दूध की कीमतें गिराने का तीसरे दिन भी विरोध, चिलर प्लांटों में सन्नाटा
संवाद सहयोगी, हाथरस : दुग्ध उत्पाद बनाने वाली कंपनियों की ओर से दूध के भाव में भारी कमी किए
संवाद सहयोगी, हाथरस : दुग्ध उत्पाद बनाने वाली कंपनियों की ओर से दूध के भाव में भारी कमी किए जाने का असर तीसरे दिन भी नजर आया। तमाम दुग्ध उत्पादकों की ओर से दूध की आपूर्ति न किए जाने के चलते चिलर प्लांटों पर सन्नाटा पसरा रहा। इसे लेकर दुग्ध उत्पादकों ने प्रदर्शन भी किया और कंपनियों के प्रति गहरा रोष जाहिर किया। दूध के दाम में उत्पादन लागत से भी कम भाव रखने के बाद यह संकट पैदा हुआ है।
दुग्ध उत्पादकों की चौ.प्रदीप कुमार ¨सह गुड्डू की अध्यक्षता में हुई बैठक में कंपनियों द्वारा दूध के भाव में भारी कमी किए जाने पर मंथन हुआ। इसमें नोटबंदी के बाद पैदा हुए संकट तथा दूध की कीमतें कम होने पर ¨चता व्यक्त की गई। वक्ताओं ने कहा कि दो माह पूर्व दूध के भाव 45 से 47 रुपये प्रति लीटर चल रहे थे, लेकिन अब यह भाव धड़ाम हो गए हैं और उत्पादकों से दूध 25 से 27 रुपये प्रति लीटर लिया जाने लगा है। यह रेट कुछ कंपनियों ने हाल ही में गिराए हैं। इससे दुग्ध उत्पादकों को भारी वेदना हुई है, क्योंकि 60 से 70 हजार रुपये की भैंस या गाय रखने के बाद उसके दाना-चारा व अन्य व्यवस्थाओं पर खर्च के बाद दूध की उत्पादन लागत 25 रुपये प्रति लीटर आ रही है। ऐसे में किसानों के सामने पशु पालने का संकट पैदा हो जाएगा। सभी ने शांति पूर्वक इन कंपनियों का विरोध किए जाने का निर्णय लिया। दुग्ध उत्पादकों की हड़ताल से चिलर प्लांटों पर सन्नाटा पसरा रहा। हालांकि शुक्रवार को सभी ने निर्णय लिया कि जो दूधिए बाजार में दूध की आपूर्ति कर रहे हैं, उन्हें रोककर समझाया जाए। किसी का भी कतई नुकसान नहीं होना चाहिए। इसके लिए सभी ने एक राय होकर सरकार से दूध खरीदने के लिए उत्पादकों को उचित मूल्य दिलाने की मांग की।
इनका कहना है..
दुग्ध उत्पादकों की मांगों का ज्ञापन शासन को भेज दिया गया है। सभी दुग्ध उत्पादकों को शांति व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। कानून व्यवस्था से किसी को खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा। दूध फैलाने की घटनाओं को गंभीरता से लिया गया है। इसके लिए पुलिस को शांति व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं।
-रेखा एस.चौहान, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व