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बकायेदारों को नहीं रिझा पा रही ओटीएस

बिजली विभाग के बकायादारों को एक मुश्त समाधान योजना (वन टाइम स्कीम) नहीं रिझा पा रही है। जनपद में 12 फीसद उपभोक्ताओं ने योजना का लाभ देने के लिए पंजीकरण कराया है। छूट का लाभ देने के लिए 31 जनवरी तक का समय दिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2021 01:02 AM (IST)Updated: Mon, 18 Jan 2021 01:02 AM (IST)
बकायेदारों को नहीं  रिझा पा रही ओटीएस
बकायेदारों को नहीं रिझा पा रही ओटीएस

जासं, हाथरस : बिजली विभाग के बकायादारों को एक मुश्त समाधान योजना (वन टाइम स्कीम) नहीं रिझा पा रही है। जनपद में 12 फीसद उपभोक्ताओं ने योजना का लाभ देने के लिए पंजीकरण कराया है। छूट का लाभ देने के लिए 31 जनवरी तक का समय दिया गया है।

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ये है स्कीम : बिजली विभाग ने कोविड-19 को देखते हुए वाणिज्यिक, औद्योगिक और अन्य निजी संस्थानों के बकायादारों को ब्याज में छूट का लाभ देने के लिए एकमुश्त समाधान योजना शुरू की है। कोरोना काल के कारण बकायादारों को सुविधा देने के लिए दुबारा से इस योजना का लाभ दिया जा रहा है।

ये है स्थिति : जनपद में ओटीएस स्कीम का लाभ लेने के लिए 5437 उपभोक्ताओं को पात्र पाया गया है। इसमें से 682 उपभोक्ताओं ने ही पंजीकरण कराया है। पंजीकरण की अंतिम तिथि समाप्त होने में 12 दिन का समय रह गया है। इस अवधि में शेष उपभोक्ताओं का पंजीकरण मुश्किल लग रहा है। वर्जन--

कोरोना काल को देखते हुए ओटीएस स्कीम फिर से शुरू की गई है। उपभोक्ताओं को इसका लाभ उठाने के लिए पंजीकरण कराना चाहिए। अन्यथा बकायादारों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

-पवन कुमार अग्रवाल, अधीक्षण अभियंता

अंजली गंगवार एसडीएम सिकंदराराऊ बनाई गईं

जासं हाथरस : जिलाधिकारी रमेश रंजन ने रविवार देर रात दो उप जिलाधिकारियों के कार्यक्षेत्र में बदलाव कर दिया। एसडीएम सिकंदराराऊ विजय शर्मा को प्रभारी अधिकारी कलक्ट्रेट बनाया गया है। वहीं कलक्ट्रेट की प्रभारी अधिकारी अंजली गंगवार को सिकंदराराऊ का एसडीएम बनाया गया है। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने कराई

जलभराव की समस्या दूर

जासं, हाथरस : ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा ने रविवार को गांव कथरिया, मुरसान कई साल से चली आ रही जलभराव की समस्या को स्थलीय निरीक्षण कर दूर कराया।

गांव के मुख्य रास्ते से ट्रैक्टर ट्रॉली, ट्रक और दुपहिया वाहनों का आवागमन हो रहा था। जलभराव होने से सड़क की हालत बिगड़ गई थी। लोगों में गुस्सा था। नाली निर्माण के लिए कई बार प्रयास किया गया कितु विवाद की स्थिति होने के कारण निर्माण नहीं हो सका। जानकारी मिलने पर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने स्थलीय निरीक्षण कर पक्ष-विपक्ष सभी ग्राम वासियों की उपस्थिति में सहमति बनवाकर निस्तारण किया। जिला पंचायत से नाली निर्माण कार्य प्रारंभ करवाया।


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