फार्मासिस्टों के कार्य बहिष्कार से दूसरे दिन भी मरीज हलकान
दो घंटे के कार्य बहिष्कार से दवा के लिए तरस गए मरीज
संवाद सहयोगी, हाथरस : विरोध प्रदर्शन के बाद भी फार्मासिस्टों की ओर उच्च अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। प्रांतीय नेतृत्व के आह्वान पर जिले के फार्मासिस्ट दूसरे दिन भी दो घंटे के कार्य बहिष्कार पर रहे, जिससे मरीजों को दवाई पाने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ी।
अपनी विभिन्न मांगों को लेकर फार्मासिस्टों ने कुछ दिन पहले ही आंदोलन का एलान कर दिया था मगर शासन ने ध्यान नहीं दिया। तीन से पांच दिसंबर तक काला फीता बांधकर फार्मासिस्टों ने विरोध किया था। अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया तो फार्मासिस्टों ने दो घंटे के लिए कार्य बहिष्कार शुरू किया। शुक्रवार को भी आठ बजे से दस बजे तक कार्य बहिष्कार जारी रहा। देहात क्षेत्रों के प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर दस से बारह बजे तक कार्य बहिष्कार चला। इसकी वजह से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित रहीं। सबसे ज्यादा दिक्कत दवा काउंटरों के बंद होने से हुई क्योंकि चिकित्सकों ने जिन मरीजों को देखकर दवा की पच्ची लिख दिए थे वे दो घंटे दवा न मिलने से परेशान रहे। बाद में दवा काउंटर खुलने पर मरीजों की भीड़ टूट पड़ी।
फार्मासिस्टों ने चेतावनी दी है कि यदि अब भी सुनवाई नहीं होती है तो दस दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल कर सकते हैं। कार्य बहिष्कार में अतुल गौतम, महेश सेंगर, विक्रम ¨सह, देवेश शर्मा, अनिल कुमार सेंगर, शशि ¨सह, उदयपाल ¨सह, मुकेश कुमार सेंगर, राकेश शर्मा, महेंद्र ¨सह आदि शामिल रहे।
मुख्य सचिव के आश्वासन पर फार्मासिस्टों का आंदोलन स्थगित
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : मांगों को लेकर सरकारी अस्पतालों में दवा वितरण ठप करने वाले फार्मासिस्टों पर कार्रवाई करने की बजाए बैकफुट पर आया स्वास्थ्य विभाग शुक्रवार को उन्हें मनाने में जुट गया। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य प्रशांत त्रिवेदी के बाद मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय के साथ भी फार्मासिस्टों की बैठक देर शाम तक चली। पांडेय के आश्वासन पर फार्मासिस्टों ने फिलहाल आंदोलन स्थगित कर दिया है।
वेतन विसंगति दूर करने और पदों का पुनर्गठन करने सहित 14 सूत्रीय मांगों को लेकर डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने गुरुवार की तरह शुक्रवार को भी अस्पतालों में दवा वितरण ठप कर दिया। शहरी क्षेत्रों में उन्होंने सुबह आठ से दस और ग्रामीण क्षेत्रों में उन्होंने सुबह दस से दोपहर बारह बजे तक मरीजों को दवा नहीं मिलने दी। गुरुवार को मरीजों की समस्या को लेकर हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का तर्क था कि उनके पास इसकी कोई शिकायत नहीं पहुंची है। उधर फार्मासिस्टों ने शुक्रवार को भी जब दवा वितरण ठप कर दिया तो शासन ने इसमें दखल दिया।
डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के प्रवक्ता व राजकीय फार्मासिस्ट महासंघ के अध्यक्ष सुनील यादव ने बताया कि मुख्य सचिव ने उनकी मांगों पर सकारात्मक कार्यवाही का आश्वासन दिया है। एसोसिएशन ने इस आश्वासन के बाद 10 दिसंबर से प्रस्तावित अनिश्चितकालीन हड़ताल को भी स्थगित कर दिया है।
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