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सबसे अधिक कारतूस खरीदने वालों को ढूंढ़ रही है पुलिस

-डीजीपी ने दिए टॉप टेन कारतूस खरीदारों की सूची बनाने के निर्देश -चौकी इंचार्ज अपने क्षेत्र की शस्त्र दुकान संचालकों को दिए निर्देश

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Mar 2019 01:43 AM (IST)Updated: Wed, 13 Mar 2019 01:43 AM (IST)
सबसे अधिक कारतूस खरीदने  वालों को ढूंढ़ रही है पुलिस
सबसे अधिक कारतूस खरीदने वालों को ढूंढ़ रही है पुलिस

जागरण संवाददाता, हाथरस : चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद पुलिस व प्रशासन की हर ओर नजर है। असलहा जमा कराने के लिए हाईकोर्ट के निर्देश पर स्क्रीनिग कमेटी का भी गठन किया जा चुका है। पुलिस अब उन लोगों को चिह्नित करने में जुटी है, जिन्होंने पिछले पांच साल में सबसे अधिक कारतूस खरीदे हैं। साथ ही शस्त्र जमा करने वालों का भी रिकॉर्ड शस्त्र दुकान संचालकों से मांगा गया है।

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चुनावी बिगुल बजने के बाद पुलिस के प्रमुख कामों में लाइसेंसी असलहा जमा कराना भी है। इसके लिए थाना स्तर पर लाइसेंस धारकों की सूची बनती है। चुनाव में सुरक्षा के लिहाज से यह कदम उठाया जाता है। लाइसेंस धारक भी इस प्रक्रिया को जानते हैं। इसलिए आचार संहिता लागू होते ही वह स्वत: ही शस्त्र दुकानों या संबंधित थानों पर अपने असलहा जमा करा देते हैं। असलहा जमा कराने के लिए चौकी इंचार्ज भी लाइसेंस धारकों के दरवाजे खटखटाते हैं। जिले में 11,935 लाइसेंस धारक हैं। इनमें से अब तक 1,630 लोगों ने खुद ही असलहा जमा करा दिए हैं। सुरक्षा का हवाला देकर तमाम लोग असलहा नहीं जमा करते थे। यह मामला हाईकोर्ट तक भी पहुंचा था, जिसके बाद कोर्ट ने हर जिले में स्क्रीनिग कमेटी गठित करने के निर्देश दिए थे। आचार संहिता लगते ही जिलों में कमेटी का गठन कर दिया जाता है। जो लाइसेंस धारक असलहा जमा नहीं करना चाहता, वह कमेटी के समक्ष आवेदन करता है। कमेटी की जांच के बाद वजह वाजिब पाए जाने पर असलहा रखने की अनुमति देती है। हालांकि अभी तक कमेटी के समक्ष एक भी आवेदन नहीं आया है।

सूची बनाने में जुटे :

आचार संहिता लगते ही शस्त्र दुकान संचालकों का काम बढ़ गया है। ये लोग अब शस्त्र जमा करने वाले लाइसेंस धारकों की सूची बनाने में जुट गए हैं। टॉप-टेन सबसे अधिक कारतूस लेने वालों का भी डाटा एकत्रित कर रहे हैं।


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