Move to Jagran APP

अपने कर्तव्य का पालन करना ही सबसे बड़ा धर्म

आज भी महिलाओं के लिए आदर्श हैं मां सीता संयमित जीवन ही पूजा के साथ सबसे बड़ी राष्ट्रसेवा

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 Jan 2020 01:38 AM (IST)Updated: Sat, 18 Jan 2020 01:38 AM (IST)
अपने कर्तव्य का पालन करना ही सबसे बड़ा धर्म
अपने कर्तव्य का पालन करना ही सबसे बड़ा धर्म

संवाद सहयोगी, हाथरस : जीवन में अपने कर्तव्य का पालन करना ही सबसे बड़ा धर्म व सबसे बड़ी पूजा है। कर्तव्य का पालन न करना ही अधर्म व पाप है। कर्तव्य पालन करने में से बचे कुछ पल ही ईश्वर पूजा के लिए पर्याप्त हैं।

loksabha election banner

ये विचार तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी महाराज ने बागला महाविद्यालय में आयोजित श्री राम कथा के छठवें दिन व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि वही शूरवीर है जो पर स्त्री के नेत्र वाणों से विद्ध ना हो और पर नारी को अपनी बहन व बेटी की नजर से देखे। ऐसा होने से महिलाओं प्रति हो रहे अपराध स्वयं ही रुक जाएंगे। उन्होंने युवकों से कहा कि वह कर्तव्य पालन करते हुए संयमित जीवन जियें। यही उनकी सर्वोत्तम पूजा व राष्ट्र सेवा होगी। श्री राम विवाह के बारे में उन्होंने कहा कि राम ने गुरु के आदेश का पालन करते हुए जनक सुता सीता का वरण कर अपने धर्म का पालन किया। मां सीता ने अपने पत्नी धर्म का पालन किया और सदा-सदा के लिए पूज्य और आदर्श बन गईं। उन्होंने कहा कि रामचरितमानस ने ही तुलसी को भक्तमाल का सुमेरु बना दिया है। इस कथा के आयोजन के लिए आगे आए युवाओं की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि युवाओं का यह कार्य सराहनीय है। सुरक्षा के व्यापक इंतजाम

राज्यपाल की सुरक्षा को लेकर व्यापक इंतजाम पुलिस प्रशासन द्वारा किए गए थे। काफी संख्या में पुलिस फोर्स सुबह से कथा स्थल पर पहुंचना शुरू हो गया था। ट्रैफिक व्यवस्था के लिए भी अतिरिक्त सिपाही तैनात किए गए थे। जनपद में आसपास के सभी थानों से पुलिस की व्यवस्था की गई थी। इसके साथ ही फायर ब्रिगेड, एंबुलेंस आदि की भी व्यवस्था कथा स्थल पर मौजूद थी। राज्यपाल के जाने के बाद पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने राहत की सांस ली। जब राज्यपाल ने बनाई वीडियो

राज्यपाल बेबीरानी मौर्य का भगवान श्री राम के प्रति भक्तिभाव साफ नजर आया। उन्होंने कथा व्यास जगद्गुरु रामभद्राचार्य के प्रवचनों को गंभीरता से सुना। इसके साथ ही अपना मोबाइल निकालकर खुद प्रवचनों की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की। राज्यपाल के इस सहज स्वभाव को देखकर सभी तारीफ करते नजर आए।

ए-बेटियों की रक्षा के लिए बेटों को भी राम बनाना पड़ेगा : बेबीरानी

श्रीराम कथा में में शामिल हुईं उत्तराखंड की राज्यपाल ब्लर्ब-

कथा वाचक जगद्गुरु श्रीराम भद्राचार्य को जन्मदिन के लिए दीं शुभकामनाएं संवाद सहयोगी, हाथरस : भगवान श्रीराम को मर्यादा पुरुषोत्तम यूं ही नहीं कहा जाता। उन्होंने सीता के वरण के समय कहा था, 'मैं सपने में भी पराई स्त्री की कल्पना नहीं कर सकता।' आज यदि बेटियों की रक्षा करनी है, तो बेटों को भी राम बनाना पड़ेगा। इससे वह जीवन में कभी भी दूसरों की बहन-बेटियों को बुरी नजर से नहीं देखेंगे।

ये बातें श्रीराम कथा महोत्सव के छठवें दिन उत्तराखंड की राज्यपाल बेबीरानी मौर्य ने कहीं। श्री राघव माधव सेवा समिति के तत्वावधान में यह आयोजन बागला डिग्री कालेज के मैदान में चल रहा है। सबसे पहले राज्यपाल ने कथा व्यास जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज को जन्म दिवस की बधाई दी। इसके बाद प्रभु श्रीराम के चरणों में नमन किया। उन्होंने कहा रामकथा से सामाजिक धाíमकता, सुरक्षा, भाईचारे का संदेश मिलता है। कथा व्यास रामभद्राचार्य महाराज की तारीफ करते हुए कहा कि उनके प्रवचन के दौरान ऐसा महसूस होता है कि मानो भगवान श्रीराम और सीताजी साक्षात कथा स्थल पर मौजूद हों। बहुत दिनों बाद जगद्गुरु के दर्शन की इच्छा हाथरस में आकर पूरी हुई है। राज्यपाल ने कहा कि भारत विश्वगुरु बनने की राह पर चल पड़ा है। यह जल्द ही साकार होगा। राज्यपाल को आयोजन समिति की ओर प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.