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खसरा-रुबेला के टीकाकरण से केवल एक की हालत बिगड़ी!

स्वास्थ्य विभाग ने सरकार को भेजी रिपोर्ट में यह बात स्वीकारी है रिपोर्ट में कहा है- बीमार नहीं पड़े, इंजेक्शन लगने से सहम गए थे

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 07:52 AM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 07:52 AM (IST)
खसरा-रुबेला के टीकाकरण से  केवल एक की हालत बिगड़ी!
खसरा-रुबेला के टीकाकरण से केवल एक की हालत बिगड़ी!

संवाद सहयोगी, हाथरस : नौ महीने से 15 साल तक के बच्चों के लिए चलाए जा रहे खसरा-रुबेला टीकाकरण अभियान के दौरान दर्जनों स्कूली बच्चों की हालत बिगड़ने के मामले सामने आए थे, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने सरकार को भेजी रिपोर्ट में केवल एक छात्रा के गंभीर रूप से बीमार पड़ने की बात स्वीकारी है। अधिकारियों ने रिपोर्ट में कहा है कि बाकी बच्चे टीकाकरण के दौरान इंजेक्शन लगने से सहम गए थे।

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जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. बिजेंद्र ¨सह के मुताबिक पूरे अभियान में केवल 12 स्कूली बच्चों ने टीकाकरण के बाद हालत बिगड़ने की बात कही थी, जिन्हें जिला अस्पताल में लाया गया था। सभी बच्चे दस साल से ज्यादा उम्र के थे। जांच में इनमें से 11 बच्चों की हालत सही पाई गई। यह बच्चे इंजेक्शन लगने से सहम गए थे। उनके दिमाग पर टीकाकरण का मनोवैज्ञानिक असर पड़ा था। गांव सूजिया की एक छात्रा की हालत गंभीर मिली थी, जिसे आगरा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। जांच में पता चला था कि छात्रा को पहले से वायरल फीवर था। खाली पेट टीकाकरण

से बिगड़ी थी हालत

टीकाकरण के दौरान बच्चों की हालत बिगड़ने के मामले कई जिलों में सामने आने के बाद सरकार ने सभी जिलों से रिपोर्ट मांगी थी। स्वास्थ्य विभाग ने भेजी गई रिपोर्ट में बच्चों पर अभियान का मनोवैज्ञानिक असर पड़ने की बात कही है। स्कूलों में चले अभियान के दौरान उन बच्चों की हालत बिगड़ी थी जो खाली पेट स्कूल पहुंचे थे। इसके बाद सीएमओ और जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने लोगों से बच्चों को कुछ खिलाकर स्कूल भेजने की अपील भी की थी। मंडल में टॉप पर हाथरस

डॉ. बिजेंद्र ¨सह ने बताया कि खसरा-रुबेला टीकाकरण का लक्ष्य 97 फीसद हासिल कर लिया गया है। जिले में 5.98 लाख बच्चों को टीके लगने थे। 26 दिसंबर टीकाकरण की आखिरी तारीख थी। तब तक विभाग केवल 80 फीसद लक्ष्य हासिल कर पाया था। स्कूलों में टीकाकरण के कारण अभियान लंबा ¨खच गया। आउटरीच अभियान की शुरुआत देर से हो सकी। फिलहाल अभियान की कोई समय सीमा नहीं है। जल्द ही सौ प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा। डॉ. बिजेंद्र ¨सह ने बताया कि जिले ने टीकाकरण में प्रदेशभर में 11वां पायदान हासिल किया है। मंडल में हाथरस पहले नंबर पर है। लखनऊ, कानपुर जैसे जिलों को भी हाथरस ने पीछे छोड़ दिया है। आम टीकाकरण में पिछड़े

खसरा-रुबेला से अलग आम टीकाकरण में जिला लक्ष्य से काफी पीछे है। जिले ने दिए गए लक्ष्य का केवल 78 फीसद ही हासिल किया है। सहपऊ, मुरसान व शहरी क्षेत्र में टीकाकरण कम हुआ है। दिसंबर तक एटा में 87 फीसद, कासगंज में 85 फीसद व अलीगढ़ में 82 फीसद टीकाकरण हुआ है। आम टीकाकरण में जिला स्तरीय अस्पतालों से लेकर सीएचसी, पीएचसी व सब सेंटरों में गर्भवती को दो टिटनेस के टीके, शिशु के जन्म पर बीसीजी व हेपेटाइटिस बी, डेढ़ माह, ढाई माह व साढ़े तीन माह पर पेंटावैलेंट व रोटा वायरस से बचाव के ड्राप्स दिए जाते हैं। पोलियो वैक्सीन भी दी जाती है। पांच साल तक के बच्चों को विटामिन ए की खुराक दी जाती है।


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