आंधी-बारिश में ही नहीं, हर मौसम में कटौती का करंट
शहरी क्षेत्र में भी हो रही कई घंटे की कटौती ताज ट्रिपेजियम जोन सादाबाद में महज 10 घंटे आपूर्ति
टीम जागरण, हाथरस : जिले में आंधी-बारिश में ही नहीं, बिजली कटौती हर मौसम में हो रही है। फर्क इतना है कि आंधी-बारिश के समय और बुरा हाल हो जाता है। इन दिनों शहर में भी पांच से छह घंटे की रोजाना कटौती हो रही है। ताज ट्रिपेजियम जोन सादाबाद में भी बिजली का बुरा हाल है और निर्धारित शेडयूल से आधे से भी कम आपूर्ति मिल रही है। गांवों का हाल यह है कि जुलाई में बारिश कम होने से किसान फसलों की सिचाई के लिए तरस गए।
ताज ट्रिपेजियम जोन (टीटीजेड) में आने वाले सादाबाद नगर क्षेत्र में 22 घंटे तथा देहात क्षेत्र में 18 घंटे बिजली आपूर्ति के आदेश हैं। कस्बे के लोगों को 10 से 12 घंटे आपूर्ति बड़ी मुश्किल से मिल रही है। आंधी व बारिश में जब फॉल्ट हो जाता है तो कर्मचारी दो से तीन घंटे सही करने में लगा देते हैं।
सिकंदराराऊ नगरीय क्षेत्र में 20 घंटे तथा ग्रामीण अंचल में 16 घंटे आपूर्ति देने के आदेश हैं। कटौती के निर्धारित समय पर बिजली गुल हो जाती है, लेकिन वापसी का समय निश्चित नहीं होता। इन दिनों बमुश्किल 12 से 14 घंटे बिजली मिल पा रही है। बुधवार की रात को जन्माष्टमी के दिन भी रात एक बजे नौखेल फीडर से जुड़े पुरानी तहसील रोड, ब्राह्मणपुरी इलाके की बिजली गुल हो गई थी, जो गुरुवार को सुबह छह बजे चालू हुई। ग्रामीण अंचल की स्थिति पर गौर करें तो पिछले तीन दिन में कई घंटे बिजली गुल रही।
सासनी तहसील मुख्यालय पर 21.30 घंटे तथा ग्रामीण इलाके में अठारह घंटे बिजली देने का रोस्टर विभाग ने तय किया है। अन्य कस्बों की अपेक्षा यहां बिजली आपूर्ति की हालत कुछ ठीक है। विभागीय अधिकारी की मानें तो कस्बे में 12 अगस्त को 19 घंटे 30 मिनट और ग्रामीण क्षेत्र में 16 घंटे बिजली मिली। 11 अगस्त को कस्बे में 19 घंटे व ग्रामीण क्षेत्र में सोलह घंटे मिली। इसी प्रकार 10 अगस्त को कस्बे में 18 घंटा 30 मिनट तथा ग्रामीण क्षेत्र में 16 घंटे बिजली दी गई।
बोले उपभोक्ता
अघोषित कटौती को लेकर अधिशासी अभियंता तथा एसडीएम को ज्ञापन दिया था, लेकिन आज तक विद्युत आपूर्ति में सुधार नहीं हुआ। देहात में नलकूप के बिल अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा तीन गुने हैं। इसके बाद भी किसान फसल की सिचाई के लिए बिजली के लिए तरस रहे हैं।
-प्रदीप चौधरी, कोल्ड स्टोरेज संचालक, सादाबाद टीटीजेड क्षेत्र में होने के बावजूद अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा हमें विद्युत आपूर्ति बहुत कम मिल रही है। मनमर्जी से विद्युत अधिकारी आपूर्ति दे रहे हैं। कस्बा में टूटी लाइनों को सही कराने की मांग कर चुके हैं।
-कालीचरण पचौरी, उपभोक्ता, सादाबाद सरकार की मंशा के अनुरूप बिजली नहीं मिलती है। विद्युत विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों से पूछने पर ऊपर से सप्लाई नहीं होने की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं।
-मुकेश चौधरी, सासनी गांव में विद्युत सप्लाई रोस्टर के अनुसार नहीं आती है। कभी रात में फॉल्ट होने या काम होने का बहाना बनाकर जनता को परेशान किया जाता है।
हरि सिंह, सासनी बिजली न आने के कारण लघु उद्योग धंधे प्रभावित हो रहे हैं। चक्की एवं स्पेलर का काम भी सही ढंग से नहीं हो पा रहा है। बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है।
-संजीव महाजन, व्यापारी, सिकंदराराऊ अगर कोई तार टूट जाता है तो बार-बार शिकायत करने के बाद भी कर्मचारी ठीक करने नहीं पहुंचते। कभी बिजली आती है तो वोल्टेज कम ज्यादा होते रहते हैं।
वीरेश पुंढीर, टीकरी कलां वर्जन --
कंट्रोल रूम से जितनी बिजली मिल रही है, उसी हिसाब से शहर, कस्बा और गांवों में रोस्टर के हिसाब से बिजली उपलब्ध कराई जा रही है। शिकायतों का निस्तारण किया जाता है।
हरीमोहन, अधीक्षण अभियंता, विद्युत
बारिश ने धोया वसूली अभियान
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जासं, अलीगढ़ : गांवों में स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र, आंगनबाड़ी केंद्र व अन्य से बिजली बकाया वसूलने को गुरुवार को शुरू किया गया अभियान बारिश के कारण सफल नहीं हो पाया। रुक-रुक कर बारिश होने से संबंधित अधिकारी व कर्मचारी वसूली को नहीं पहुंच सके। पहले दिन सात ब्लॉक में से सासनी, मुरसान व सहपऊ ब्लॉक में कैंप लगाए गए। एसई हरीमोहन ने बताया कि यहां के बीडीओ को संबंधित ग्राम पंचायतवार बकाया सूची सौंप दी है। सूची को प्रधान को देकर वसूली कराई जाएगी। एक अप्रैल 2018 से पहले स्कूलों के बिल शिक्षा विभाग और बाद के प्रधान भरेंगे। अन्य के बिल भी प्रधान जमा करेंगे। दूसरे दिन शुक्रवार को सिकंदराराऊ, हसायन, हाथरस व सादाबाद में कैंप लगाए जाएंगे।