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गरीब बच्चों के प्रवेश में 'खेल', बाबू निलंबित

बीएसए के फर्जी हस्ताक्षर व मुहर बनाकर अपनी मर्जी से प्रवेश दिलाने को दिए आदेश ब्लर्ब- मामला डीएम के संज्ञान में आने के बाद हुई कार्रवाई, पोप ¨सह जांच अधिकारी नियुक्त

By JagranEdited By: Published: Fri, 31 Aug 2018 01:18 AM (IST)Updated: Fri, 31 Aug 2018 01:18 AM (IST)
गरीब बच्चों के प्रवेश में 'खेल', बाबू निलंबित
गरीब बच्चों के प्रवेश में 'खेल', बाबू निलंबित

संवाद सहयोगी, हाथरस :

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जनपद के निजी स्कूलों में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत गरीब बच्चों को प्रवेश दिलाने के नाम पर भी बड़ा 'खेल' हुआ है। बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात एक बाबू ने बीएसए की फर्जी मुहर व हस्ताक्षर से बच्चों को प्रवेश दिलाए हैं। मामला संज्ञान में आते ही जिलाधिकारी के निर्देश पर बाबू को निलंबित कर दिया गया है। उसे एबीएसए कार्यालय सिकंदराराऊ से अटैच किया गया है। इस मामले की जांच बीईओ मुख्यालय को सौंपी गई है।

शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत सरकार ने निजी स्कूलों में गरीब बच्चों को पढ़ाने के लिए 25 फीसद कोटा नियत किया है। इसमें गरीब परिवारों के बच्चों को प्राथमिकता दी जाती है। गरीबों को प्रवेश देने के लिए तैयार सूची का प्रकाशन जिलाधिकारी के अनुमोदन के बाद जारी किया जाता है। आरटीई के तहत सीबीएसई स्कूलों में गरीब बच्चों को प्राइमरी व क्लास एक में दाखिले दिए गए। इसकी जिम्मेदारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में तैनात वरिष्ठ सहायक गजेंद्र कुमार को सौंपी गई थी। इस बाबू ने इस दाखिले में भी बड़ा खेल कर डाला। उसने बीएसए के नाम की फर्जी मुहर बनवाकर बीएसए के फर्जी हस्ताक्षर करते हुए तमाम बच्चों को दाखिले दिला दिए। इसका भेद खुलते ही बीएसए कार्यालय में खलबली मच गई। डीएम डॉ. रमाशंकर मौर्य को इसकी शिकायत मिली तो उन्होंने बीएसए हरीशचंद्र को तलब कर लिया। बीएसए ने बुधवार को पूरा प्रकरण जिलाधिकारी डॉ. रमाशंकर मौर्य के समक्ष रखा। इस पर जिलाधिकारी ने तत्काल बाबू के निलंबन व जांच के आदेश दिए। गुरुवार को बीएसए ने आरोपी बाबू गजेंद्र कुमार को निलंबित कर दिया। इनका कहना है

आरटीई के तहत दाखिले से अलग सूची में अपात्रों के नाम शामिल किए जाने का मामला संज्ञान में आते ही तत्काल कार्रवाई के निर्देश बीएसए को दिए हैं। बीएसए के फर्जी हस्ताक्षर व मुहर लगाकर स्कूल प्रधानाचार्यों को जारी किए गए आदेश के मामले में जांच कराई जाएगी। दोषी पाए जाने पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

-डॉ. रमाशंकर मौर्य, जिलाधिकारी

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आरटीई के तहत गरीब बच्चों के प्रवेश के लिए सूची जारी की गई थी। जिसमें बाबू गजेंद्र कुमार ने मेरे फर्जी हस्ताक्षर व मुहर बनवाकर दाखिले दिलाने व फीस माफी को विद्यालय प्रधानाचार्यों को आदेश दिए हैं। कूटरचित दस्तावेज बनाने के मामले में तत्काल प्रभाव से बाबू को निलंबित कर दिया है। जांच बीईओ पोप ¨सह को सौंपी गई है।

-हरीशचंद्र, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी


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