फूड का निरीक्षण किया। दोनों ही कारखाने पर्यावरण की एनओसी के बिना संचालित थे, जिसके चलते दोनों कारखानों को सीज किया गया। इस छापेमारी से नगर में संचालित तमाम उद्योगों पर ताले लटक गए। उद्यमी कारखाने बंद कर भाग गए।
टीम ने वाटर वर्क्स पर संचालित मुरब्बा कारखाना स्वामी दीपक खंडेलवाल को नोटिस जारी किया है। इनका कहना है
व्यापारियों का उत्पीड़न किसी भी सूरत पर सहन नहीं किया जाएगा। फैक्ट्री को सीज करने की कार्रवाई से पहले व्यापारी को नोटिस दिया जाए। उसमें सुधार न होने पर अग्रिम कार्रवाई की जानी चाहिए। इस मामले में जिलाधिकारी से वार्ता करते हुए सीज की गई फैक्ट्रियों को खुलवाने की बात की गई है। उन्होंने आश्वस्त भी दिया है।
-आशीष शर्मा, पालिकाध्यक्ष, नगर पालिका परिषद, हाथरस